जबलपुर नगर निगम में 60% वोटिंग, भेड़ाघाट के मतदाताओं ने रिकॉर्ड तोड़ा | 60 voting in Jabalpur Municipal Corporation, Bhedaghat broke the reco | Patrika News

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जबलपुर नगर निगम में 60% वोटिंग, भेड़ाघाट के मतदाताओं ने रिकॉर्ड तोड़ा | 60 voting in Jabalpur Municipal Corporation, Bhedaghat broke the reco | Patrika News

जबलपुर नगर निगम में 60% वोटिंग, भेड़ाघाट के मतदाताओं ने रिकॉर्ड तोड़ा | 60 voting in Jabalpur Municipal Corporation, Bhedaghat broke the reco | Patrika News

बेरुखी की ये भी वजह
● जबलपुर में बड़ी संख्या में मतदाताओं के वार्ड बदल गए।
● एक ही परिवार के लोगों के नाम अलग-अलग बूथ पर मिले।
● कई मतदान केंद्रों में वोट डालने गए मतदाताओं को इसलिए निराश होकर लौटना पड़ा कि मतदाता सूची में नाम ही नहीं था।
● कई जगह तो ऐसा भी हुआ कि प्रत्याशी और समर्थकों के मनाने पर भी वोटर घर से नहीं निकले।

पहले चरण का मतदान पूरा होने के साथ जबलपुर नगर निगम में महापौर के 11, पार्षद के 79 वार्डो के 364 प्रत्याशी, नगर पालिका सिहोरा व पनागर और नगर परिषद भेड़ाघाट व बरेला में पार्षद के 63 पदों के लिए चुनाव में उतरे 204 उम्मीदवारों का भाग्य इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में कैद हो गया। सूबे में निकाय चुनाव के पहले चरण में ‘समझदार’ शहरी मतदाता ग्रामीण मतदाताओं से वोटिंग में पिछड़ गए। पंचायत चुनाव के दोनों चरणों में औसत 79% मतदान हुआ, जबकि निकाय चुनाव में बुधवार को 61% मतदान हुआ। यानी पंचायत से 18% कम। यह पिछली बार के निकाय चुनाव से भी लगभग 7% कम है।

विशेषज्ञों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा मतदान का ट्रेंड रहा है। बहरहाल, 11 नगर निगम, 36 नगर पालिका और 86 नगर परिषद में मतदान हुआ। 59.10% महिलाओं, 63.20% पुरुषों, अन्य वर्ग के 34.60% लोगों ने मतदान किया। निकाय चुनाव में कम मतदान के पीछे और भी फैक्टर सामने आ रहे हैं। चुनाव का माहौल करीब दो महीने पहले से बन गया था, लेकिन उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों को प्रचार के लिए महज 24 दिन मिले।

पंचायत में ज्यादा क्यों
पंचायत चुनाव में क्षेत्र सीमित होता है। ज्यादातर लोग एक-दूसरे को जानते हैं। खासकर ग्राम पंचायत स्तर पर। ऐसे में प्रत्याशी और समर्थक मतदाताओं को घर से बाहर निकालकर मतदान कराने में सफल होते हैं।

तहसीलदार से धक्का-मुक्की
जबलपुर शहर के दीवान अधार सिंह वार्ड के खालसा स्कूल पोलिंग बूथ क्रमांक 907 में उस समय हंगामा हो गया, जब एक युवक ने आरक्षक से अभद्रता की। तहसीलदार पहुंचे, तो उनसे भी भिड़ गया। युवक को गिरफ्तार कर लिया है। वहां मौजूद पुलिस अधिकारी और जवान आरोपी युवक को पकड़कर थाने ले गए।

राज्य में धीमी रही मतदान की रफ्तार
पिछले चुनावों को देखें तो इस बार वोटिंग का आंकड़ा कम है। 2004-2005 में लोगों में जबर्दस्त उत्साह था। सूबे में रेकॉर्ड 91.68% वोट पड़े थे। हालांकि इस बार के कम आंकड़े के दूसरे चरण के मतदान में बढ़ने की बात कही जा रही है। राज्य निर्वाचन आयोग के सेवानिवृत्त सचिव अरुण तिवारी के अनुसार शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में ज्यादा मतदान हर चुनाव का ट्रेंड रहा है।



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