गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के पद छोड़ने के विचार का राजभवन ने किया खंडन, शिवाजी पर टिप्पणी को लेकर मचा था बवाल

142
गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के पद छोड़ने के विचार का राजभवन ने किया खंडन, शिवाजी पर टिप्पणी को लेकर मचा था बवाल

गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के पद छोड़ने के विचार का राजभवन ने किया खंडन, शिवाजी पर टिप्पणी को लेकर मचा था बवाल

मुंबई: महाराष्ट्र राजभवन ने छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में की गई विवादित टिप्पणी को लेकर बढ़ते दबाव के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पद छोड़ने पर विचार करने की खबरों को निराधार बताया। यह खबर ऐसे समय में उड़ी थी जब राज्यपाल के छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर की गई एक कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर शिवसेना उद्ध‌व गुट, एनसीपी और कांग्रेस के अलावा तमाम संगठन और खुद छत्रपति शिवाजी के वंशज कोश्यारी को हटाए जाने की लगातार मांग कर रहे हैं।

सोमवार को किसी ने राज्यपाल के करीबी सूत्रों का हवाला देकर सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल कर दी थी कि इस विवाद के चलते राज्यपाल कोश्यारी ने पदमुक्त होना चाहते हैं और उन्होंने राष्ट्रपति और केंद्र सरकार से इस संबंध में बात की है। इस खबर को शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी ग्रेट खबर बताते हुए ट्वीट किया था। बाद में राजभवन ने इस बारे में स्पष्ट किया कि राज्यपाल के इस्तीफे पर विचार करने की खबरों का कोई आधार नहीं है।

संजय राउत का ट्वीट
संजय राउत ने ट्वीट किया था, ‘राज्यपाल ने पद से मुक्त किए जाने की इच्छा व्यक्त की है!… यह छत्रपति शिवाजी महाराज के अपमान के खिलाफ शिवसेना द्वारा महाराष्ट्र बंद के आह्वान के बाद हुआ है।’उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र के दुश्मनों के साथ लड़ाई जारी रहेगी! केवल शिवसेना की आवाज गूंजती है! जय महाराष्ट्र!’

संजय राउत ने बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा और कहा कि सरकार चुपचाप कैसे बैठ सकती है और शिवाजी का अपमान कैसे सहन कर सकती है। फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र और देश को प्रेरित करने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज से बड़ी कोई अन्य हस्ती नहीं है।

शिवाजी के वंशज हुए भावुक
इस बीच छत्रपति शिवाजी के वंशज उदयनराजे भोसले ने पत्रकारों से बात करते हुए कोश्यारी की टिप्पणी की आलोचना की। वह संवाददाता सम्मेलन के दौरान भावुक भी हो गए। उन्होंने बीजेपी को परोक्ष रूप से चेतावनी देते हुए कहा, ‘अगर वे इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं, तो चुनाव नजदीक हैं। लोग इसका संज्ञान लेंगे। दुर्भाग्य से, उन्होंने यह टिप्पणी की। ऐसा करने के बाद क्रिया की प्रतिक्रिया होगी।’

बीजेपी सांसद भोसले एक प्रमुख मराठा नेता हैं। फडणवीस ने स्थिति को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा, ‘हम सभी उदयनराजे के साथ हैं। देश और प्रदेश उनके साथ है। उनकी भावना सही जगह पहुंच गई है।’ उन्होंने कहा, ‘राज्यपाल का पद संवैधानिक है और (राज्य) सरकार कुछ नहीं कर सकती है। राष्ट्रपति को राज्यपाल की नियुक्ति का अधिकार है। महाराज भी इसे समझेंगे। हम सब उनकी भावना के साथ हैं।’

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News