गुजरात की 43 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी राजस्थान के इन नेताओं पर, जानिए वजह

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गुजरात की 43 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी राजस्थान के इन नेताओं पर, जानिए वजह

गुजरात की 43 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी राजस्थान के इन नेताओं पर, जानिए वजह

जयपुर: गुजरात में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान होते ही राजस्थान के नेता एक्टिव हो गए हैं। बीजेपी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने गुजरात चुनाव की कमान संभाल ही है। कांग्रेस में जहां अशोक गहलोत और रघु शर्मा बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं, वहीं बीजेपी के भूपेन्द्र यादव और गजेन्द्र सिंह शेखावत मुख्य भूमिका में हैं। हालांकि कांग्रेस और बीजेपी कई नेताओं को गुजरात चुनाव के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई है। राजस्थान के नेताओं ने दौरे शुरू भी कर दिए हैं। कई नेताओं ने को गुजरात में डेरे डाल दिए हैं।

2017 के चुनावों में कांग्रेस ने दी थी कड़ी टक्कर
गुजरात में बीजेपी 27 साल से सत्ता में है। इन 27 सालों में 6 बार विधानसभा चुनाव हुए लेकिन 2017 के चुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी। 182 सीटों में से कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 110 से 120 सीटें जीतने वाली बीजेपी को महज 99 सीटों पर संतोष करना पड़ा। गुजरात के 8 जिलों की 43 विधानसभा सीटें इस बार के चुनावों में काफी महत्वपूर्ण है। यहां बड़ी संख्या में राजस्थानी वोटर हैं। साथ ही 19 सीटें ऐसी है जहां पर हार जीत का अंतर बहुत कम रहा। कांग्रेस इस बार इन 19 सीटों पर विशेष फोकस कर रही है क्योंकि इन सीटों पर जीत दर्ज करती है तो कांग्रेस सत्ता पर काबिज होने में कामयाब हो सकती है।

राजस्थानी वोटरों पर पुरा फोकस राजस्थान के नेताओं का
व्यापार और मजदूरी के सिलसिले में राजस्थान के लाखों लोग गुजरात में रहते हैं। हजारों परिवार गुजरात के विभिन्न जिलों में ही बस गए हैं। राजस्थान के नेताओं का फोकस इन्हीं राजस्थानियों पर है। कांग्रेस राजस्थान सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिए उन्हें लुभाने की कोशिशें कर रही है जबकि बीजेपी केन्द्र सरकार की उपलब्धियां गिना कर आकर्षित करने की कोशिश कर रही है। गुजरात के 8 जिलों अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट, भुज, भावनगर, पालमपुर और जामनगर में बड़ी तादात में राजस्थानी निवास कर रहे हैं। इनमें बड़ी तादात में आदिवासी भी हैं।

अशोक गहलोत लगातार कर रहे दौरा, रघु शर्मा डटे हैं गुजरात में
कांग्रेस ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गुजरात कांग्रेस का सीनियर ऑब्जर्वर बना रखा है। साथ ही राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. रघु शर्मा पिछले लम्बे समय से गुजरात में ही डटे हुए हैं। गहलोत ने हाल ही में 4 दिन का गुजरात दौरा किया और शनिवार को फिर से तीन के दौरे पर चले गए हैं। इन दौरों के दौरान गहलोत लगातार फिल्ड में जाकर लोगों से मुलाकातें कर रहे हैं। उन्हें राजस्थान मॉडल की जानकारी दे रहे हैं और बीजेपी की विफलताओं को लोगों के सामने रख रहे है। लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में दौरा करने से कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं में काफी जोश भर गया है।

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राजस्थान के जैसी योजनाएं गुजरात में लागू करने का ऐलान
राहुल गांधी और अशोक गहलोत ऐलान कर चुके हैं कि अगर गुजरात में कांग्रेस की सरकार बनती है तो राजस्थान की तर्ज पर गुजरात में भी ओल्ड पेंशन योजना पुन चालू की जाएगी। साथ ही राजस्थान में लागू की गई चिरंजीवी योजना सहित कई जनकल्याणकारी योजनाओं को गुजरात में लागू किया जाएगा ताकि प्रदेश के हर नागरिक को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब भी मीडिया से रूबरू होते हैं तो यह बात जरूर दोहराते हैं कि राजस्थान में चल रही योजनाओं को गुजरात में भी लागू करेंगे। साथ ही वे गुजरात मॉडल को फेल बताते हुए राजस्थान मॉडल लागू करने की बात कहते हैं।

राजस्थान के 100 से ज्यादा बीजेपी नेताओं की फौज उतरेगी गुजरात में
पिछले चुनावों में बीजेपी के प्रदर्शन को देखते हुए इस बार बीजेपी चुनाव जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही है। राजस्थान के 100 से ज्यादा नेताओं की फौज गुजरात चुनाव में उतारी जा रही है। साथ ही कई केन्द्रीय नेताओं के भी गुजरात दौरे प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह भी लगातार गुजरात का दौरा कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि किसी भी तरह से कांग्रेस को आगे बढने से रोका जाए। 1 और 5 दिसम्बर को गुजरात में मतदान है और 8 दिसम्बर को मतगणना होगी। सभी को गुजरात चुनाव परिणाम का बेसब्री से इंतजार है।
रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़

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