जानिए कैसे योगी आदित्यनाथ के संपर्क में आए और सबसे भरोसेमंद बन गए मोतीलाल सिंह, निधन पर सीएम दुखी

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जानिए कैसे योगी आदित्यनाथ के संपर्क में आए और सबसे भरोसेमंद बन गए मोतीलाल सिंह, निधन पर सीएम दुखी

जानिए कैसे योगी आदित्यनाथ के संपर्क में आए और सबसे भरोसेमंद बन गए मोतीलाल सिंह, निधन पर सीएम दुखी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ओएसडी मोतीलाल सिंह की सड़क हादसे में मौत हो गई है। उनकी पत्नी और ड्राइवर को बीआरडी, मेडिकल कॉलेज गोरखपुर भेज दिया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। मोतीलाल सिंह के निधन की खबर से लखनऊ से लेकर गोरखनाथ मंदिर परिवार में शोक की लहर है। सीएम योगी आदित्यनाथ भी इस दुर्घटना के बाद से बेहद परेशान बताये जा रहे हैं। वो पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। खबर ये भी है कि सीएम योगी उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल हो सकते हैं। निधन पर सीएम ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय, गोरखपुर के मोती लाल सिंह के सड़क दुर्घटना में दुःखद निधन पर शोक प्रकट किया है। सीएम योगी ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोकाकुल परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

सीएम के भरोसेमंद थे मोतीलाल सिंह
बताया जा रहा है कि मोतीलाल सिंह सीएम योगी के बेहद करीबी थे। वो नगर निगम में अपर आयुक्त के पद पर तैनात रहते हुए गोरखनाथ मंदिर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संपर्क में आये थे। उनके काम करने की क्षमता को देखते हुए सीएम योगी ने मोतीलाल सिंह के रिटायर होने के बाद गोरखनाथ मंदिर में स्थापित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के प्रभारी की जिम्मेदारी सौंप दी। उसके कुछ दिन बाद ही उन्हें मुख्यमंत्री का ओएसडी भी बना दिया गया था।

कई जिम्मेदारियां संभाल चुके थे मोतीलाल
गोरखनाथ मंदिर कैंप कार्यालय के प्रभारी व मुख्यमंत्री के ओएसडी रहे मोतीलाल सिंह आजमगढ़ के बूढ़नपुर रहने वाले थे। मोतीलाल गोरखपुर जिले में चौरी चौरा और बांसगांव में एसडीएम की जिम्मेदारी भी संभाल चुके थे। वर्तमान में वह विश्वविद्यालय चौराहे के पास सरकारी आवास में रहते थे। सीएम योगी के गोरखपुर कैंप कार्यालय और जनता दर्शन से लेकर मंदिर में आने वाली सभी समस्याओं और शिकायतों के निस्तारण में मोतीलाल सिंह समन्वयक की भूमिका निभाते थे। साथ ही सीएम योगी के दौरे की पूरी व्यवास्था देखते थे।

जब गुहार लेकर आई पीड़िता को खाना खिलवाया
मोतीलाल सिंह कैंप कार्यालय में आने वाले फरियादियों की गुहार सुनने के साथ-साथ उनकी समस्या हल करने की पूरी कोशिश करते थे। बताया जा रहा है कि एक बार गोला थाना क्षेत्र के एक गांव की पीड़िता अपनी फरियाद लेकर गोरखनाथ मंदिर कैंप कार्यालय पहुंची थी। वहां उसने कैंप प्रभारी के सामने रोते हुए अपनी पीड़ा बताई। उसने बताया कि उसके पति ने उसे बहुत मारा है, इलाज के लिये जिला अस्पताल लाया, जहां वो उसे छोड़कर चला गया है। इतना ही नहीं, रोते हुए उसने बताया कि हफ्ते भर कुछ नहीं खाया है। पीड़िता की बातों को सुनकर प्राभारी मोतीलाल सिंह ने तत्काल पीड़िता को खाना खिलवाया, साथ ही थानाप्रभारी को फोन करके पीड़िता की हर सम्भव मदद करने के लिये भी कहा। ये मामला सितंबर 2019 का बताया जा रहा है।

पीड़िता ने बताया कि उसके माता-पिता नहीं है, उसकी शादी चार साल पहले राहुल त्रिपाठी नाम के युवक के साथ हुई है। उसने अपने पति पर बात-बात पर पिटाई करने का आरोप लगाया और कहा कि वो उसे तलाक देने की धमकी देते हैं। कहते हैं कि तुम कहीं और चली जाओ। साथ ही उसने ये भी बताया कि अस्पताल में ही उससे किसी ने गोरखनाथ मंदिर कैंप कार्यालय जाने की बात कही थी इसलिये यहां न्याय की गुहार लेकर आई हूं।

रिपोर्ट- अभय सिंह

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