जिन अफसरों ने लटकाए, CM ने उनको ही ट्रांसफर कर दिए पेंडिंग केस,सीएम के जनता दरबार में पहुंचे लोगों को हाथ लगी निराशा

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जिन अफसरों ने लटकाए, CM ने उनको ही ट्रांसफर कर दिए पेंडिंग केस,सीएम के जनता दरबार में पहुंचे लोगों को हाथ लगी निराशा

जिन अफसरों ने लटकाए, CM ने उनको ही ट्रांसफर कर दिए पेंडिंग केस,सीएम के जनता दरबार में पहुंचे लोगों को हाथ लगी निराशा

एनबीटी न्यूज, फरीदाबाद: सीएम का जनता दरबार। ये शब्द सुनते ही सिस्टम और नाकारा अफसरों से हार चुके लोगों के चेहरे पर रौनक आ जाती है। उनको पता है कि यहां पर उनकी समस्या का हल हो ही जाएगा। आखिर वो ऐसी उम्मीद रखें भी क्यों न, क्योंकि दरबार राज्य के मुखिया का जो है। इसी उम्मीद से रविवार को कई लोग मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दरबार में पहुंचे। हालांकि वहां से लोग निराश होकर लौटे क्योंकि जिन अफसरों ने उनके मामले लटकाए हुए थे उनको ही सीएम ने वापस ट्रांसफर कर दिए। लोगों ने कहा कि जनता दरबार से लगा था कि सीएम सीधे लोगों की समस्या सुनेंगे और मौके पर निपटारा करेंगे परंतु सीएम ने अलग- अलग डिपार्टमेंट में बांट दिया। विभाग के वही अधिकारी वहां लोगों की सुनवाई कर रहे थे जिन्हें पहले से समस्या के बारे में पता था। अधिकारियों ने समस्या का हल करना होता तो उनको यहां आना ही नहीं पड़ता। यहां शिकायत लेकर आना समय की बर्बादी ज्यादा लगा।

डिस्कवरी पार्क सोसायटी के निवासी अमित गुप्ता ने बताया कि पहले सीएम के पास गए वहां से एफएमडीए, स्मार्ट सिटी वाले हिस्से में भेज दिया गया। यहां डिस्ट्रिक्ट टाउन प्लानर (डीटीपी) को जब बिल्डर के खिलाफ शिकायत दी तो डीटीपी ने हैरानी वाला बयान दिया। डीटीपी ने कहा कि बिल्डर जब तक प्रॉजेक्ट का ओसी (ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट) नहीं ले लेता तब तक हम कुछ नहीं कर सकते। आप हरेरा या कोर्ट में शिकायत कीजिए वहां सुनवाई की जाएगी। शिकायतकर्ता के काफी कहने पर डीटीपी ने बिल्डर प्रतिनिधि तथा लोगों के साथ एक संयुक्त मीटिंग करने का आश्वासन दिया।

पार्क फ्लोर-टू सोसायटी के आरडब्ल्यूए प्रेसिडेंट राजीव भारद्वाज भी अपनी शिकायत लेकर पहुंचे। उन्होंने बताया कि प्रॉजेक्ट के पास अभी तक ओसी नहीं है। यहां लोगों को पजेशन दिए हुए दस साल से ज्यादा का समय बीत गया। डीटीपी को शिकायत दी तो उन्होंने बताया कि बिल्डर की ओर से सोसायटी में ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स नहीं बनाए गए हैं। ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स का काम चल रहा है। काम खत्म होने के बाद कंप्लीशन सर्टिफिकेट तथा ओसी दोनों दी जाएगी। यहां सोसायटी के अन्य लोग भी मौजूद थे।

सुबह साढ़े सात से दोपहर ढाई बजे तक बैठे रहे लोग
दरबार के लिए डीसी कार्यालय की ओर से लोगों को सुबह साढ़े सात बजे कन्वेंशन सेंटर आने की सूचना दी गई। करीब आठ बजे भारी संख्या में लोग अपनी समस्या लेकर सेंटर पहुंच। लोग बोले कि सीएम दस बजे पहुंचे। एक-दो लोगों की शिकायत सुनने के बाद सीएम ने अलग-अलग डिपार्टमेंट में बांट दिया। बांटे गए डिपार्टमेंट में भी कोई व्यवस्था नहीं थी।

शिकायत सुनने को विभाग क्यों बना दिए
दरबार में पहुंचे लोग बोले कि प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया था कि सीएम शिकायत सुनेंगे लेकिन यहां पर इसके लिए डिपार्टमेंट बना दिए गए। ये पहले बता देते तो हम आते ही नहीं। अफसरों को ही दिक्कत बतानी थी तो ऑफिस जाते यहां आने का क्या मतलब रहा।

सीवर की समस्या लेकर पहुंचे
सेक्टर- 15ए के लोगों ने सीएम को सीवर ओवरफ्लो की समस्या के बारे में जानकारी देने पहुंचे। सेक्टर-15ए आरडब्ल्यूए प्रधान डीसी गर्ग ने बताया कि सीएम ने शिकायत सुनने की ड्यूटी कृष्णपाल गुर्जर को दे दी। उनसे तो उनके दफ्तर पर भी मिला जा सकता था। केंद्रीय मंत्री ने सीवर की समस्या के लिए एक नए प्रस्ताव के तहत समाधान करने की बात कही। सेक्टर-15 मार्किट वेलफेयर असोसिएशन के प्रेसिडेंट आलोक ने भी बाजार में भी वेंडर जोन, पार्क, सीवर ओवरफ्लो की समस्या को लेकर शिकायत की। वह बोले कि समाधान का आश्वासन मिला लेकिन शिकायत सीएम को बताने गए थे पर उन्होंने नहीं सुनी।

अंदर जाने ही नहीं दिया गया
जनता दरबार के बाहर बैठे महेश नाथ ने बताया कि वह अनुसूचित जनजाति से आते हैं और भूपानी गांव के रहने वाले हैं। 2018 में आवास योजना के तहत घर आवंटित किया गया लेकिन आज तक नहीं मिला। केंद्रीय मंत्री के कार्यालय के चक्कर लगा लगाकर थक गया हूं लेकिन कुछ नहीं हो पाया। डीसी ऑफिस से बीडीपीओ को काम करने के लिए कहा गया, तब भी कुछ नहीं हो पाया। सीएम दरबार में जाने ही नहीं दिया जा रहा।

लोन की किस्त चुकाने में जा रही है पेंशन
बल्लभगढ़ से आए सुभाष सैनी ने बताया कि उन्होंने एक निजी बैंक से अपने बेटे के इलाज के लिए लोन लिया था। इसकी राशि चुकाते-चुकाते पांच साल बीत गए हैं। लोन की मूल राशि चुका दी है लेकिन हर बार बैंक राशि जमा कराने के लिए एक लेटर भेज देता है। महीने के 11 हजार रुपये बैंक लोन में जा रहे है। यहां सीएम दरबार में शिकायत लेकर आए तो बार- बार नंबर बदलने के अलावा कुछ और नहीं मिल पाया।

पुलिस से झगड़ते दिखे लोग
सीएम से शिकायत करने के लिए लोग पुलिस से बहस करते दिखाए दिए। लोगों को अंदर दरबार में जाने नहीं दिया गया। गेट के बाहर रोते लोगों ने कहा कि जब सीएम को शिकायत नहीं सुननी थी तो जनता दरबार क्यों लगाया।

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