गहलोत सरकार फिर संकट में! पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा के खिलाफ जयपुर में सरपंच डालेंगे महापड़ाव

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गहलोत सरकार फिर संकट में! पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा के खिलाफ जयपुर में सरपंच डालेंगे महापड़ाव

गहलोत सरकार फिर संकट में! पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा के खिलाफ जयपुर में सरपंच डालेंगे महापड़ाव

जयपुर: राजधानी जयपुर में 5 अगस्त से सरपंचों का महापड़ाव शुरू होने जा रहा है। पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा की ओर से नागौर और बाड़मेर जिलों के सरपंचों पर 300 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोपों के खिलाफ सरपंच आक्रोशित हुए हैं। सरपंच संघ राजस्थान के बैनर तले प्रदेश के दो हजार से ज्यादा सरपंच, उपसरपंच और वार्ड पंच महापड़ाव में शामिल होंगे। संघ के संरक्षक भंवरलाल जांगू का कहना है कि “बिना किसी जांच के मंत्रीजी की ओर से सरपंचों पर घोटाले के आरोप लगा दिए गए। बिना जांच किए इस तरह का लांछन लगाना लोकतंत्र की तौहीन है। अभी तक की किसी भी जांच में कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। इसके बावजूद बेबुनियाद आरोप लगा दिया गया है”0।

सरकारी एजेंसियों के बजाय एनजीओ की ओर से कराई जा रही जांच का विरोध
सरपंच संघ के संरक्षण भंवरलाल जांगू का कहना है कि मंत्री रमेश मीणा ने सरकारी एजेंसियों के बजाय जांच का ठेका एक निजी एनजीओ को दे दिया है। एनजीओ के सदस्य घर घर जाकर महिलाओं से पूछते हैं कि उनके घर में हुए शौचालय निर्माण का भुगतान मिला या नहीं, पेंशन समय पर आ रही है या नहीं। अधिकतर महिलाएं जानकारी के अभाव में सही जवाब नहीं दे पाती।

उन्हें पता नहीं होता कि डिजिटल पेमेंट उनके खाते में हो चुका है। अधिकतर ग्रामीण महिलाओं को सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं होती है। उन महिलाओं के बयानों के आधार पर सरपंचों के प्रति नकारात्मक तथ्य एकत्रित किए जाते हैं।

सरकारी जांच एजेंसियों से हर जांच को तैयार हैं सरपंच- हनुमान चौधरी
राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेश सचिव हनुमान चौधरी का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से तीन स्तर पर सरपंचों के कार्यों की जांच करवाई जाती रही है। सरकारी स्तर पर किसी भी जांच के लिए सरपंच तैयार हैं। अब तक जिन भी सरपंचों के खिलाफ जांचें हुई है। उनमें कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। ऐसे में निजी एनजीओ से जांच करवाना कतैई मंजूर नहीं है।

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एनजीओ के सदस्यों की ओर से सर्वे कराए जाने पर ग्राम पंचायतें राजनैतिक अखाड़ा बन जाती है और दुर्भावना पूर्व सरपंचों पर लांछन लगाए जाते हैं। यह परम्परा ठीक नहीं है। हनुमान चौधरी ने कहा कि पिछले छह महीने से ग्राम पंचायतों की ओर से कराए गए विकास कार्यों का भुगतान ही नहीं हुआ तो 300 करोड़ रुपए का घोटाला कैसे हो गया। अगर कहीं घोटाला हुआ है तो मंत्री जी को मीडिया के सामने तथ्य पेश करके बताना चाहिए।

पूर्व में 13 सूत्री मांगों पर हुए समझौते में वादाखिलाफी का आरोप
सरपंचों का आरोप है कि पूर्व में 13 सूत्री मांगों को लेकर सरपंचों ने आन्दोलन किया था। उस दौरान मंत्री रमेश मीणा से वार्ता हुई। 13 सूत्री मांग पत्र पर सहमती जताने पर सरपंचों ने समझौता करते हुए आन्दोलन स्थगित किया था लेकिन मंत्री जी ने वादाखिलाफी की है। पूर्व में हुए समझौते की एक भी मांग पर मंत्रीजी ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

सरपंच संघ के प्रवक्ता लालाराम का कहना है कि रमेश मीणा खुद सरपंच रह चुके हैं। पहले हमें लगा कि वे सरपंचों की भावनाओं के समझेंगे लेकिन उन्होंने सरपंचों की उपेक्षा करके अपमानित कर दिया। अब रमेश मीणा को मंत्री पद से हटाए जाने तक जयपुर में महापड़ाव जारी रखा जाएगा।

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सैंकड़ों किलोमीटर से पैदल आ रहे सरपंच
5 अगस्त से शुरू हो रहे इस महापड़ाव में शामिल होने के लिए प्रदेशभर से सरपंच जयपुर आ रहे हैं। नागौर और बाड़मेर के सरपंच जयपुर तक पैदल आ रहे हैं जबकि अन्य जिलों के सरपंच, उप सरपंच और वार्ड पंच वाहनों के जरिए जयपुर पहुंच रहे हैं।

संघ के संरक्षक भंवरलाल जांगू का कहना है कि सरपंच सरकार की हर योजना को अंतिम छोर तक पहुंचाने का कार्य करते हैं। ऐसे में सरपंचों पर झूठे आरोप लगाकर बदनाम करना बर्दाश्त योग्य नहीं है।

( रिपोर्ट- रामस्वरूप लामरोड़ )

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