चन्द्र ग्रहण: दिवाली पर सूर्य ग्रहण के बाद अब देव दिवाली पर चन्द्र ग्रहण का साया | Lunar Eclipse: After the solar eclipse on Diwali, now the shadow of the lunar eclipse on Dev Diwali | Patrika News

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चन्द्र ग्रहण: दिवाली पर सूर्य ग्रहण के बाद अब देव दिवाली पर चन्द्र ग्रहण का साया | Lunar Eclipse: After the solar eclipse on Diwali, now the shadow of the lunar eclipse on Dev Diwali | Patrika News

चन्द्र ग्रहण: दिवाली पर सूर्य ग्रहण के बाद अब देव दिवाली पर चन्द्र ग्रहण का साया | Lunar Eclipse: After the solar eclipse on Diwali, now the shadow of the lunar eclipse on Dev Diwali | Patrika News

दिवाली के त्योहार के बीच इस बार सूर्यग्रहण का साया रहा, वहीं अब देव दिवाली पर चन्द्रग्रहण का साया रहेगा। कार्तिक पूर्णिमा पर देव दिवाली मनाई जाती है, ऐसे में इस दिन सूर्योदय के साथ ही चन्द्रग्रहण का सूतक शुरू हो जाएगा, जिसका असर देव दिवाली पर पड़ेगा। 8 नवम्बर को सूर्योदय के साथ ही सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर चन्द्र ग्रहण का सूतक लग जाएगा। इस दिन ग्रहण का समय 3 घण्टा 40 मिनट तक रहेगा। वहीं 1 घण्टा 26 मिनट तक खग्रास अवधि रहेगी, यानी चन्द्र खग्रास होता हुआ नजर आएगा।

ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि चन्द्रग्रहण से पहले 8 नवम्बर को सूर्योदय के साथ ही ग्रहण का सूतक शुरू हो जाएगा। सामान्यतया चन्द्रग्रहण का सूतक 9 घण्टे पहले माना जाता है, लेकिन ग्रहण यदि ग्रस्तोदय हो तो शास्त्रों में पूर्ववर्ती पूरे दिन यानी सूर्योदय से ही सूतक मान्य होता है। धार्मिक जनों को सूतक प्रारम्भ हो जाने के बाद बालक-वृद्ध-रोगी को छोड़कर भोजनादि नहीं करना चाहिए।

ग्रहण की स्थिति

— 8 नवम्बर को साल का आखिरी चन्द्र ग्रहण
— भारत में ग्रहण करीब 2 मिनट के लिए ही देगा दिखाई
— जयपुर में सिर्फ 42 मिनट के लिए दिखाई देगा चन्द्रग्रहण
— चन्द्रग्रहण का सूतक सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर
— चन्द्र ग्रहण दोपहर 2.39 बजे होगा शुरू
— जयपुर में 42 मिनट तक दिखाई देगा चन्द्रग्रहण
— चन्द्रोदय शाम 5 बजकर 37 मिनट पर
— ग्रहण का अंत शाम 6.19 बजे
— 3 घण्टा 40 मिनट रहेगी ग्रहण अवधि
— 1 घण्टा 26 मिनट रहेगी खग्रास अवधि

ग्रहण लगा हुआ ही चन्द्रमा होगा उदय
भारत में ग्रहण लगा हुआ ही चन्द्रमा उदय होगा। दोपहर बाद से सायंकाल तक होने वाला यह खग्रास चन्द्रग्रहण सम्पूर्ण भारत में ग्रस्तोदय के रूप में दिखाई देगा। राजकीय महाराज आचार्य संस्कृत महाविद्यालय के ज्योतिष के सहायक आचार्य डॉ. आलोक शर्मा ने बताया कि चन्द्रमा की उपच्छाया प्रवेश में दोपहर 1.30 बजे होगा, ग्रहण प्रारम्भ दोपहर 2 बजकर 39 मिनट पर होगा। दोपहर 3 बजकर 46 मिनट पर खग्रास प्रारंभ होगा। ग्रहण मध्य शाम 4 बजकर 29 मिनट पर होगा। शाम 5 बजकर 12 मिनट पर खग्रास पूर्ण हो जाएगा और शाम 6 बजकर 19 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा। जबकि उपच्छाया अन्त शाम 7.28 बजे होगा।

भारत में कहां किस रूप में नजर आएगा ग्रहण
राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात सहित सम्पूर्ण दक्षिण भारत में यह ग्रहण खग्रास समाप्ति बाद अर्थात् खण्डग्रास ग्रस्तोदय स्थिति में नजर आएगा, जबकि पूर्वी उत्तरप्रदेश, झारखण्ड, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में खग्रास स्थिति अर्थात् चन्द्रमा पूर्ण ग्रसित काली थाली के रूप में उदय होता दिखाई देगा।

यहां भी नजर आएगा चन्द्रग्रहण
यह चन्द्रग्रहण भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, अधिकांश दक्षिणी अमेरिका, उत्तरी-पूर्वी यूरोप, प्रशांत महासागर व एशिया स्थित सभी देश, रूस, चीन, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, कजाकिस्तान, मंगोलिया, कोरिया, जापान आदि में दिखाई देगा।



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