जन सेवा से जुड़े काम की गारंटी ‘अवधि पार’, लेटलतीफी हावी | delay in public service in rajasthan | News 4 Social
राजस्थान पत्रिका टीम ने राजधानी के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में पड़ताल की तो हकीकत सामने आई। कलक्ट्रेट, नगर निकायों में लोग छोटी-छोटी समस्याओं, दस्तावेज बनवाने के लिए महीनों से चक्कर काट रहे हैं। कभी कोई सरकारी बाबू दस्तावेज में कोई कमी बता देता है तो कभी सर्वर नहीं चलने का हवाला दिया जाता है। मूल निवास जैसा मामूली मगर अहम दस्तावेज बनने में 45 दिन का समय लग रहा है। यही हाल सीवर लाइन सफाई के हैं।
27 विभागों की 287 सेवाओं की गारंटी अधिनियम के तहत सरकार ने 27 विभागों की आमजन से जुडी़ 287 सेवाएं सूचीबद्ध कर रखी हैं। इन सेवाओं के लिए समयावधि तय कर रखी है। किसी सेवा के लिए एक दिन तो किसी के लिए 90 दिन। तय समयावधि में आमजन का काम पूरा हो इसकी जिम्मेदारी संबंधित विभागीय अधिकारियों की है।
आमजन से जुड़े कुछ प्रमुख कार्य और उनमें लग रहा समय कार्य ——————- तय समय सीमा — संबंधित विभाग — अभी इतना समय लग रहा – स्ट्रीट लाइट रिपेयरिंग —– 2 दिन —– नगर निगम —————— 4-5 दिन
– पब्लिक शौचालय का रखरखाव — 1 दिन — नगर निगम ———— 2-3 दिन – वाहन का सामान्य पंजीयन — 2 दिन — डीटीओ ————— 15-20 दिन – सीवर लाइन की सफाई — 1 दिन — नगर निगम ———— 4-5 दिन
– जाति प्रमाण पत्र —- 5 दिन —- राजस्व विभाग —– 30-50 दिन – मूल निवास प्रमाण पत्र — 5 दिन — राजस्व विभाग — 30-45 दिन – अनुसूचित जाति, जनजाति प्रमाण पत्र — 5 दिन — राजस्व विभाग — 30-40 दिन
– विधवा, बुजुर्ग, विकलांग पेंशन — 90 दिन — सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग — 5-6 महीने – नए राशन कार्ड बनवाना — 7 दिन — खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति — 30-40 दिन
– स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस — 2-3 दिन — परिवहन विभाग — 5-7 दिन लोग यों हो रहे परेशान 1 – करीब एक साल पहले बेटी का अलग राशन कार्ड बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। उसके बाद मुझे लकवा आ गया तो कलक्ट्रेट आ नहीं पाया। अब डेढ माह से कलक्ट्रेट में चक्कर काट रहा हूं। कोई जवाब ही नहीं देता। नए राशन कार्ड के लिए पता नहीं कितने चक्कर काटने पड़ेंगे।
– श्रवण कुमार, शास्त्री नगर 2. रोड लाइट बंद होने की ऑनलाइन शिकायत किए चार दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक न तो कोई फोन आया है और न ही मौके पर लाइट को सुधारने के लिए निगम का कोई कर्मचारी। क्षेत्र की कई लाइट्स खराब पड़ी हैं, लेकिन निगम इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
– भीरू यादव, गोपी नगर, सांगानेर
3. शिकायत किए हुए पंद्रह दिन से ज्यादा समय हो चुका है। मगर अभी तक सीवर लाइन सही नहीं हो पाई है। खास बात यह है कि रोजाना नगर निगम से यह जरूर पूछा जाता है कि आपकी शिकायत दूर हो गई क्या। पूरी कॉलोनी परेशान है लेकिन हल नहीं निकल रहा।
सुनील जैन, मानसरोवर कार्यवाही का अधिकार भी है
– अधिनियम के तहत जो सेवाएं सूचीबद्ध हैं, वह लोगों को तय अवधि में मिलनी ही चाहिए। ऐसा नहीं होता है तो कार्यवाही का अधिकार संबंधित विभाग को है। इस अधिनियम की कमियों को दूर करने के लिए ही अब जवाबदेही कानून लाया जा रहा है।
– ओपी बैरवा, निदेशक, आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय
