जयपुर मेयर के चुनाव में वसुंधरा राजे की एंट्री से घमासान! BJP उम्मीदवार के नाम की घोषणा से पहले कर दिया बड़ा खेल, जाने पूरा मामला

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जयपुर मेयर के चुनाव में वसुंधरा राजे की एंट्री से घमासान! BJP उम्मीदवार के नाम की घोषणा से पहले कर दिया बड़ा खेल, जाने पूरा मामला

जयपुर मेयर के चुनाव में वसुंधरा राजे की एंट्री से घमासान! BJP उम्मीदवार के नाम की घोषणा से पहले कर दिया बड़ा खेल, जाने पूरा मामला

जयपुर: पूर्व निगम आयुक्त के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार मामले में तीन पार्षदों और जयपुर ग्रेटर निगम की महापौर को निलंबित किए जाने के बाद अब नए महापौर का चुनाव हो रहा है। जयपुर ग्रेटर नगर निगम के चुनावों में अचानक पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की एंट्री हो गई। ग्रेटर निगम में भाजपा का बहुमत है और भाजपा का ही महापौर बनना लगभग तय है। पार्टी की ओर से तय किए गए महापौर के नए प्रत्याशियों के नामों को वसुंधरा राजे की एंट्री के बाद बदलना पड़ा। राजे के समर्थित 4 विधायक शुक्रवार को अचानक बीजेपी मुख्यालय पहुंचे और महापौर के लिए रश्मि सैनी का नाम फाइनल हो गया। रश्मि सैनी ने नामांकन दाखिल कर दिया। पार्टी की ओर से पूर्व में तय किए गए दोनों प्रत्याशियों को फजीहत झेलनी पड़ी।

पार्टी ने इन पार्षदों के नाम तय किए थे महापौर प्रत्याशी के लिए
बीजेपी पार्षद शील धाभाई जयपुर की पूर्व महापौर रह चुकी हैं। निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर के निलंबन काल में वे दो बार कार्यवाहक महापौर भी रही। पार्टी की ओर से शील धाभाई का नाम नए महापौर के लिए तय किया गया था। चूंकि धाभाई को कांग्रेस सरकार ने दो बार कार्यवाहक महापौर बनाया। ऐसे में उन पर आरोप लगे कि वे कांग्रेस से मिली हुई हैं।

इस वजह से उनका नाम कैंसिल कर दिया गया और नया नाम सुखप्रीत बंसल को प्रत्याशी तय किया। इसके बाद में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समर्थित चार विधायक नरपत सिंह राजवी, कालीचरण सराफ, अशोक लाहोटी और पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत बीजेपी मुख्यालय पहुंचे। सुखप्रीत बंसल पर बाहरी होने के आरोप लगे और अंत में रश्मि सैनी का नाम फाइनल किया गया।

पूर्व महापौर सौम्या गुर्जर के भी खिलाफ रहा वसुंधरा राजे गुट
वर्ष 2020 में जब जयपुर में नगर निगम के चुनाव हुए। तब ग्रेटर नगर निगम में बीजेपी को बहुमत मिलने के बाद जब पार्टी ने सौम्या गुर्जर का नाम तय किया तो वसुंधरा राजे खेमे ने नाराजगी जताई थी। उस समय राजे की नहीं चली लेकिन अब महापौर के उपचुनाव में राजे की चल गई। राजे समर्थित विधायक और पूर्व विधायकों ने ऐसी लॉबिंग की कि विरोध गुट को राजे गुट के आगे नतमस्तक होना पड़ा और रश्मि सैनी को महापौर का प्रत्याशी बनाया गया।

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प्रत्याशी नहीं बनाए जाने पर रो पड़ी शील धाभाई
पूर्व में शील धाभाई का नाम नए महापौर के लिए तय था लेकिन बाद में अचानक नए प्रत्याशी के नाम पर मोहर लगा दी गई। इस पर बीजेपी कार्यालय में ही पूर्व महापौर शील धाभाई रो पड़ी। मां को महापौर प्रत्याशी नहीं बनाए जाने से नाराज शील धाभाई की बेटी ट्विंकल अपने समर्थकों के साथ बीजेपी कार्यालय पहुंची और हंगामा करने लगी। ट्विंकल ने बीजेपी को थर्ड क्लास पार्टी बताया। इस दौरान बीजेपी शहर पदाधिकारियों से ट्विंकल की हॉट टॉक भी हुई। बाद में ट्विंकल वहां से चली गई।

रश्मि सैनी के पति 20 साल से सक्रिय हैं बीजेपी में
रश्मि सैनी को प्रत्याशी बनाए जाने के पीछे दो बड़े कारण हैं। पहला कारण तो यह है कि रश्मि सैनी के पति राजेन्द्र सैनी पिछले 20 साल से बीजेपी में सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं और वे विद्याधर नगर ब्लॉक के महामंत्री और किसान मोर्चा में भी रह चुके हैं। रश्मि सैनी नगर निगम की लाइट समिति की चेयरमैन भी रह चुकी हैं। दूसरा बड़ा कारण यह है कि शहर में सैनी समाज के मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है। सैनी समाज के मतदाताओं पर पकड़ बनाए रखने के लिए भी रश्मि को प्रत्याशी बनाया गया।
रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़

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