खाद पर बिहार और केंद्र में ठनी, नीतीश के मंत्री बोले- हमारी इमेज खराब हो रही, मांडविया बोले- कहीं किल्लत नहीं

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खाद पर बिहार और केंद्र में ठनी, नीतीश के मंत्री बोले- हमारी इमेज खराब हो रही, मांडविया बोले- कहीं किल्लत नहीं

खाद पर बिहार और केंद्र में ठनी, नीतीश के मंत्री बोले- हमारी इमेज खराब हो रही, मांडविया बोले- कहीं किल्लत नहीं

बिहार में खाद की किल्लत पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की नीतीश सरकार के मंत्री आमने-सामने आ गए हैं। बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने जहां केंद्र सरकार पर राज्य में खाद का आवंटन न देकर भेदभाव बरतने तथा किसानों और गरीबों के बीच नीतीश सरकार की छवि खराब करने का आरोप लगाया है। वहीं, केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर खाद की कमी से जुड़ी खबरों को गलत तथा भ्रामक करार देते हुए कहा कि देश में कहीं भी खाद की किल्लत नहीं है।   

राज्य के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने शुक्रवार को विभागीय अधिकारियों के साथ खाद की किल्लत की समीक्षा की। उन्होंने 18 नवंबर तक केंद्र से आवंटन तथा खाद की प्राप्ति का भी जायजा लिया। बैठक के बाद हिन्दुस्तान से बातचीत में मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि केंद्र से जरूरत के मुताबिक खाद नहीं मिल रही। यूरिया की सबसे अधिक कमी है। 18 नवंबर तक केंद्र ने हमें सिर्फ 37 फीसदी यूरिया दिया है। 

मंत्री ने कहा कि 15 दिसंबर तक गेहूं की खेती के लिए 2 लाख 55 हजार मीट्रिक टन यूरिया चाहिए। इसकी क्या गारंटी है कि अगले 15-20 दिन में हमें शेष 63 फीसदी यूरिया केंद्र दे दे। बिहार को 1,22,300 मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत के विरुद्ध महज 70 फीसदी ही आवंटन मिला है, जबकि कम से कम 90 फीसदी हमें मिल जानी चाहिए थी।

उन्होंने केन्द्रीय मंत्री के दावे को गलत बताते हुए कहा कि उन्होंने खुद सभी 38 जिलों की समीक्षा की है। 1800 किसानों से ऑनलाइन बातचीत की है। जब समय हाथ से निकल जाएगा तब केंद्र के आवंटन का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। समय पर खाद नहीं देंगे तो किसानों की क्षति बढ़ेगी। राज्य की पैदावार प्रभावित होगी। खाद की कालाबाजारी बढ़ेगी। डीलर ही बाजार भाव पर बेचने लगेंगे और उन्हें नियंत्रित करना मुश्किल हो जाएगा। विभाग के अधिकारी लगातार केंद्र के अफसरों से यूरिया की मांग कर रहे हैं।

कुमार सर्वजीत ने आरोप लगाया कि यूपी चुनाव के समय भी बिहार को आवंटन न देकर यूपी में सरप्लस खाद दी गई, जिससे बिहार में भयंकर किल्लत हो गई थी। उन्होंने कहा कि नवंबर-दिसंबर में रबी फसल की बुआई की जाती है। इस समय किसानों को अधिक उर्वरक की ज्यादा आवश्यकता होती है। परंतु भारत सरकार ने इस अवधि में जरूरत से बहुत कम उर्वरक उपलब्ध कराया है। इससे बिहार के किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

केंद्र बोला- देश में कहीं खाद की किल्लत नहीं

इस मुद्दे पर केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया का ट्वीट भी आया। उन्होंने देश में कहीं भी खाद की कमी होने से इनकार कर दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खाद की कमी की जो भी खबरें चल रही हैं वे गलत और भ्रामक हैं। किसान किसी के भ्रम में न आए। खाद की पूरी आपूर्ति की जा रही है।

राज्य सरकार का आंकड़ों का दावा 

उर्वरक            जरूरत (मी.ट.)        आपूर्ति प्रतिशत 


यूरिया            255000            37

डीएपी            122300            70

एमओपी            56000            14

एनपीकेएस        58300            66

एसएसपी        0                100

खाद के लिए कहीं हंगामा तो कहीं पथराव

सूबे के कई जिलों में खाद के लिए कहीं हंगामा तो कहीं पथराव की नौबत आ जाती है। कारण है कि समय पर खादी नहीं मिलने से किसान परेशान हैं। सीवान के रघुनाथपुर, गुठनी, पचरूखी में किसानों ने खाद के लिए 10 व 11 नवंबर को हंगामा किया। हालांकि संबंधित पदाधिकारी ने कहा कि खाद की कमी नहीं है। वहीं नवादा बिस्कोमान में 15 नवंबर को खाद नहीं मिलने पर हंगामा हुआ। इस दौरान कुछ लोगों ने पथराव किया। इसमें दो महिलाएं घायल और दो बेहोश हो गईं। अगले दिन बुधवार को मजिस्ट्रेट की निगरानी में पूरे दिन किसानों को खाद बांटी गई।

 

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