घड़साना वकील केस: थानेदार समेत 7 पुलिसकर्मी निलंबित, विजय सिंह का शव परिजनों को सौंपा, ₹30 लाख देने पर सहमति

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घड़साना वकील केस: थानेदार समेत  7 पुलिसकर्मी निलंबित, विजय सिंह का शव परिजनों को सौंपा, ₹30 लाख देने पर सहमति

घड़साना वकील केस: थानेदार समेत 7 पुलिसकर्मी निलंबित, विजय सिंह का शव परिजनों को सौंपा, ₹30 लाख देने पर सहमति

श्रीगंगानगर: राजस्‍थान के श्रीगंगानगर जिले के घड़साना कस्बे में बार संघ के पूर्व अध्यक्ष विजय सिंह झोरड़ के कथित तौर पर आत्महत्या किए जाने के मामले में आखिकार सहमति बन गई है। थानाधिकारी सहित सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। वकील के परिजनों ने आरोप लगाया था कि पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर वकील ने आत्महत्या की। इन आरोपों के बाद परिजनों ने शव उठाने से इनकार कर दिया था और इंसाफ की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए थे। गंगानगर के पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि सात पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का फैसला बीती देर रात लिया गया। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद वकील का शव परिजनों को सौंप दिया गया।

परिजनों के साथ कुछ विधायक भी धरने पर बैठे

घड़साना कस्बे में वकील विजय सिंह झोरड़ ने सोमवार को अपने घर में कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वकील के परिजनों ने आरोप लगाया है कि मादक पदार्थ के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उसे स्थानीय पुलिस द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था। परिजनों ने शव लेने से इनकार करते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में राज्‍य में अनेक शहरों तथा कस्बों में अधिवक्ताओं ने सोमवार को प्रदर्शन किया। कुछ स्थानीय विधायक थाने के सामने धरने पर बैठे।
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थानेदार समेत 7 पुलिसकर्मी निलंबित

पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने कहा, ‘सात पुलिसकर्मियों को कल रात निलंबित कर दिया गया, जिसके बाद परिवार के सदस्य शव लेने के लिए राजी हो गए हैं।’ निलंबित पुलिसकर्मियों में घड़साना के थानाधिकारी मदन लाल, निरीक्षक सुरेंद्र सिंह, दो उप निरीक्षक, एक सहायक उप निरीक्षक, एक हेड कांस्‍टेबल और एक कांस्टेबल शामिल हैं। सुरेंद्र सिंह को छोड़कर अन्य सभी पुलिसकर्मी घड़साना थाने के थे। सुरेंद्र सिंह दूसरे थाने में तैनात था।
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शराब तस्करी से जुड़ा था पुराना मामला

गंगानगर के पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने कहा कि अप्रैल में विजय सिंह तीन युवकों को घड़साना थाने ले गया था और उन पर मादक पदार्थ तस्कर होने का आरोप लगाया। शर्मा के अनुसार, तीनों के पास से कोई मादक पदार्थ बरामद नहीं हुआ लेकिन उन्हें भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया और फिर रिहा कर दिया गया। बाद में युवकों ने आरोप लगाया कि अधिवक्ता और अन्य ने उनसे मारपीट की और एक ऐप के जर‍िए 8000 रुपये की जबरन वसूली की।

इसके बाद अधिवक्ता व अन्य लोग थाने पहुंचे और फिर युवकों की गिरफ्तारी की मांग की और अन्य लोगों के साथ हंगामा किया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा जिसमें 18 अप्रैल को विजय सिंह घायल हो गए थे। विजय सिंह ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ मारपीट करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई, जबकि अनुसूच‍ित जा‍त‍ि समुदाय के तीन युवकों ने विजय सिंह के खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामलों की जांच राजस्थान पुलिस के व‍िशेष समूह (एसओजी) द्वारा की जाएगी।

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