गेहूं के एक्सपोर्ट पर कब तक रहेगी पाबंदी, सरकार ने बताया, बेमौसम बारिश के बावजूद रेकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद

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गेहूं के एक्सपोर्ट पर कब तक रहेगी पाबंदी, सरकार ने बताया, बेमौसम बारिश के बावजूद रेकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद

गेहूं के एक्सपोर्ट पर कब तक रहेगी पाबंदी, सरकार ने बताया, बेमौसम बारिश के बावजूद रेकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद


नई दिल्ली: देश में गेहूं की कीमत को काबू में रखने के लिए सरकार ने इसके निर्यात पर बैन (wheat export ban) लगाया था। सरकार ने मंगलवार को कहा कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध तब तक जारी रहेगा जब तक कि देश खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए घरेलू आपूर्ति को लेकर सहज महसूस नहीं करता। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के चेयरमैन और एमडी अशोक के मीणा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बेमौसम बारिश के कारण गेहूं का उत्पादन प्रभावित नहीं हुआ है। बारिश के बाद भी इस साल गेहूं का कुल उत्पादन रिकॉर्ड 11.2 करोड़ टन रहेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ताजा गेहूं की फसल की सरकारी खरीद शुरू हो गई है, और सोमवार को मध्य प्रदेश में लगभग 10,727 टन गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की गई है।

दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश भारत ने मई, 2022 में बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों के तहत गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। मीणा ने संवाददाताओं से कहा, ‘जहां तक आम आदमी की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार का संबंध है, गेहूं के निर्यात की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसलिए, जब तक देश आपूर्ति को लेकर सहज महसूस नहीं करता, तब तक गेहूं पर निर्यात प्रतिबंध जारी रहेगा।’ उन्होंने कहा कि इस साल अनुमानित अधिक गेहूं उत्पादन भारतीय बाजार में सरकारी खरीद और सामान्य खपत दोनों के लिए पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। कृषि मंत्रालय के दूसरे अनुमान के अनुसार, सरकार ने फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में रिकॉर्ड 11 करोड़ 21.8 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है।

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रेकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद

मीणा ने कहा कि कृषि मंत्रालय ने मौसम के उतार-चढ़ाव को देखते हुए रेकॉर्ड गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा, ‘बारिश चिंता का कारण है क्योंकि यह अनाज की गुणवत्ता को प्रभावित करती है। बारिश का साथ देने वाला कारक यह है कि तापमान भी कम हो जाता है। पूर्ण परिपक्वता के लिए कम तापमान गेहूं की फसलों के लिए अच्छा होता है। इसलिए गेहूं के उत्पादन की अनुमानित मात्रा हासिल किये जाने की संभावना है।’ इसके चलते सरकार का तीन करोड़ 41.5 लाख टन का गेहूं खरीद का लक्ष्य भी हासिल किया जाएगा। मीणा ने कहा कि एफसीआई ने गेहूं खरीद अभियान शुरू कर दिया है। 27 मार्च को मध्य प्रदेश में लगभग 10,727 टन गेहूं की खरीद की गई थी।

उन्होंने कहा, ‘मध्य प्रदेश में पहली आवक शुरू हो गई है। लगभग 10,727 टन की खरीद हुई, हालांकि सोमवार को 5.56 लाख टन की भारी आवक हुई।’ पिछले साल इसी अवधि में इसी तारीख को खरीद की मात्रा शून्य थी। इस वर्ष कम अवधि की फसलों की कटाई के कारण आवक बहुत अधिक थी। देशभर के खरीद केंद्र खुले रहेंगे। पंजाब और हरियाणा में एक अप्रैल से खरीद शुरू हो जाएगी। एफसीआई का लक्ष्य विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में पंजाब से 1.32 करोड़ टन, हरियाणा से 75 लाख टन और मध्य प्रदेश से 80 लाख टन गेहूं की खरीद का है। यह पूछे जाने पर कि क्या बारिश से प्रभावित गेहूं की फसल के लिए गुणवत्ता मानदंडों में ढील दी जाएगी, मीणा ने कहा, ‘यदि आवश्यक हुआ तो स्थिति का आकलन करने के लिए एक टीम भेजी जाएगी। हम टीम द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लेंगे।’

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उन्होंने कहा कि सरकार को भरोसा है कि अनुमानित रेकॉर्ड उत्पादन हासिल कर लिया जाएगा और इस साल खरीद का लक्ष्य भी हासिल कर लिया जाएगा। गेहूं और गेहूं आटे की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत बफर स्टॉक से गेहूं की बिक्री के बारे में मीणा ने कहा कि फिलहाल इसे रोक दिया गया है क्योंकि कीमतें स्थिर हो गई हैं। बाजार में जिस मात्रा में गेहूं बेचा गया है उसके कारण (मंडी) कीमतें जनवरी के अंतिम सप्ताह में 30 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर अब 22-23 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई हैं।

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