खुशी दुबे जमानत केसः कोर्ट ने तलब किया तो पनकी थाने और यूको बैंसे तत्काल पहुंची सत्यापन रिपोर्ट

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खुशी दुबे जमानत केसः कोर्ट ने तलब किया तो पनकी थाने और यूको बैंसे तत्काल पहुंची सत्यापन रिपोर्ट

खुशी दुबे जमानत केसः कोर्ट ने तलब किया तो पनकी थाने और यूको बैंसे तत्काल पहुंची सत्यापन रिपोर्ट


कानपुरः बिकरू कांड की आरोपी खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी लेकिन जमानत मिलने के 14 दिनों बाद भी उसकी रिहाई नहीं सकी है। खुशी के अधिवक्ता ने सोमवार को विशेष न्यायधीश पॉक्सो ऐक्ट शैलेंद्र कुमार से शिकायत की थी कि एक हफ्ते पुलिस जमानतगीरों की सत्यापन रिपोर्ट नहीं भेज रही है। इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए पनकी और नौबस्ता के थाना प्रभारियों समेत यूको बैंक के प्रबंधक को 19 जनवरी को तलब होने के निर्देश दिए थे। इसके बाद बीते मंगलवार को पनकी थाने और बैंक प्रबंधक ने सत्यापन रिपोर्ट दाखिल कर दी है लेकिन नौबस्ता थाने ने सत्यापन रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई है।

कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने बीते 2 जुलाई 2020 की रात अपने गुर्गों के साथ मिलकर सीओ समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। बिकरू कांड के बाद एसटीएफ ने विकास दुबे समेत 6 बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया था। बिकरू कांड के पांचवे दिन एसटीएफ ने हमीरपुर जिले में खुशी दुबे के पति अमर दुबे को एनकाउंटर में मार दिया था। वहीं कोर्ट ने भी माना था कि बिकरू कांड के दौरान खुशी नाबालिक थी। नाबालिग होने कि वजह से खुशी को बालसुधार गृह में रखा गया था। जब खुशी बालिग हो गई, तो उसे कानपुर देहात की माती जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।

पुलिस जानबूझकर सत्यापन रिपोर्ट भेजने में कर रही है देरी
खुशी दुबे के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट से खुशी दुबे को बीते 4 जनवरी को जमानत मिल गई थी। कोर्ट ने 6 जनवरी को डेढ़-डेढ़ लाख की जमानते दाखिल कर करने के निर्देश दिए थे। खुशी की बहन नेहा और पिता श्यामलाल तिवारी ने 09 जनवरी को दो जमानतें दाखिल कर दी थीं। इसके साथ ही किशोर न्याय बोर्ड में खुशी के भाई पूर्णेश और बहन नेहा ने 35-35 हजार की दो जमानतें दाखिल की गईं थीं। कोर्ट ने जमानतों के सत्यापन की रिपोर्ट पनकी और नौबस्ता थाने से मांगी थी। लेकिन पुलिस जानबूझकर सत्यापन रिपोर्ट भेजने में देरी कर रही है। इस लिए इसकी शिकायत की गई थी।

11 जनवरी को प्रपत्र पहुंचे थे
शिवाकांत दीक्षित के मुताबिक खुशी के पिता और भाई पनकी थाना क्षेत्र में रहते हैं। जबकि बहन नौबस्ता थाना क्षेत्र में रहती है। कोर्ट ने पनकी और नौबस्ता थाने से सत्यापन की रिपोर्ट मांगी थी। खुशी के पिता और भाई जब थाने जाकर पूछते थे कि खुशी के प्रपत्र आए हैं क्या। इस पर थाने से यह कहकर टरका दिया जाता था कि अभी डाक नहीं मिली है। जबकि डाक की ट्रैक रिपोर्ट बताती है कि 11 जनवरी को प्रपत्र थाने पहुंच चुके हैं।

रिपोर्टः सुमित शर्मा

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