चाय की टपरी पर लफंगई किया करते थे इमरान हाशमी, एडिट्यूड के चक्‍कर में हाथ से निकल गया था बड़ा मौका

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चाय की टपरी पर लफंगई किया करते थे इमरान हाशमी, एडिट्यूड के चक्‍कर में हाथ से निकल गया था बड़ा मौका

चाय की टपरी पर लफंगई किया करते थे इमरान हाशमी, एडिट्यूड के चक्‍कर में हाथ से निकल गया था बड़ा मौका

बॉलीवुड एक्टर इमरान हाशमी जिन्हें ‘सीरियल किसर’ भी कहा जाता है, वह 44वां बर्थडे मना रहे हैं। भट्ट फैमिली से खास कनेक्शन रखने वाले इमरान का फिल्मों में आना भी उनके मामा लोगों की बदौलत ही हुआ। जी हां, इमरान हाशमी और आलिया भट्ट का खास कनेक्शन है। ये रिश्ता बड़ा तगड़ा है। इसी रिश्तेदारी के चलते एक्टर का फिल्मों में आने का रास्ता खुला था। 24 मार्च 1979 में बॉम्बे में जन्मे इमरान के पिता सैयद अनवर हाशमी एयर इंडिया में काम किया करते थे। उनकी मां भी मानी कंपनी में नौकरी करती थीं। एक्टर एक पढ़े लिखे नामी परिवार से आते हैं। चलिए इमरान हाशमी के जन्मदिन पर बताते हैं उनके तमाम किस्से।

इमरान हाशमी और आलिया भट्ट का क्या रिश्ता है? ये सवाल खूब गूगल पर सर्च किया जाता है। तो जान लीजिए कि भट्ट फैमिली और हाशमी परिवार की रिश्तेदारी है। आलिया भट्ट के पिता महेश भट्ट की मां शिरीन मोहम्मद और इमरान हाशमी की दादी मेहरबानो अली सगी बहने थीं। इस रिश्ते के मुताबिक महेश भट्ट और इमरान हाशमी मामा-भांजे हुए।

कॉलेज मतलब दोस्तों के साथ महफिल जमाना

इमरान हाशमी (Emraan Hashmi) खुद कई दफा बता चुके हैं कि वह स्कूल में कुछ खास नहीं थे। वह पढ़ने के नाम पर कॉलेज में लड़कों के साथ मटरगश्ती किया करते थे। दोस्तों के साथ घूमना, फिरना, मस्ती करना और चाय की टपरी पर अड्डा बनाकर दोस्तों की महफिल जमाना उनका आम रूटीन हुआ करता था। बस यही मटरगश्ती उन्हें फिल्मों में भी खींच लाई।

इमरान हाशमी लफंगई और मटरगश्ती के लिए मशूहर थे

इमरान हाशमी (Happy birthday Emraan Hashmi) का यूं नुक्कड़ पर महफिल जमाना उनके परिवार को पसंद न था। एक बार उन्हे महेश भट्ट के भाई मुकेश भट्ट ने देखा। वह भी भाई की तरह नामी डायरेक्टर और प्रड्यूसर हैं। उन्होंने मौसी यानी इमरान की दादी से एक्टर की शिकायत की। आखिर क्यों वह ऐसे घूमते फिरते हैं। तभी उन्होंने कहा कि इमरान को उनके पास भेजिए ताकि कुछ काम सीखें।

इमरान हाशमी की दादी तो चाहती ही नहीं थीं कि…

इमरान की दादी खुद फिल्म इंडस्ट्री में काम कर चुकी थीं। मेहरबानो मोहम्मद अली का स्टेज नाम पूर्णिमा दास वर्मा था। वह खुद हिंदी सिनेमा में काम कर चुकी थीं तो वह जानती थीं कि इंडस्ट्री में आना और टिके रहना कितना मुश्किल है। फिर इमरान का जिस तरह का स्वभाव था तो उनका इंडस्ट्री में काम करना काफी मुश्किल लग रहा था। इसीलिये वह शुरुआत में नहीं चाहती थीं कि एक्टर फिल्मों में आए। मगर उन्होंने इमरान को समझाया और भट्ट कैंप में भेजा।

जब पहली ही फिल्म से इमरान हाशमी हो गए आउट

इमरान ने भट्ट फैमिली के प्रोडक्शन हाउस में काम करना शुरू किया। मगर शुरुआत में उनका वही लड़कपन रहा। जैसे तैसे वह ‘राज’ के लिए विक्रम भट्ट के असिस्टेंट डायरेक्टर बन गए। इस दौरान उन्होंने एक्टिंग सीखना भी शुरू कर दिया। एक्टर को पहली फिल्म तनुजा चंद्रा की ये जिंदगी का सफर ऑफर हुई। एक्टर ने इस फिल्म का काम शुरू किया। मजह कुछ दिन ही बीते थे कि एक्टर के रवैये से डायरेक्टर परेशान हो गई और उन्हें फिल्म से बाहर कर दिया। तब जब ठोकर लगी तो इमरान हाशमी को अक्ल आई। उन्होंने इसे बहुत सीरियस लिया। इस तरह वह काम के प्रति गंभीर हुए। उनके बदले स्वभाव को देखकर भट्ट फैमिली ने उन्हें नई फिल्म देने का तय किया।
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इमरान हाशमी ऐसे बन गए सीरियल किसर

इस तरह भट्ट कैंप की फुटपाथ से इमरान हाशमी ने डेब्यू किया। फिल्म ठीक ठाक रही मगर उनकी अगली फिल्म मर्डर ने उन्हें रातों रात सुपरस्टार बना दिया। फिर तो बैक टू बैक वह फिल्में करते गए। इंडस्ट्री में वह अपनी अलग रोमांटिक छवि के साथ उभरे। उनके किसिंग सीन की खूब चर्चा हुई और उन्हें सीरियल किसर का नाम मिल गया।