खतरनाक मंसूबों के साथ जाल फैला रहा था PFI, ATS की जांच में चौकाने वाले खुलासे | PFI had dangerous plans Shocking revelations in the investigation of UP ATS | Patrika News

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खतरनाक मंसूबों के साथ जाल फैला रहा था PFI,  ATS की जांच में चौकाने वाले खुलासे | PFI had dangerous plans Shocking revelations in the investigation of UP ATS | Patrika News

खतरनाक मंसूबों के साथ जाल फैला रहा था PFI, ATS की जांच में चौकाने वाले खुलासे | PFI had dangerous plans Shocking revelations in the investigation of UP ATS | Patrika News

लड़कों को मिलती थी पॉल‍िट‍िकल व‍िंग में ट्रेनिंग यूपी एटीएस की जांच में यह भी सामने आया है क‍ि पीएफआई अपने जिहादी मिशन में लड़कों को भर्ती करने के बाद उनको अपनी पॉल‍िट‍िकल व‍िंग में भी ट्रेनिंग देता था, ताकि उनको पॉल‍िट‍िकली लोगों को जोड़ने में जरा भी मुश्किल न हो। इस काम में उसकी मदद लखनऊ की एक टेक्निकल यूनिवर्सिटी के छात्र कर रहे थे। जिससे सोशल मीडिया पर भी पीएफआई संगठन को अपना एजेंडा तेजी से फैलाने में मदद मिले। जैसे हाथरस मामले मे एक ही रात में पीएफआई के टेक्नोरेट्स ने 2000 नए ट्वीटर एकाउंट क्रिएट कर दिए थे और तुरन्त ही 25 हजार हैशटैग भी यूपी सरकार के खिलाफ लेख के साथ सामने आ गए थे। बाद में कई सारे एकाउंट्स को एसटीएफ ने ब्लॉक करवाया था। साथ ही सोशल मीडिया से हटवाया था।

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आतंकी संगठन आईएसआईएस से काफी प्रभावित जब एटीएस ने पीएफआई के लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वह अपने लोगों को आईएस से बात करने के लिए भी ट्रेनिंग देते थे। अगर वो जेल भी चले जाएंगे तो वहां से भी पीएफआई का एजेंडा लगातार चलाते रहेंगे। इतना ही नहीं जेल में बंद दूसरे कैदियों को वह पीएफआई के बारे में बताएंगे और उन्हें अपने साथ जोड़ने के लिए मोटिवेट करेंगे। जांच में सबसे ज्यादा हैरानी की बात ये सामने आई कि पीएफआई में काम कर रहे सक्रिय सदस्य आतंकी संगठन आईएसआईएस से काफी ज्यादा प्रभावित थे। वहीं कुछ लोगों के आईएसएस के रिक्रूटर्स के साथ संबंध होने की जानकारी भी सामने आई है। इसी तरह से पीएफआई के शामिल हुए सदस्यों को पीई यानी फ‍िज‍िकल एक्‍सपेंशन ग्रुप तक में शामिल किया जाता था।

चाकू से वार करने की दी जाती थी खास ट्रेनिंग जांच में ये भी तथ्य सामने आया कि पीएफआई अपने सदस्यों के समूहों में कराटे, ब्लैक बेल्ट जैसी प्रतियोगिता भी कराता था। जिससे लोगों के बीच कम्पटीशन जैसी भावना पैदा हो सके। इसके साथ ही बॉम्‍ब और आईईडी बनाने के अलावा ISIS को देखते हुए चाकू से वार करने की भी खास ट्रेनिंग दी जाती थी। जिससे मीडिया की नजर में आए बिना ही आतंकी वारदात को अंजाम दिया जा सके। जांच टीम ने पकड़े गए आरोपियों के कब्जे ISIS से सम्बंधित बड़ा ज़खीरा भी बरामद किया है, जिसमें इराक और सीरिया में हुई घटनाओं का काफी ज़िक्र मौजूद है। सिर्फ यूपी में करीब 243 सेंटर्स पीएफआई ने अपने या उससे जुड़े हुए संगठन के नाम से चला रखे थे। लखनऊ, बराबंकी, बहराइच पश्चिमी उप्र और नेपाल में भी पीएफआई ने अपना संगठन मजबूत कर लिया था।

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