गोरखपुर अस्पताल त्रासदी का क्या था सच? अखिलेश ने कफील खान की किताब के विमोचन में कहा, आंख खुलेगी

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गोरखपुर अस्पताल त्रासदी का क्या था सच? अखिलेश ने कफील खान की किताब के विमोचन में कहा, आंख खुलेगी

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में डॉक्टर रहे कफील खान की पुस्तक ‘गोरखपुर अस्पताल त्रासदी’ का विमोचन किया। बीआरडी अस्पताल में वर्ष 2017 में ऑक्सीजन की किल्लत के कारण बच्चों की जान चली गई थी। इसके बाद योगी सरकार पर निशाना साधा गया था। इस मामले में डॉ. कफील खान को जिम्मेदार ठहराया गया था। उन्हें जेल तक जाना पड़ा। विधान परिषद चुनाव के दौरान कफील खान को समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था। अब गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल की घटना पर डॉ. कफील खान अपनी किताब लेकर आए हैं। इसमें सवाल उठ रहा है कि क्या यह किताब बीआरडी अस्पताल की घटना का सच सामने लाएगी? अखिलेश यादव ने इसका विमोचन करते हुए कहा कि यह किताब लोगों की आंख खोलेगी।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चर्चित डॉक्टर कफील खान की ‘गोरखपुर अस्पताल त्रासदी, अस्पताल से जेल तक’ किताब का विमोचन किया। किताब में डॉ. कफील खान ने अगस्त 2017 की उस रात की घटनाओं और उसके बाद हुई भयानक उथल-पुथल के बारे में बताया है। सपा मुखिया ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह किताब कहीं न कहीं लोगों की आंखे खोलेगी। इसे सरकार में बैठे लोगों को जरूर पढ़ना चाहिए।

कफील खान की पुस्तक के विमोचन के दौरान सपा मुखिया ने कहा कि डॉ. कफील ने इस किताब में अपनी पूरी जर्नी के बारे में लिखा है। किस तरीके से अस्पताल में बच्चों को बचाने के लिये जो उस समय ट्रीटमेंट हो सकता था, जो पर्याप्त संसाधन से जान बचाई जा सकती थी, उसके लिए काम करते रहे। बाद में उन्हें कितना दुख और परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्हें जेल तक जाना पड़ा। उन्होंने कहा ये किताब लोगों की आंख खोलेगी।

डॉ.कफील खान द्वारा लिखी गई गोरखपुर अस्पताल त्रासदी नामक किताब को लेकर अखिलेश यादव ने कहा इस किताब को सरकार में बैठे लोगों को जरूर पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा समय पर अगर फैसले हो गए होते, समय पर ऑक्सीजन और दवाइयां मिल गई होती। सरकार ने समय रहते इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर किया होता तो इतने बच्चों की जान नहीं जाती। सपा मुखिया ने बताया कि उस समय भी उन परिवारों से मिलने का काम समाजवादियों ने किया। मैंने खुद कुछ परिवारों से मुलाकात कर उनकी मदद की।

सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश ने अखिलेश ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर बच्चों की जान सिर्फ इसलिए चली गई, क्योंकि उन्हें ऑक्सीजन और ट्रीटमेंट सही नहीं मिल पाया। अगर आज भी उत्तर प्रदेश में हम देखें तो हर दिन तस्वीरें देखने को मिलती है कि किस तरीके से मरीजों को कठिनाई और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे जिला अस्पताल हो, सीएचसी-पीएचसी हो या फिर मेडिकल कॉलेज में जिस तरीके का ईलाज, दवाइयां और इंतजाम होना चाहिए, वह नहीं है।

पुस्तक विमोचन के मौके पर डॉ. कफील खान ने कहा कि इस किताब में सरकार के उस झूठ को उजागर किया गया है जो उन्होंने छिपाया था। किस तरीके से ऑक्सीजन की कमी हुई थी सरकार ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जापानी बुखार के नाम तक को बदल दिया है। किताब लिखने का मेरा मुख्य उद्देश्य उन 80 से ज्यादा बच्चों को न्याय दिलाना है, जो ऑक्सीजन की कमी से तड़प कर मर गए। मैंने वो सभी लेटर उस किताब में लिखे हैं जिस पर बताया जा रहा था कि ऑक्सीजन की कमी नहीं थी।

डॉ. कफील ने कहा कि मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखा गया था, लेकिन किसी ने कोई संज्ञान नहीं लिया। डॉक्टर कफील ने बताया कि मुझे आरोपी बनाते हुए जेल भेजा गया। उन्होंने अपनी किताब में जेल के उस सिस्टम के बारे में भी लिखा है कि किस तरीके से जेल के अंदर दो तरीके का सिस्टम चलता है। अगर आप गरीब हों तो आपके साथ अलग व्यवहार किया जाएगा। अगर आप मंत्री या विधायक हैं तो अलग व्यवहार किया जाएगा। किताब में घटना के बारे में दी गई जानकारी गोरखपुर अस्पताल त्रासदी में डॉ. कफील खान ने अगस्त 2017 की उस भयानक रात की घटनाओं और उसके बाद हुई भयानक उथल-पुथल के बारे में बताया है।

कफील खान ने यह किताब उन सभी माता-पिता को समर्पित किया है जिन्होंने इस त्रासदी में अपने बच्चों को खो दिया है और आज भी इंसाफ़ के लिए भटक रहे हैं। 10 अगस्त 2017 की शाम को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सरकारी बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के नेहरू अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन खत्म हो गई थी कथित तौर पर, अगले कुछ दिनों में 80 से अधिक रोगियों जिसमें 63 बच्चों और 18 वयस्कों ने अपनी जान गंवा दी थी।

घटना के दौरान कॉलेज के बाल रोग विभाग में सबसे कनिष्ठ डॉक्टर डॉ. कफील खान के ऑक्सीजन सिलेंडर लाने, आपातकालीन उपचार करने और कर्मचारियों की मदद से जी जान से अधिक से अधिक मौतों को रोकने की कोशिश करने की बात कही है। उनके मुताबिक, जैसे ही त्रासदी की खबर ने राष्ट्रीय ध्यान खींचा, खान को नायक कहा जाने लगा। कुछ दिनों बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। डॉ. कफील समेत 9 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार और चिकित्सा लापरवाही सहित अन्य गंभीर आरोपों के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई और जेल भेज दिया गया। (रिपोर्ट- अभय सिंह)

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