गांव की सरकार ​हाेगी पॉवरफुल- आदिवासी इलाकों के लिए नए नियम | How new Gram Sabha can be formed, know here | Patrika News

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गांव की सरकार ​हाेगी पॉवरफुल- आदिवासी इलाकों के लिए नए नियम | How new Gram Sabha can be formed, know here | Patrika News

गांव की सरकार ​हाेगी पॉवरफुल- आदिवासी इलाकों के लिए नए नियम | How new Gram Sabha can be formed, know here | Patrika News

हालांकि अब सरकार भी शराब दुकान खोलने से पहले ग्राम सभा से सहमति लेगी। इसमें अगर ग्राम सभा कोई जवाब नहीं देती है तो उसे इनकार ही माना जाएगा। इसके अलावा यदि ग्राम सभा की आधी आबादी बहुमत से चाहे तो अलग ग्राम सभा गठित कर सकेगी। इन अधिकारों के प्रारूप पर सरकार ने अभी दावे-आपत्ति मांगे हैं। पंद्रह दिन बाद इनका निराकरण करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके बाद नए नियमों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी। अभी तक ग्राम सभाओं को यह अधिकार नहीं थे, केवल कुछ मामलों में ग्राम पंचायतें ही अधिकार रखती थीं।

1000 रुपए का जुर्माना भी
ग्राम सभा को ये अधिकार भी दिए जा रहे हैं कि यदि उनके इलाके में कोई व्यक्ति मादक पदार्थों को लेकर तय नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकेगा। देसी-विदेशी शराब दुकान खोलने के प्रस्ताव पर 45 दिन में ग्राम सभा अभिमत देगी। अभी कोई दुकान है तो ग्राम सभा उसका स्थान बदलवा सकेगी। किसी भी स्थानीय त्यौहार पर चार दिन के लिए शराब की दुकान को बंद करने के लिए भी ग्राम सभा कलेक्टर को अनुशंसा कर सकेगी। इस पर कलेक्टर को दुकान बंद करने या न करने के अधिकार रहेंगे।

बदलाव हाेगा ऐसा
दरअसल, राज्य सरकार पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार अधिनियम 1996 में संशोधन करके संशोधन अधिनियम 2022 ला रही है। इसके प्रारूप के तहत नए नियमों को दिया गया है। 22 सितंबर को इसका गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित किया गया है। यह नियम केवल अनुसूचित इलाकों के लिए रहेंगे। ग्राम पंचायत की तरह ही ग्राम सभा का अध्यक्ष व सचिव होगा। अध्यक्ष के निर्वाचन किए जाएंगे। सबसे खास बात ये कि ग्राम सभा का अध्यक्ष चाहे तो सचिव पद के लिए किसी भी शिक्षक, पटवारी, कृषि विस्तार अधिकारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता आदि को भी अधिकृत कर सकेगा।

यूं बनेगी पॉवरफुल
नए प्रस्तावित नियमों में ग्राम सभा को काफी पॉवरफुल बनाया गया है। इसके तहत खेती की योजना भी ग्राम सभा बना सकेगी। इसमें विभिन्न योजनाओं का उपयोग होगा। खास ये कि यदि किसी अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्ति की जमीन पर किसी दूसरे का कब्जा है तो उसे हटाने के लिए ग्राम सभा प्रस्ताव पारित कर सकेगी। जमीन के इस तरह के दूसरे व्यक्ति के पास जाने, स्थानांतरण होने, कब्जा होने के मामलों को भी रोक सकेगी। क्षेत्रीय शासकीय कार्यालय में ग्राम सभा की सिफारिश को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा सरकारी स्तर पर भी जमीन के अधिग्रहण के पहले सरकारी विभाग भी ग्राम सभा से एनओसी लेगा। सरकारी अधिग्रहण में भी ग्राम सभा की राय के हिसाब से निर्णय होगा।

खनन में भी पहले एनओसी अनिवार्य
आदिवासी इलाकों में ग्राम सभा की एनओसी खनन की मंजूरी के पहले अनिवार्य होगी। इसके अलावा इन इलाकों में अनुसूचित जनजाति के महिला-पुरुषों को खनन आवेदन में प्राथमिकता मिलेगी। इनमें से कुछ अधिकार पंचायतों में रहे हैं। अब इनका विस्तार ग्राम सभा स्तर तक किया जा रहा है।



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