गुजरात में कितनी सीटों को प्रभावित करेंगे राजस्थानी, 15 लाख का यह आंकड़ा BJP कांग्रेस के लिए जीत का फैक्टर

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गुजरात में कितनी सीटों को प्रभावित करेंगे राजस्थानी, 15 लाख का यह आंकड़ा BJP कांग्रेस के लिए जीत का फैक्टर

गुजरात में कितनी सीटों को प्रभावित करेंगे राजस्थानी, 15 लाख का यह आंकड़ा BJP कांग्रेस के लिए जीत का फैक्टर

जयपुर: पड़ोसी राज्य गुजरात में इसी साल विधानसभा चुनाव है। करीब 30 साल से भाजपा गुजरात की सत्ता पर काबिज है। पिछले 2017 के चुनावों में भाजपा को सत्ता के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था क्योंकि कांग्रेस ने कड़ी टक्कर दी थी। कांग्रेस ने बीजेपी को 99 सीटों पर ही रोक लिया था। लिहाजा इस बार बीजेपी कोई कोताही नहीं बरतेगी। एक एक वोट को प्राप्त करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया जाएगा। गुजरात में राजस्थानियों की संख्या करीब 15 लाख है। राजस्थानियों को साधने के लिए राजस्थान के बीजेपी नेताओं की बड़ी फौज गुजरात चुनाव में उतरने वाली है। जैसे ही गुजरात में चुनाव की तारीखों का ऐलान होगा तभी राजस्थान के सौ से ज्यादा बीजेपी नेता गुजरात जाएंगे और प्रचार प्रसार में जुट जाएंगे।

क्यों जरूरी हुआ गुजरात चुनाव में राजस्थानी नेताओं का जाना
व्यापार और मजदूरी के लिए करीब 15 लाख राजस्थानी गुजरात में बस गए हैं। इन्हें साधने के लिए राजस्थान के नेताओं का सहारा लिया जाएगा। गुजरात में विधानसभा की कुल सीटें 182 है। 1995 से लेकर 2012 तक भाजपा रिकॉर्ड जीत दर्ज करती आई लेकिन वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को सत्ता पर काबिज रहने के लिए काफी पसीना बहाना पड़ा। 1995 में बीजेपी ने 121 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 1998 में 117, 2002 में 127, 2007 में 116, 2012 में 115 सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन 2017 के चुनाव में बीजेपी 100 का आंकड़ा भी नहीं छु सकी।

सत्ता पर काबिज रहने के लिए 92 सीटें जीतना जरूरी था। बीजेपी ने 99 सीटों पर जीत हासिल की थी। जीत के जरूरी आंकड़े से महज 7 सीटें ही ज्यादा जीत सकी। इस कारण अबकि बार होने वाले चुनावों में भाजपा कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है। लिहाजा एक एक वोट को पाने के लिए बीजेपी नेताओं की पूरी फौज उतारने की कोशिश होगी।

182 सीटों में से 51 पर राजस्थानियों की संख्या 5 से 10 हजार
व्यापार और मजदूरी के सिलसिले में करीब 15 लाख राजस्थानी गुजरात के अलग अलग जिलों में कई सालों से रहते हैं। दक्षिणी और पश्चिमी राजस्थान के लोगों की गुजरात में भरमार है। चूंकि गुजरात के कई जिलों में औद्योगिक क्षेत्र हैं। इस कारण कई जिलों के अलग अलग शहरों में राजस्थानी लोग रहते हैं। व्यापार और रोजगार के कारण अधिकतर परिवार वहीं बस गए। ऐसे में इन लोगों को भाजपा के समर्थन में करने के लिए राजस्थान के बीजेपी नेता पार्टी का प्रचार प्रसार करेंगे।

अधिकतर राजस्थान रहते हैं गुजरात के इन शहरों में
यूं तो गुजरात के कई जिलों में राजस्थान बसे हुए हैं लेकिन कई शहर ऐसे में हैं जहां अधिकतर राजस्थान बस गए हैं। इनमें सूरत, बड़ोदरा, राजकोट, भावनगर, भुज, मेहसाणा, जामनगर, पालमपुर, अहमदाबाद, गांधी नगर, कच्छ, भुजट, आनंद, बनासकांठा, साबरकांठा, पाटन और अरावली शहर शामिल है। सबसे ज्यादा राजस्थानी सूरत और अहमदाबाद में बसे हुए हैं। केवल इन्हीं दो शहरों में करीब 5 लाख राजस्थानी रहते हैं।

बीजेपी का गुजरात पर विशेष फोकस, ये हैं दो बड़े कारण
इस बार के चुनावों में भाजपा का गुजरात पर विशेष फोकस है। इसके दो बड़े कारण है। पहला कारण तो यह है कि कांग्रेस ने 2017 के चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करते हुए 78 सीटों पर चुनाव जीता था। दूसरा कारण यह है कि इस बार आम आदमी पार्टी ने भी गुजरात में ताल ठोक दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता गुजरात में लगातार दौरे कर रहे हैं। बीते साल निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। ऐसे में भाजपा इस बार विधानसभा चुनाव में प्रचार प्रसार में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती।

राजस्थानियों को साधने के लिए इन नेताओं को सौंपी गई है जिम्मेदारी
यूं तो गुजरात चुनाव के दौरान केन्द्रीय नेताओं की पूरी फौज गुजरात में पार्टी का प्रचार प्रसार करेगी लेकिन विशेष तौर पर राजस्थानी नेताओं की भरमार रहेगी। राजस्थान गुजरात से सटा हुआ राज्य होने और गुजरात में राजस्थानियों की भरमार होने के कारण राजस्थान के 108 नेताओं की पूरी टीम पार्टी का प्रचार प्रसार करेगी। हर राजस्थानी मतदाता को रिझाने का प्रयास किया जाएगा। विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होते ही केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, भूपेन्द्र यादव, अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी पार्टी के प्रचार प्रसार में जुट जाएंगे। इसके साथ राजस्थान के कई विधायक और सांसद भी प्रचार प्रसार करेंगे।

गुजरात के अलग अलग जिलों में राजस्थान के नेताओं को बनाया प्रभारी
यूं तो राजस्थान के 100 से ज्यादा नेताओं को गुजरात चुनाव की जिम्मेदारी के लिए तैनात किया गया है। इसके साथ ही कई नेताओं को अलग अलग जिलों में पदाधिकारी नियुक्त किया है। इन पदाधिकारियों के पास पूरी कुंडली रहेगी। गुजरात के एक एक नेता और कार्यकर्ता पर राजस्थान के नेताओं की नजर रहेगी। बूथ स्तर तक लोगों को मूड भांपने के लिए टीमें हमेशा फिल्ड में तैना रहेगी। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, महामंत्री सुनील कटारा, उपाध्यक्ष नारायण सिंह देवल और प्रमोद सावर को अलग अलग जोन की जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही अलग अलग जिलों में कॉर्डिनेटर और सह कॉर्डिनेटर भी नियुक्त किए गए हैं।

रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़

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