क्लास में सबसे ज्यादा सवाल पूछती थी और फिर बन गई घरवाली… बायजू रवींद्रन ने किया खुलासा

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क्लास में सबसे ज्यादा सवाल पूछती थी और फिर बन गई घरवाली… बायजू रवींद्रन ने किया खुलासा

क्लास में सबसे ज्यादा सवाल पूछती थी और फिर बन गई घरवाली… बायजू रवींद्रन ने किया खुलासा


नई दिल्ली: देश की स्टार्टअप कंपनियों के लिए पिछला साल अच्छा नहीं रहा। कोरोना महामारी के कारण खासकर एडुटेक सेक्टर की कंपनियों में व्यापक पैमाने पर छंटनी हुई। देश की सबसे वैल्यूएबल स्टार्टअप कंपनी बायजू (BYJU) को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कंपनी ने 2500 लोगों को नौकरी से बाहर किया। लेकिन कंपनी के सीईओ बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) का कहना है कि उनकी कंपनी देश में सबसे ज्यादा लोगों को नौकरी देने वाली स्टार्टअप कंपनी है। कंपनी में 55,000 लोग काम कर रहे हैं। हर कोई कंपनी में छंटनी की बात कर रहा है लेकिन कंपनी ने पिछले एक साल में 25,000 लोगों को नौकरी दी, इसकी बात कोई नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि फरवरी में ही 2,000 लोगों को नौकरी पर रखा गया।

रवींद्रन ने एक मीडिया ग्रुप के कार्यक्रम में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, ‘मैं छंटनी को सही करार नहीं दे रहा हूं लेकिन जब आप कंपनियों को खरीदते हैं तो कई लोगों की उपयोगिता खत्म हो जाती है। जब दुनिया एफिशियंट ग्रोथ की तरफ देख रही थी तो आप इससे मुंह नहीं मोड़ सकते थे।’ पिछला साल बायजू के लिए मुश्किल भरा रहा। एक तरफ कंपनी छंटनी कर रही थी और दूसरी ओर उसने अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉलर लियोनल मेसी को ब्रांड एंबेसेडर बनाया। इससे काफी विवाद पैदा हुआ था। इस बारे में रवींद्रन ने कहा, ‘आप मेसी को एक हफ्ते में साइन नहीं कर सकते हैं।’

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दिव्या गोकुलनाथ से कैसे हुई थी मुलाकात

इस कार्यक्रम में रवींद्रन की पत्नी दिव्या गोकुलनाथ भी उनके साथ थी। रवींद्रन ने इस मौके पर बताया कि उनकी दिव्या के पहले मुलाकात कैसे हुई थी। उन्होंने कहा, ‘वह मेरी स्टूडेंट थी और सबसे ज्यादा सवाल पूछती थी।’ बिजनस मैगजीन फोर्ब्स (Forbes) ने साल 2020 के सर्वाधिक धनी लोगों की लिस्ट में दिव्या गोकुलनाथ भारत की सबसे कम उम्र की दूसरी सबसे धनवान हस्ती के रूप में शामिल किया था। शुरुआत में बतौर छात्रा रविंद्रन से ट्यूशन पढ़ने के लिए गई थीं लेकिन बाद में दोनों ने शादी कर ली और मिलकर कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। आज दिव्या अपने पति के साथ कंपनी की कमान संभाल रही हैं और उसके बोर्ड में भी शामिल हैं।

बेंगलुरु में जन्मीं दिव्या के पिता अपोलो अस्पताल में गुर्दा रोग विशेषज्ञ हैं और उनकी मां दूरदर्शन में प्रोग्राम एक्जिक्यूटिव के तौर पर काम कर चुकी हैं। अपने माता- पिता की इकलौती संतान दिव्या को उनके पिता ने शुरुआत में साइंस की शिक्षा दी थी। उन्होंने फ्रैंक एंथनी स्कूल के बाद आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बायोटेक्नोलॉजी में बीटेक किया। इसके बाद विदेश में पढ़ाई करने के मकसद से जीआरई (ग्रेज्युएट रिकॉर्ड एग्जामिनेशन) की तैयारी के सिलसिले में उनकी मुलाकात अपने भावी जीवनसाथी बायजू रविंद्रन से हुई। पढ़ाई के प्रति उनकी जिज्ञासा देखकर रवींद्रन ने उन्हें शिक्षण के पेशे में आने को प्रोत्साहित किया।

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