गावस्‍कर की वो कसम, गांगुली और द्रविड़ की खटपट… रोहित-विराट से पहले भी आपस में ‘टकराए’ हैं स्‍टार क्रिकेटर्स

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गावस्‍कर की वो कसम, गांगुली और द्रविड़ की खटपट… रोहित-विराट से पहले भी आपस में ‘टकराए’ हैं स्‍टार क्रिकेटर्स

गावस्‍कर की वो कसम, गांगुली और द्रविड़ की खटपट… रोहित-विराट से पहले भी आपस में ‘टकराए’ हैं स्‍टार क्रिकेटर्स

रोहित शर्मा और विराट कोहली फिलहाल एक-दूसरे की कप्‍तानी में नहीं खेलेंगे। टेस्‍ट कप्‍तान विराट कोहली दक्षिण अफ्रीका में होने वाली वनडे सीरीज में नहीं खेलेंगे तो नए-नए वनडे कप्‍तान बने शर्मा चोट के चलते टेस्‍ट सीरीज से गायब रहेंगे। कहा जा रहा है कि इसका वाइट बॉल क्रिकेट में कप्‍तानी को लेकर जारी विवाद से लेना-देना नहीं है।

रोहित और विराट की दोस्‍ती कुछ महीनों पहले तक मिसाल थी। दोनों ने वनडे क्रिकेट में शानदार साझेदारियां की हैं। पिछले कुछ हफ्तों के घटनाक्रम से साफ है कि दोनों के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। हालांकि भारतीय क्रिकेट टीम के ड्रेसिंग रूम में ऐसा पहली बार नहीं है जब टॉप क्रिकेटर्स के बीच अनबन हो। शीर्ष क्रिकेटर्स के बीच मनमुटाव के किस्‍से दशकों पुराने हैं।

रोहित-विराट के बीच चल क्‍या रहा है?

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क्या वाकई टीम इंडिया में सबकुछ ठीक चल रहा है। ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि हालिया घटनाक्रम इसी ओर इशारा कर रहा है। अब टेस्ट और वनडे में भारत के पास दो अलग-अलग कप्तान हैं। विराट अब सिर्फ टेस्ट टीम के कप्तान हैं तो रोहित शर्मा को टी-20 के साथ वनडे की भी कप्तानी मिल चुकी है। मगर इसे संयोग कहिए या कुछ और कि कोहली, रोहित की कप्तानी में नहीं खेलने वाले और रोहित शर्मा, विराट की कैप्टेंसी में।

दरअसल, विराट कोहली अभी वनडे कप्तानी छोड़ने के मूड में नहीं थे। टी-20 की कप्तानी से विराट को हटाने की खबर भी सबसे पहले हमारे सहयोगी टाइम् ऑफ इंडिया ने छापी थी। विराट के टी-20 कप्तानी छोड़ने के लगभग तीन माह बाद बीसीसीआई ने रोहित शर्मा को बीते दिनों वनडे का भी कप्तान बना दिया। अगले ही दिन अध्यक्ष सौरव गांगुली ने बयान दिया था कि उन्होंने कोहली को टी-20 कप्तानी छोड़ने के लिए मना किया था। उस बयान पर अबतक चीकू की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। विस्‍तृत रिपोर्ट पढ़ें

टीम इंडिया में जारी कप्तानी विवाद?

रोहित बनाम विराट, टीम इंडिया में जारी कप्तानी विवाद?

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कपिल देव और सुनील गावस्‍कर में रही तल्‍खी

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बात 1984 की है। इंग्‍लैंड की टीम भारत का दौरा करने आई थी। बॉम्‍बे (अब मुंबई) में पहला टेस्‍ट भारत ने जीता और दिल्‍ली में हुआ दूसरा टेस्‍ट इंग्‍लैंड ने। दूसरे टेस्‍ट ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था मगर कपिल देव ने आक्रामक शॉट खेल अपना विकेट गंवा दिया। बाकी के विकेट्स जल्‍दी गिर गए और इंग्‍लैंड 13 टेस्‍ट के बाद पहला मैच जीतने में सफल रहा। अगला टेस्‍ट कोलकाता में था। सिलेक्‍शन कमिटी में कप्‍तान सुनील गावस्‍कर भी थे।

