गुलशन कुमार ने झोंक दी थी पूरी ताकत, पर भाई कृष्ण से जुड़ा ये सपना अधूरा ही रह गया
फिल्मों और म्यूजिक की दुनिया में गुलशन कुमार बहुत बड़ा नाम हैं। भले ही वो आज हमारे बीच मौजूद नहीं हैं, लेकिन उनसे जुड़ी बातें की चर्चा हमेशा होती है। उनका जन्म 5 मई 1951 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता जूस बेचते थे। शुरुआती दिनों में वो भी अपने पिता का हाथ बंटाने के लिए दुकान पर काम करते थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। ऐसी बाजी पलटी कि गुलशन कुमार ‘कैसेट किंग’ बन गए। खूब नाम, पैसा और शोहरत कमाया। लेकिन इन सबके बावजूद उनकी एक ख्वाहिश अधूरी रह गई। उनकी ये ख्वाहिश भाई कृष्ण कुमार से जुड़ी हुई थी। आइये आज ‘फिल्मी फ्राइडे’ सेगमेंट में आपको इस किस्से के बारे में बताते हैं।
टी-सीरीज के संस्थापक Gulshan Kumar के छोटे भाई कृष्ण कुमार। जहां एक तरफ म्यूजिक की दुनिया में गुलशन कुमार का बोलबाला था तो दूसरी तरफ उन्होंने भाई को सुपरस्टार बनाने का एक ख्वाब देखा। उन्होंने भाई को बॉलीवुड में डेब्यू कराने की तैयारी की। केतन आनंद के डायरेक्शन में कृष्ण कुमार को ‘आजा मेरी जान’ फिल्म से लॉन्च किया, इसमें शम्मी कपूर, प्रेम चोपड़ा, प्राण और देवेन वर्मा जैसे दिग्गज स्टार्स भी थे, लेकिन ये मूवी पिट गई।
फिल्म हिट, पर कृष्ण कुमार नहीं हुए फेमस
इसके बाद साल 1993 में कृष्ण कुमार की ‘कसम तेरी कसम’ और ‘शबनम’ मूवी भी आई, लेकिन ये फिल्में भी नहीं चल सकीं। इसके बाद अगली मूवी ‘बेवफा सनम’ में गुलशन कुमार ने पूरा जोर लगा दिया। उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज म्यूजिशियंस को इकट्ठा किया और ये फिल्म बनाई। लेकिन हुआ कुछ और। इस फिल्म के सारे गानें और सिंगर्स हिट हो गए और कृष्ण कुमार अभी भी स्टार बनने का सपना देखते रह गए।
गुलशन कुमार का अधूरा सपना
गुलशन कुमार ने हार नहीं मानी थी। वो समझ गए थे कि कुछ बड़ा करने की जरूरत है। लेकिन वो भाई के लिए कोई और मूवी बना नहीं पाए। ‘बेवफा सनम’ के दो साल बाद अबू सलेम के गुर्गो ने उन्हें गोलियों से भून दिया था। उनकी मौत और इस घटना ने सभी को सन्न कर दिया था।
हीरो बनने आए थे गुलशन कुमार, पिता का सपना पूरा करने के लिए बेटी खुशाली बन गईं हिरोइन
कृष्ण कुमार ने संभाला कारोबार
भाई की मौत के बाद कृष्ण कुमार ने एक्टिंग छोड़कर टी-सीरीज का सारा काम संभाला। वो साल 2000 में ‘पापा द ग्रेट’ में दिखे, लेकिन ये फिल्म भी नहीं चल सकी। गुलशन कुमार का भाई को सुपरस्टार बनाने का सपना हमेशा के लिए अधूरा रह गए।
टी-सीरीज के संस्थापक Gulshan Kumar के छोटे भाई कृष्ण कुमार। जहां एक तरफ म्यूजिक की दुनिया में गुलशन कुमार का बोलबाला था तो दूसरी तरफ उन्होंने भाई को सुपरस्टार बनाने का एक ख्वाब देखा। उन्होंने भाई को बॉलीवुड में डेब्यू कराने की तैयारी की। केतन आनंद के डायरेक्शन में कृष्ण कुमार को ‘आजा मेरी जान’ फिल्म से लॉन्च किया, इसमें शम्मी कपूर, प्रेम चोपड़ा, प्राण और देवेन वर्मा जैसे दिग्गज स्टार्स भी थे, लेकिन ये मूवी पिट गई।
फिल्म हिट, पर कृष्ण कुमार नहीं हुए फेमस
इसके बाद साल 1993 में कृष्ण कुमार की ‘कसम तेरी कसम’ और ‘शबनम’ मूवी भी आई, लेकिन ये फिल्में भी नहीं चल सकीं। इसके बाद अगली मूवी ‘बेवफा सनम’ में गुलशन कुमार ने पूरा जोर लगा दिया। उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज म्यूजिशियंस को इकट्ठा किया और ये फिल्म बनाई। लेकिन हुआ कुछ और। इस फिल्म के सारे गानें और सिंगर्स हिट हो गए और कृष्ण कुमार अभी भी स्टार बनने का सपना देखते रह गए।
गुलशन कुमार का अधूरा सपना
गुलशन कुमार ने हार नहीं मानी थी। वो समझ गए थे कि कुछ बड़ा करने की जरूरत है। लेकिन वो भाई के लिए कोई और मूवी बना नहीं पाए। ‘बेवफा सनम’ के दो साल बाद अबू सलेम के गुर्गो ने उन्हें गोलियों से भून दिया था। उनकी मौत और इस घटना ने सभी को सन्न कर दिया था।
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भाई की मौत के बाद कृष्ण कुमार ने एक्टिंग छोड़कर टी-सीरीज का सारा काम संभाला। वो साल 2000 में ‘पापा द ग्रेट’ में दिखे, लेकिन ये फिल्म भी नहीं चल सकी। गुलशन कुमार का भाई को सुपरस्टार बनाने का सपना हमेशा के लिए अधूरा रह गए।