जमीन के बदले नौकरी घोटाला: लालू की बेटी मीसा भारती से 9 घंटे की पूछताछ में ED को क्या मिला?

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जमीन के बदले नौकरी घोटाला: लालू की बेटी मीसा भारती से 9 घंटे की पूछताछ में ED को क्या मिला?

जमीन के बदले नौकरी घोटाला: लालू की बेटी मीसा भारती से 9 घंटे की पूछताछ में ED को क्या मिला?


लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती शनिवार को नौकरी के बदले जमीन मामले में ईडी की जांच में शामिल हुईं। मीसा दिन में करीब 11 बजे ईडी मुख्यालय पहुंचीं। इस महीने की शुरुआत में जांच एजेंसी ने कहा था कि दिल्ली, मुंबई, पटना और रांची में 24 स्थानों पर छापेमारी के दौरान एक करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, 1,900 डॉलर, 540 ग्राम सोना और 1.5 किलोग्राम सोने के आभूषण और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए थे।

 

मीसा भारती से ईडी की टीम ने आज पूछताछ की
नई दिल्ली/पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी और राज्यसभा सदस्य मीसा से शनिवार को ईडी की टीम ने करीब 9 घंटे पूछताछ की। ईडी की मीसा भारती से ये पूछताछ रेलवे में नौकरी के बदले जमीन संबंधी घोटाले से जुड़े मामले में थी। दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर में मीसा भारती से ये पूछताछ की। ईडी के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। राजद की राज्यसभा सांसद मीसा भारती दिन में करीब 11 बजे मध्य दिल्ली में ईडी के कार्यालय में पहुंचीं। समझा जाता है कि इसके बाद उनका बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया। उनके भाई और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इसी मामले में पूछताछ के लिए शनिवार को दिल्ली में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष पेश हुए। तेजस्वी यादव से करीब 8 घंटे पूछताछ हुई। दोनों केंद्रीय एजेंसियों ने हाल में इस मामले में कार्रवाई शुरू की थी।
सीबीआई ने लालू प्रसाद, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ की है। ईडी ने राजद प्रमुख के परिवार के परिसरों में छापे मारे हैं। ईडी ने छापेमारी के बाद कहा कि उसने एक करोड़ रुपये की ‘आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक नकदी’ बरामद की और अपराध में इस्तेमाल 600 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता लगाया है। उसने कहा कि प्रसाद के परिवार और उनके सहयोगियों की तरफ से रियल एस्टेट समेत विभिन्न क्षेत्रों में किए गए और निवेश का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।

निवेश का पता लगाने के लिए की जा रही जांच: एजेंसी

एजेंसी ने कहा कि प्रसाद के परिवार और उनके सहयोगियों की ओर से विभिन्न स्थानों पर रियल एस्टेट सहित विभिन्न क्षेत्रों में किए गए निवेश का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। कथित घोटाला उस समय हुआ जब प्रसाद केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन-1 नीत सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि 2004-09 की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह ‘डी’ पदों पर विभिन्न व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था। इसके बदले में संबंधित व्यक्तियों ने तत्कालीन रेल मंत्री प्रसाद के परिवार के सदस्यों को और इस मामले में लाभार्थी कंपनी ‘एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ को अपनी जमीन हस्तांतरित की थी।

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लालू परिवार पर है जमीन के बदले नौकरी देने का आरोप

सीबीआई का आरोप है कि नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि इसके बदले में उम्मीदवारों ने सीधे तौर पर या अपने करीबी परिवार के सदस्यों के माध्यम से कथित रूप से प्रसाद के परिवार के सदस्यों को अत्यधिक रियायती दरों पर प्रचलित बाजार दरों से कम कीमत पर जमीनें बेचीं। सीबीआई की ओर से लालू और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से पूछताछ के बाद तेजस्वी यादव ने संवाददाताओं से कहा है कि तत्कालीन रेल मंत्री प्रसाद के पास नौकरी के बदले रोजगार देने का ‘कोई अधिकार’ नहीं था।

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