गाजियाबाद: सुबह-शाम 20 मिनट ही मिल रहा गंगाजल, मंदिर के बोरवेल से प्यास बुझा रहे 480 परिवार… इनकी परेशानी कौन सुनेगा?

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गाजियाबाद: सुबह-शाम 20 मिनट ही मिल रहा गंगाजल, मंदिर के बोरवेल से प्यास बुझा रहे 480 परिवार… इनकी परेशानी कौन सुनेगा?

गाजियाबाद: सुबह-शाम 20 मिनट ही मिल रहा गंगाजल, मंदिर के बोरवेल से प्यास बुझा रहे 480 परिवार… इनकी परेशानी कौन सुनेगा?

इला श्रीवास्तव, वैशाली: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पेयजल संकट ने लोगों के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। वैशाली सेक्टर-2डी ब्लॉक के 480 परिवार एक हफ्ते से पर्याप्त जलापूर्ति नहीं होने से परेशान हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि भीषण गर्मी में गंगा वॉटर सप्लाई सुबह और शाम महज 20 से 25 मिनट हो रही है। इस कारण लोगों को पास के मंदिर या आसपास बोरवेल के पानी से काम चलना पड़ता है। इसके लिए जन सुनवाई पोर्टल भी शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। पेयजल की किल्लत से परेशान महिलाओं ने खाली बाल्टी, बोतल के साथ प्रदर्शन भी किया और पेयजलापूर्ति मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की।वैशाली में चार दिन पहले सेक्टर 2 सी ब्लॉक में पाइपलाइन फटने से रोजाना हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही थी। हालांकि शिकायत के बाद यह पाइपलाइन दुरुस्त कर दी गई। लेकिन निवासियों का कहना है कि मरम्मत होने के बाद से पानी की सप्लाई कम हो गई है। वहीं कुछ का कहना है कि वॉल्व में खराबी के चलते भी समस्या हो सकती है। इस पूरे मामले में जलकल के सहायक अभियंता ओम प्रकाश का कहना है कि अभी तक हमारे पास कोई शिकायत नहीं आई है। अगर ऐसी समस्या है तो उसे चेक करके उसका निवारण किया जाएगा।

लोगो की समस्याओं पर कोई सुनवाई नहीं

स्थानीय ललित थपलियाल कहते हैं कि डी ब्लॉक में पानी का दबाव कम होने बहुत किल्लत है। मोटर काफी देर तक चलाने के बाद भी सिर्फ दस मिनट तक ही पानी मिल पाता। पीने का पानी का बाहर से बोतल बंद खरीदकर काम चलाना पड़ता है। पानी स्टोर न होने से कपड़े तक नहीं धुल पा रहे। जब से नई पाइपलाइन डाली गई है तबसे ऐसी दिक्कत आ रही है। भीषण गर्मी में पानी की खपत ज्यादा होती है बावजूद इसके पानी नहीं मिल पा रहा है।

विनोद बडोला कहते हैं कि बच्चों की गर्मी की छुट्टियां होने वाली है। पानी पर्याप्त नहीं मिल रहा। अगर कुछ दिन और ऐसी स्थिति रही तो परिवार को रिश्तेदार के घर भेजना पड़ेगा। जब कॉलोनी बसी थी तब पांच फुट खरी पाइपलाइन डाली गई थी। लेकिन नई पाइपलाइन अधिकतम तीन फुट पर डाली गई है। उससे भीतर से पाइपलाइन जल्दी फटने के चांस रहते हैं। कुछ दिन पहले भी पाइपलाइन फटने से हजारों लीटर पानी के बर्बादी हुई।

बृजलाल रावत का कहना है कि जलापूर्ति कम होने से घर के सभी दैनिक कार्य बाधित होते हैं। सुबह-शाम दोनों समय ही पानी मुश्किल से बीस मिनट आता है। इतनी देर में एक कूलर भी नहीं भर पाता। इसकी शिकायत करने के बाद भी अभी तक समाधान नहीं हुआ। ऐसा लगता है की जा पाइपलाइन डाली गई तो गलती से उसका वॉल्व बंद हो गया होगा।

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