छात्रसंघ चुनाव में सियासी दलों ने लगाया जोर, कांग्रेस हो या BJP… सबने की अपने छात्र संगठन को वोट की अपील
जयपुर: छात्रसंघ चुनावों (Rajasthan Student union Elections 2022) में एक कैंडिडेट को सिर्फ पांच हजार रुपये खर्च करने की अनुमति होती है। इसके बावजूद विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी लाखों रुपये खर्च करते हैं। राजनेताओं की तरह छात्र भी शक्ति प्रदर्शन करते हुए सैंकड़ों की संख्या में गाड़ियों के साथ रैलियां निकालते हैं और चुनावी सभाएं करते हैं। इन चुनावों में धनबल और बाहुबल की भरमार रहती है। इसकी सबसे बड़ी वजह राजनैतिक दलों का इससे जुड़ा होना है। छात्रसंघ चुनावों में हमेशा से ही राजनैतिक दलों और दिग्गज नेताओं की मुख्य भूमिका रहती है। इस साल हो रहे छात्रसंघ चुनाव के लिए भी बीजेपी और कांग्रेस की ओर से अपने-अपने समर्थित छात्र संगठन के प्रत्याशियों को वोट देने की अपील की गई है। आम आदमी पार्टी की ओर से भी निर्दलीय प्रत्याशियों के समर्थन का आह्वान किया गया है।
डोटासरा, पूनिया और किरोड़ीलाल मीणा ने की अपील
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) कांग्रेस की विचारधारा से जुड़ा संगठन है। इस छात्र संगठन के पदाधिकारियों की नियुक्ति भी कांग्रेस मुखिया की ओर से किया जाता है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने ट्वीट करके छात्र छात्राओं से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में एनएसयूआई के पैनल को मतदान देकर जिताएं। उधर, बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने भी ट्वीट करके अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के प्रत्याशियों के समर्थन में मतदान करने की अपील की है। एबीवीपी, बीजेपी और आरएसएस समर्थित छात्र संगठन है। आम आदमी पार्टी की ओर से विनय मिश्रा ने एनएसयूआई के बागी निर्दलीय प्रत्याशी निहारिका जोरवाल का समर्थन किया है। आरएलपी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने रितु बराला और निर्मल चौधरी को जीत का आशीर्वाद दिया। बेनीवाल ने कहा कि अगले साल छात्रसंघ चुनाव में आरएलपी की स्टूडेंट विंग चुनाव लड़ेगी।
जोधपुर की चुनावी सभाओं में शामिल हुए वैभव गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र और आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत के साथ बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल भी छात्रसंघ चुनावों में सक्रिय नजर आईं। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई प्रत्याशी के समर्थन में हुई एक रात्रि चौपाल में शामिल हुए वैभव गहलोत ने एनएसयूआई के पैनल को जिताने की अपील की। पार्टी पदाधिकारियों के साथ विधायक और मंत्री भी छात्रसंघ चुनावों में खुलकर अपने प्रत्याशी का समर्थन करते नजर आते हैं।
सियासी घमासान का असर छात्रसंघ चुनावों पर भी
छात्रसंघ चुनावों में भी सियासी घमासान का असर देखने को मिलता है। राजस्थान विश्वविद्यालय में अध्यक्ष पद के लिए एनएसयूआई ने रितु बराला को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर और रामनिवास गावड़िया निर्दलीय प्रत्याशी निर्मल चौधरी के समर्थन में है। विधायकों की गाड़ियां चुनावों में दौड़ती नजर आई। चूंकि दो साल पहले जब कांग्रेस में बगावत का बवंडर आया था तब सचिन पायलट को पीसीसी चीफ के पद से बर्खास्त करने के साथ ही कांग्रेस सेवादल, यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के अध्यक्षों को भी हटा दिया गया था। बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने लोगों को इन पदों पर नियुक्तियां दी।
मुकेश भाकर को हटाने के बाद अभिषेक चौधरी को एनएसयूआई का प्रदेशाध्यक्ष बनाया था। अब छात्रसंघ चुनावों में एनएसयूआई के प्रत्याशियों को जीत दिलाना अभिषेक चौधरी की इज्जत का सवाल बन गया है। उधर मुकेश भाकर छात्रसंघ चुनावों में अपना दबदबा कायम रखने के लिए अपने चहेते प्रत्याशियों को जीताने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। चुनावी जोर आजमाइस का यह खेल शुक्रवार शाम तक खत्म हो जाएगा। चुनाव परिणाम 27 अगस्त को जारी किए जाएंगे।
(रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)
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भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) कांग्रेस की विचारधारा से जुड़ा संगठन है। इस छात्र संगठन के पदाधिकारियों की नियुक्ति भी कांग्रेस मुखिया की ओर से किया जाता है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने ट्वीट करके छात्र छात्राओं से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में एनएसयूआई के पैनल को मतदान देकर जिताएं। उधर, बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने भी ट्वीट करके अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के प्रत्याशियों के समर्थन में मतदान करने की अपील की है। एबीवीपी, बीजेपी और आरएसएस समर्थित छात्र संगठन है। आम आदमी पार्टी की ओर से विनय मिश्रा ने एनएसयूआई के बागी निर्दलीय प्रत्याशी निहारिका जोरवाल का समर्थन किया है। आरएलपी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने रितु बराला और निर्मल चौधरी को जीत का आशीर्वाद दिया। बेनीवाल ने कहा कि अगले साल छात्रसंघ चुनाव में आरएलपी की स्टूडेंट विंग चुनाव लड़ेगी।
जोधपुर की चुनावी सभाओं में शामिल हुए वैभव गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र और आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत के साथ बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल भी छात्रसंघ चुनावों में सक्रिय नजर आईं। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई प्रत्याशी के समर्थन में हुई एक रात्रि चौपाल में शामिल हुए वैभव गहलोत ने एनएसयूआई के पैनल को जिताने की अपील की। पार्टी पदाधिकारियों के साथ विधायक और मंत्री भी छात्रसंघ चुनावों में खुलकर अपने प्रत्याशी का समर्थन करते नजर आते हैं।
सियासी घमासान का असर छात्रसंघ चुनावों पर भी
छात्रसंघ चुनावों में भी सियासी घमासान का असर देखने को मिलता है। राजस्थान विश्वविद्यालय में अध्यक्ष पद के लिए एनएसयूआई ने रितु बराला को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर और रामनिवास गावड़िया निर्दलीय प्रत्याशी निर्मल चौधरी के समर्थन में है। विधायकों की गाड़ियां चुनावों में दौड़ती नजर आई। चूंकि दो साल पहले जब कांग्रेस में बगावत का बवंडर आया था तब सचिन पायलट को पीसीसी चीफ के पद से बर्खास्त करने के साथ ही कांग्रेस सेवादल, यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के अध्यक्षों को भी हटा दिया गया था। बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने लोगों को इन पदों पर नियुक्तियां दी।
मुकेश भाकर को हटाने के बाद अभिषेक चौधरी को एनएसयूआई का प्रदेशाध्यक्ष बनाया था। अब छात्रसंघ चुनावों में एनएसयूआई के प्रत्याशियों को जीत दिलाना अभिषेक चौधरी की इज्जत का सवाल बन गया है। उधर मुकेश भाकर छात्रसंघ चुनावों में अपना दबदबा कायम रखने के लिए अपने चहेते प्रत्याशियों को जीताने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। चुनावी जोर आजमाइस का यह खेल शुक्रवार शाम तक खत्म हो जाएगा। चुनाव परिणाम 27 अगस्त को जारी किए जाएंगे।
(रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)