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राजस्थान पत्रिका टीम ने राजधानी के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में पड़ताल की तो हकीकत सामने आई। कलक्ट्रेट, नगर निकायों में लोग छोटी-छोटी समस्याओं, दस्तावेज बनवाने के लिए महीनों से चक्कर काट रहे हैं। कभी कोई सरकारी बाबू दस्तावेज में कोई कमी बता देता है तो कभी सर्वर नहीं चलने का हवाला दिया जाता है। मूल निवास जैसा मामूली मगर अहम दस्तावेज बनने में 45 दिन का समय लग रहा है। यही हाल सीवर लाइन सफाई के हैं।
27 विभागों की 287 सेवाओं की गारंटी अधिनियम के तहत सरकार ने 27 विभागों की आमजन से जुडी़ 287 सेवाएं सूचीबद्ध कर रखी हैं। इन सेवाओं के लिए समयावधि तय कर रखी है। किसी सेवा के लिए एक दिन तो किसी के लिए 90 दिन। तय समयावधि में आमजन का काम पूरा हो इसकी जिम्मेदारी संबंधित विभागीय अधिकारियों की है।
आमजन से जुड़े कुछ प्रमुख कार्य और उनमें लग रहा समय कार्य ——————- तय समय सीमा — संबंधित विभाग — अभी इतना समय लग रहा – स्ट्रीट लाइट रिपेयरिंग —– 2 दिन —– नगर निगम —————— 4-5 दिन
– पब्लिक शौचालय का रखरखाव — 1 दिन — नगर निगम ———— 2-3 दिन – वाहन का सामान्य पंजीयन — 2 दिन — डीटीओ ————— 15-20 दिन – सीवर लाइन की सफाई — 1 दिन — नगर निगम ———— 4-5 दिन
– जाति प्रमाण पत्र —- 5 दिन —- राजस्व विभाग —– 30-50 दिन – मूल निवास प्रमाण पत्र — 5 दिन — राजस्व विभाग — 30-45 दिन – अनुसूचित जाति, जनजाति प्रमाण पत्र — 5 दिन — राजस्व विभाग — 30-40 दिन
– विधवा, बुजुर्ग, विकलांग पेंशन — 90 दिन — सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग — 5-6 महीने – नए राशन कार्ड बनवाना — 7 दिन — खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति — 30-40 दिन
– स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस — 2-3 दिन — परिवहन विभाग — 5-7 दिन लोग यों हो रहे परेशान 1 – करीब एक साल पहले बेटी का अलग राशन कार्ड बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। उसके बाद मुझे लकवा आ गया तो कलक्ट्रेट आ नहीं पाया। अब डेढ माह से कलक्ट्रेट में चक्कर काट रहा हूं। कोई जवाब ही नहीं देता। नए राशन कार्ड के लिए पता नहीं कितने चक्कर काटने पड़ेंगे।
– श्रवण कुमार, शास्त्री नगर 2. रोड लाइट बंद होने की ऑनलाइन शिकायत किए चार दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक न तो कोई फोन आया है और न ही मौके पर लाइट को सुधारने के लिए निगम का कोई कर्मचारी। क्षेत्र की कई लाइट्स खराब पड़ी हैं, लेकिन निगम इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
– भीरू यादव, गोपी नगर, सांगानेर
3. शिकायत किए हुए पंद्रह दिन से ज्यादा समय हो चुका है। मगर अभी तक सीवर लाइन सही नहीं हो पाई है। खास बात यह है कि रोजाना नगर निगम से यह जरूर पूछा जाता है कि आपकी शिकायत दूर हो गई क्या। पूरी कॉलोनी परेशान है लेकिन हल नहीं निकल रहा।
सुनील जैन, मानसरोवर कार्यवाही का अधिकार भी है
– अधिनियम के तहत जो सेवाएं सूचीबद्ध हैं, वह लोगों को तय अवधि में मिलनी ही चाहिए। ऐसा नहीं होता है तो कार्यवाही का अधिकार संबंधित विभाग को है। इस अधिनियम की कमियों को दूर करने के लिए ही अब जवाबदेही कानून लाया जा रहा है।
– ओपी बैरवा, निदेशक, आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय
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