गाजियाबादः 1 महीने में 50 हजार से ज्यादा लोग इन्फ्लुएंजा की गिरफ्त में, यहां टेस्टिंग तक की कोई व्यवस्था नहीं

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गाजियाबादः 1 महीने में 50 हजार से ज्यादा लोग इन्फ्लुएंजा की गिरफ्त में, यहां टेस्टिंग तक की कोई व्यवस्था नहीं

गाजियाबादः 1 महीने में 50 हजार से ज्यादा लोग इन्फ्लुएंजा की गिरफ्त में, यहां टेस्टिंग तक की कोई व्यवस्था नहीं


गाजियाबादः उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पिछले एक महीने से इन्फ्लुएंजा का प्रकोप बना हुआ है। इसके साथ ही एडिनो वायरस के संक्रमण के लक्षणों से मिलते जुलते संदिग्ध मरीज मिलना शुरू हो गए हैं। बड़ी संख्या में मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही खत्म नहीं हो रही है। जिले में इन्फ्लुएंजा और एडिनो वायरस की जांच के लिए किसी तरह की व्यवस्था नहीं हो सकी है। कोविड लैब प्रबंधन ने शासन से इन्फ्लुएंजा जांच के लिए किट की मांग की थी, लेकिन वह भी अभी नहीं आ सकी है।

पिछले एक महीने के दौरान जिले में 50 हजार से ज्यादा लोग इन्फ्लुएंजा की गिरफ्त में आ चुके हैं। इसे लेकर शासन स्तर से गाइडलाइंस भी जारी की जा चुकी है। जिसमें मरीजों की जांच के निर्देश दिए गए थे। मौसम में हुए बदलाव के कारण पिछले एक सप्ताह के दौरान ही सरकारी अस्पतालों में सभी बेड फुल हो चुके हैं। इसके बावजूद जिले में इन्फ्लुएंजा और एडिनो वायरस की जांच की व्यवस्था नहीं हो सकी है। सरकारी अस्पतालों से गंभीर मरीजों के सैंपल भी जांच के लिए नहीं भेजे जा रहे हैं। इतना ही नहीं निजी अस्पतालों को भी जांच के लिए सैंपल लेने के निर्देश नहीं दिए गए हैं। जबकि शासन स्तर से नोएडा और मेरठ की लैब में इन्फ्लुएंजा और एडिनो वायरस की जांच की व्यवस्था की गई है।

सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को गंभीर मरीजों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए गए हैं। आईडीएसपी लैब के जरिए सैंपल मेरठ और नोएडा भेजे जाएंगे, जिससे संक्रमण की पुष्टि हो सके।

डॉ. आरके गुप्ता, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी

शासन से मांगी थी जांच किट
जिले की कोविड लैब की प्रभारी सुरभि दीक्षित के अनुसार लगभग एक महीना पहले शासन से इन्फ्लुएंजा जांच के लिए शासन से किट की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक किट प्राप्त नहीं हुआ है। सुरभि के अनुसार इन्फ्लुएंजा और एडिनो वायरस की जांच कोविड जांच की तरह ही होती है, जो पीसीआर लैब में की जा सकती है। लैब में लगी मशीन के जरिए लगभग सभी तरह के वायरस की जांच की जा सकती है, इसके लिए मशीन में लगी किट को बदलना होगा। लैब प्रबंधन का प्रयास था कि मार्च के शुरुआत में इन्फ्लुएंजा की जांच शुरू कर दी जाए।

अस्पतालों में मास्क नहीं किया गया अनिवार्य

इन्फ्लुएंजा संक्रमण कोरोना संक्रमण की तरह ही खांसने, छींकने और सांसों के जरिये फैलता है। इसके बावजूद जिले के निजी और सरकारी अस्पतालों में मास्क को अनिवार्य नहीं किया गया है। एमएमजी अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ. आरपी सिंह कहते हैं कि एच3एन2 वायरस संक्रमण का फैलाव रोकने में मास्क बहुत कारगर साबित हो सकता है। अस्पतालों में इन दिनों इन्फ्लुएंजा के मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है। ऐसे में अन्य बीमारी के मरीजों को भी उसके संक्रमण का खतरा रहता है।

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