चिकित्सा शिक्षा में नई क्रांति की शुरूआत है आयुर्वेद कॉलेज : मुख्यमंत्री | Chief Minister Yogi Adityanath gave Ayurveda college to Gorakhpur | Patrika News

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चिकित्सा शिक्षा में नई क्रांति की शुरूआत है आयुर्वेद कॉलेज : मुख्यमंत्री | Chief Minister Yogi Adityanath gave Ayurveda college to Gorakhpur | Patrika News

मुख्यमंत्री ने बीएएमएस प्रथम वर्ष के 12 प्रान्तों से आए सभी 100 छात्रों से एक-एक कर उनका परिचय पूछा और आयुर्वेद की ही पढ़ाई क्यों, इस प्रश्न पर उनका नजरिया जाना। परिचयात्मक कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने नवप्रवेशी विद्यार्थियों को जीवन पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

लखनऊ

Updated: April 09, 2022 12:40:49 am

यूपी के मुख्यमंत्री एवं महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ के नाम पर बना एलोपैथ व आयुर्वेद का अति उच्च स्तरीय यह आरोग्यधाम परिसर चिकित्सा की इन दोनों विधाओं की ज्ञान परम्परा का अद्यानुतन संवाहक बन रहा है। इस विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित आयुर्वेद कॉलेज पूर्वी उत्तर प्रदेश में चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरूआत है।

चिकित्सा शिक्षा में नई क्रांति की शुरूआत है आयुर्वेद कॉलेज : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम की संस्था गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) में बीएएमएस प्रथम वर्ष के दीक्षा पाठ्यचर्या (ट्रांजिशनल करिकुलम) समारोह के दसवें दिन नवप्रवेशी विद्यार्थियों से संवाद कर रहे थे। शुक्रवार शाम यहां पहुंचे मुख्यमंत्री ने बीएएमएस प्रथम वर्ष के 12 प्रान्तों से आए सभी 100 छात्रों से एक-एक कर उनका परिचय पूछा और आयुर्वेद की ही पढ़ाई क्यों, इस प्रश्न पर उनका नजरिया जाना। परिचयात्मक कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने नवप्रवेशी विद्यार्थियों को जीवन पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

उन्होंने कहा कि इस आरोग्यधाम के आप सभी प्रथम रत्न हैं। पूर्ण विश्वास है कि यह 100 मेधावी युवा आरोग्यता व आयुर्वेद के पुनर्जागरण की शुरूआत करेंगे। आप सभी आयुर्वेद के इस युग के यशस्वी वाहक बनें और गुणवत्ता तथा उच्च स्तरीय शोध परखता से आयुर्वेद को दुनिया में पुनप्र्रतिष्ठित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद के आगे बढ़ने से हर्बल खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे कृषि व कृषकों के जीवन में नई व सकारात्मक क्रांति आएगी।

उन्होंने कहा कि यूपी सरकार गांव-गांव में हेल्थ वैलनेस सेंटर खोल रही है। इन हेल्थ वैलनेस सेंटरों में आयुर्वेद व इसकी पढ़ाई कर रहे आप युवाओं की बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि हेल्थ टूरिज्म आयुर्वेद की देन है। इसके जरिए देश दुनिया को आकर्षित किया जा सकता है। विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि आप सभी भगवान बुद्ध के मंत्र अप्प दीपो भव का अनुकरण कर कठोर परिश्रम से गुणवत्तापूर्ण शोध करते हुए नया मुकाम हासिल करें।

योगी ने कहा कि भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार ने आयुष मंत्रालय बनाकर चिकित्सा की पांच परंपरागत विधाओं आयुर्वेद, यूनानी, योग, होम्योपैथी व सिद्धा का समुच्चय बनाया है। आयुर्वेद के विद्यार्थी आयुष के इस अभियान से जुड़कर इसके सफल सारथी बनें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रकृति प्रत्येक व्यक्ति व क्षेत्र को अवसर देती है। सकारात्मकता से इस अवसर का उपयोग करने वाले इतिहास रचते हैं। कोरोना के वैश्विक संकट में चिकित्सकीय चुनौतियों से जूझ रही दुनिया के सामने आप योग व आयुर्वेद के अवसर का उपयोग करते हुए दुनिया को निरोगता तथा आरोग्यता का सफल मुकाम दे सकते हैं।

योगी आदित्यनाथ ने छात्रों को बताया कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यधाम ने महर्षि चरक व सुश्रुत की परंपरा का वाहक बनते हुए एकीकृत चिकित्सा को नया मुकाम देने का संकल्प लिया है। इस परिसर में आयुर्वेद पद्धति से उच्च स्तरीय चिकित्सा के लिए चिकित्सालय के साथ ही एलोपैथ के नामचीन चिकित्सकों की सेवा उपलब्ध है।

यहां महत्वपूर्ण सर्जरी, जटिल रोगों का इलाज, डायलिसिस, आईसीयू आदि विशिष्ट सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके साथ ही हम सुपर स्पेशलिटी सेवा की ओर अग्रसर हैं। आयुर्वेद व एलोपैथ की एक ही परिसर में एकीकृत चिकित्सा सुविधा होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश की चिकित्सकीय चुनौतियों का समाधान होगा और यहां के छात्रों को अध्ययन व स्वाध्याय करते हुए विशिष्ट अनुभव प्राप्त होगा। योगी ने कहा कि आरोग्यधाम परिसर में चिकित्सा विज्ञान का श्रेष्ठतम पुस्तकालय उपलब्ध है। यह देश-दुनिया के अत्याधुनिक शोध, जर्नल्स, पत्र पत्रिकाओं व अनेकानेक पुस्तकों से युक्त अध्ययन का विशिष्ट केंद्र बना है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीएएमएस के प्रथम बैच के छात्रों का आह्वान किया कि आयुर्वेद प्रथम बैच के छात्र आरोग्यधाम में प्रारंभ हो रहे इस संस्थान को प्रतिमान बनाने का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि कठोर परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता, इसलिए आप सभी अपना व अपने संस्थान का नाम रोशन करने के लिए कठोर परिश्रम करें। संस्थान के विकास में सहयोगी बने और आयुर्वेद के क्षेत्र में विशिष्ट स्थान प्राप्त करें।

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