जाते जाते वापस लौटे मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, जानिए क्या हैं वापसी के मायने, देखें वीडियो | Tenure of MP Chief Secretary Iqbal Singh Bais extended for 6 months | Patrika News
मंत्रियों की नाराजगी पर सीएम की पसंद पर लगी मुहर
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस सीएम शिवराज सिंह की पसंद माने जाते हैं और चर्चा है कि उनके कार्यकाल के 6 महीने के लिए बढ़ने के लिए यही एक बड़ा कारण है। सूत्र बताते हैं कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से चर्चा कर इकबाल सिंह बैस के कार्यकाल को बढ़वाया है। सीएम शिवराज ने इस महीने 9 नवंबर को केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इकबाल सिंह बैंस के कार्यकाल को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था, जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया। इसी के बाद आज इकबाल सिंह बैंस के रिटायरमेंट वाले कार्यकाल को बढ़ाने के संबंध में आदेश जारी किया गया है। अब ये बात अलग है कि शिवराज कैबिनेट में शामिल सिंधिया खेमे के मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया और सुरेश धाकड़ पहले ही ये बात स्पष्ट तौर पर कह चुके हैं कि मुख्य सचिव उनके काम को तवज्जो नहीं देते हैं और उनके काम अटके हुए हैं लेकिन उसका असर दिखाई नहीं दिया। वहीं अगर इकबाल सिंह बैस के कार्यकाल को बढ़ाए जाने के पीछे के मायने तलाशे जाएं तो कहा जा रहा है कि प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरकार किसी दूसरे अधिकारी को मुख्य सचिव पद पर बैठाना नहीं चाहती थी इसलिए इकबाल सिंह बैस फिर से सीएम शिवराज सिंह चौहान की पसंद बने।
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इन नामों की थी चर्चा
इकबाल सिंह बैस का कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है, वो पहले 1 दिसंबर को रिटायर होने वाले थे और भाजपा के खेमे से ही इस तरह की कोई चर्चा निकलकर सामने नहीं आई थी कि उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। कुछ और वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के नाम पर चर्चाएं जरुर चल रही थीं जिनमें प्रमुख नाम अनुराग जैन का था जो वर्तमान में पीएमओ में कार्यरत हैं और पीएम मोदी के भरोसेमंद अधिकारियों में से एक हैं। दूसरा नाम मोहम्मद सुलेमान का था लेकिन ये भी चर्चाएं थीं कि मुस्लिम चेहरा होने के कारण शायद उनके नाम पर संघ राजी न हो। तीसरा नाम अजय तिर्की का था जिन्हें भी संभावित उम्मीदवार माना जा रहा था वो वर्तमान में केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। चौथा नाम एसएन मिश्रा का भी आया था जो कि वर्तमान में मध्यप्रदेश नर्मदा विकास प्राधिकरण में हैं। पांचवा नाम सरकार के सबसे भरोसे मंद राजेश राजौरा का था। लेकिन इकबाल सिंह बैस के कार्यकाल को बढ़ाए जाने का आदेश आने के बाद अब इन सभी चर्चाओं पर विराम लग गया है।
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