जयपुर में पांच ID देने पर ही हो सकेगा श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार, पढ़िए क्यों बना ये नियम

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जयपुर में पांच ID देने पर ही हो सकेगा श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार, पढ़िए क्यों बना ये नियम

जयपुर में पांच ID देने पर ही हो सकेगा श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार, पढ़िए क्यों बना ये नियम


Jaipur News: जयपुर नगर निगम हेरिटेज ने श्मशान घाट और कब्रिस्तान पर होने वाले अंतिम क्रियाकर्म को लेकर नया आदेश जारी किया है। इसके तहत अब अंतिम संस्कार के लिए पांच लोगों के पहचान पत्र की फोटो कॉपी जमा करनी होगी। इस संबंध में 8 मार्च को आदेश जारी किए थे।

 

श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए अब पांच लोगों की आईडी लगेगी
जयपुर: जयपुर के शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकायों की ओर से जगह जगह श्मशान घाट और कब्रिस्तान बनाए गए हैं, जहां मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाता है। जयपुर नगर निगम क्षेत्र के श्मशान घाटों पर होने वाले अंतिम संस्कार अब 5 व्यक्तियों की आईडी जमा कराने के बाद ही हो सकेंगे। जयपुर नगर निगम हेरिटेज ने हाल ही में एक ऑर्डर निकाला है, जिसमें साफ लिखा है कि मृतक का पहचान पत्र जमा कराने के साथ अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले 5 लोगों के पहचान पत्र की प्रतिलिपि जमा करानी होगी। श्मशान घाट पर तैनात नगर निगम के कर्मचारियों को मृतकों का पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित रखना होगा। इस रिकॉर्ड को हर महीने नगर निगम दफ्तर में जमा कराना होगा।

निगम के श्मशान घाटों पर अबतक होता था ये नियम

अब तक नगर निगम की ओर से मृतकों का पूरा रिकॉर्ड नहीं रखा जाता था। हालांकि मृतकों के दो परिजनों के पहचान पत्र की प्रतिलिपि जमा कराने का नियम है। लेकिन इस नियम का पालन फौरी तौर पर ही होता था। अंतिम संस्कार के लिए निर्धारित शुल्क जमा कराने के बाद रजिस्टर में एंट्री की जाती है। लेकिन अगर कोई गलत नाम पता लिख दे तो इसकी पुष्टि नहीं की जाती थी। कई बार ऐसे शवों का अंतिम संस्कार भी कर दिया जाता था, जिनमें किसी का भी पहचान पत्र नहीं जमा कराया जाता था। अब नया ऑर्डर जारी होने के बाद ऐसा नहीं हो सकेगा। मृतक का पहचान पत्र जमा कराए जाने के साथ परिजनों और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले 5 व्यक्तियों के पहचान पत्र की फोटो कॉपी जमा कराने के बाद ही अंतिम संस्कार हो सकेंगे।

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बीकानेर एसपी के पत्र के बाद बदला नियम

17 जनवरी 2023 में बीकानेर एसपी ने नगर निगम कमिश्नर को पत्र लिखा था। इस पत्र में श्मशान घाटों पर होने वाले अंतिम संस्कार में मृतकों और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों का रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का आग्रह किया गया था। पत्र में लिखा गया था कि ऐसा नहीं होने से कई बार आपराधिक प्रवृति के लोग हत्या या संदिग्ध परिस्थिति में होने वाली मौतों के बाद भी साजिश के तहत शवों का अंतिम संस्कार कर देते हैं। बाद में जब पुलिस जांच होती है तो बड़ी परेशानी होती है। दरअसल दो साल पहले बीकानेर निवासी एक महिला की जयपुर में हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद मृतका के पति ने परिजनों को सूचना दिए बिना ही अजमेर रोड़ स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। डेढ़ साल बाद पुलिस जांच करने पहुंची तो पता चला कि मृतका का कोई रिकॉर्ड श्मशान घाट या निगम कार्यालय में जमा नहीं है। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

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