चंदू बोर्डे की अध्‍यक्षता वाली चयन समिति ने कपिल देव को टीम से बाहर कर दिया। कपिल 1983 वर्ल्‍ड कप जिताने वाले कप्‍तान थे और बेहतरीन ऑलराउंउर भी। उनको बाहर किया जाना दर्शकों को पसंद नहीं आया। ईडन गार्डंस में गावस्‍कर पर सड़ी-गली सब्जियां और फल फेंके गए। गावस्‍कर इतने नाराज हुए कि कसम खाई कि दोबारा कभी कोलकाता में मैच नहीं खेलेंगे।

इस घटना का दोनों के रिश्‍तों पर असर जरूर रहा मगर खुलकर किसी ने कुछ नहीं कहा। मार्च 2001 में गावस्‍कर ने कहा कि उन्‍होंने कपिल को हटाने का प्रस्‍ताव नहीं दिया था। रिटायर होने के काफी समय बाद, कपिल और गावस्‍कर, दोनों के संबंध फिर मधुर हो सके।

तेंडुलकर को कप्‍तान नहीं मानते थे अजहर

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मोहम्‍मद अजहरुद्दीन की कप्‍तानी में सचिन वनडे क्रिकेट में ओपनिंग करने आए थे। उस फैसले ने सचिन तेंडुलकर की जिंदगी बदलकर रख दी। हालांकि बाद में दोनों क रिश्‍तों में खटास आ गई। अजहर से दो बार कप्‍तानी छीनकर सचिन को दी गई। पहली बार 1996-97 में और दूसरी बार 1999-2000 में। उस वक्‍त मीडिया में दोनों क्रिकेटर्स के बीच अनबन की खूब खबरें चलीं।

एक मौके पर सचिन के बारे में पूछे जाने अजहर ने कहा, ‘कुछ लोग हैं जिनके बारे में मैं बात ही नहीं करना चाहता। तेंडुलकर में कप्‍तानी संभालने का माद्दा नहीं था।’ सचिन का बढ़ता कद भी अजहर को खटकने लगा था, कई रिपोर्ट्स में यहां तक लिखा गया। चटखारे लेकर छापा गया कि सचिन ने BCCI को बताया कि उनकी कप्‍तानी में अजहर जान-बूझकर खराब खेले। एक बार अजहर से पूछा गया कि वह सचिन या दव्रिड़ में किसे बल्‍लेबाजी करते देखना चाहेंगे तो उन्‍होंने वीवीएस लक्ष्‍मण का नाम लिया।

चैपल विवाद में द्रविड़ के रवैये से आहत थे गांगुली

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सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने टेस्‍ट करियर एक साथ शुरू क‍िया था। ग्रेग चैपल को कोच बनाकर गांगुली ने अपने पैरों पर कुल्‍हाड़ी मार ली। जल्‍द ही कप्‍तानी से गए और टीम से भी। कप्‍तानी द्रविड़ को मिली। चैपल ने भारतीय ड्रेसिंग रूम का माहौल खूब खराब किया, गांगुली लगातार ऐसा कहते आए हैं। द्रविड़ के साथ उनकी अनबन भी इसी वजह से हुई।

गांगुली ने 2014 के एक इंटरव्‍यू में कहा था, ‘जब मैं टीम में वापस आया, मैंने द्रविड़ से उस बारे में बात की और बताया कि ऐसा-ऐसा हो रहा है। उसने कहा कि उसे सब पता था मगर ग्रेग को काबू नहीं कर सका।’ द्रविड़ और गांगुली की अनबन का इशारा सचिन तेंडुलकर की ऑटोबायोग्रफी से भी मिलता है।

धोनी के साथ सहज नहीं हो पाए सहवाग

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ज्‍यादा पुरानी बात नहीं है। वीरेंद्र सहवाग ने कई मौकों पर महेंद्र सिंह धोनी की आलोचना की। टीम में रहते हुए बाद के सालों में दोनों के बीच नहीं बनी। यहां तक कहा जाता है कि सहवाग को टीम से बाहर करवाने में धोनी का हाथ था। खुद सहवाग ने पिछले साल फरवरी में कहा था कि कई बार धोनी और टीम मेंबर्स के बीच संवादहीनता जैसे हालात हो जाते थे। धोनी बिना टीम के खिलाड़‍ियों को विश्‍वास में लिए फैसले ले लेते थे।

सहवाग ने साल 2012 के एक वाकये का जिक्र करते हुए बताया था कि धोनी ने एक मौके पर कहा था कि सहवाग, सचिन तेंडुलकर और गौतम गंभीर को टॉप ऑर्डर में इसलिए रोटेट किया जा रहा है क्‍योंकि वे फील्‍ड पर स्‍लो हैं। लेकिन यह बात उन्‍होंने कभी ड्रेसिंग रूम में नहीं कही।



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