क्या Priyanka Gandhi छोड़ेंगी UP कांग्रेस की जिम्मेदारी? 2024 के चुनावों से पहले बड़े बदलाव की तैयारी

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क्या Priyanka Gandhi छोड़ेंगी UP कांग्रेस की जिम्मेदारी? 2024 के चुनावों से पहले बड़े बदलाव की तैयारी

क्या Priyanka Gandhi छोड़ेंगी UP कांग्रेस की जिम्मेदारी? 2024 के चुनावों से पहले बड़े बदलाव की तैयारी

लखनऊ: क्या 2019 में लोकसभा चुनावों के साथ शुरू हुआ उत्तर प्रदेश कांग्रेस संगठन (UP Congress) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) का सफर अब खत्म होने की राह पर है? कांग्रेस के भीतर की चर्चाओं से ऐसा ही लग रहा। दावा किया जा रहा है कि गोखले मार्ग स्थित प्रियंका गांधी के लिए तैयार आवास से काफी सामान भी वापस जा चुका है। इसके अलावा जिस तरह से बीते एक साल में उत्तर प्रदेश के संगठन को लेकर प्रियंका की निष्क्रियता रही है, उससे भी काफी कुछ कयासों को बल मिल रहा है। सिर्फ यही नहीं, चर्चा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले प्रदेश संगठन में बड़े बदलाव किए जा सकते हैं।

बीते साल विधानसभा चुनावों के परिणाम में कांग्रेस के बेहद निराशाजनक प्रदर्शन के बाद से ही कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा यूपी में सक्रिय नहीं हैं। बीते साल जुलाई से तो वह प्रदेश कांग्रेस कार्यालय ही नहीं आई हैं। ऐसे में यहां के लोगों की मानें तो अब संगठन में उनकी भूमिका बदलने वाली है। जिस तरह से वह अन्य राज्यों में सक्रिय हैं, उसे देखते हुए कहा जा रहा है कि अब उत्तर प्रदेश के सांगठनिक दखल में उनकी भूमिका खत्म होगी और साल 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी प्रयोग कर सकती है।

लंबे वक्त तक रही थी चुनाव से दूरी
बीते साल के विधानसभा चुनाव के बाद जिस तरह से प्रियंका ने उत्तर प्रदेश के मामलों में फैसला लेना बंद कर दिया था उससे संगठन चुनावों से दूर हो गया था। यह दूरी शहरी निकाय चुनाव तक कायम थी। हाल ही में समाप्त हुए यूपी के शहरी निकायों के चुनाव के साथ ही छानबे विधानसभा उपचुनाव में भी पार्टी ने हिस्सा लिया, लेकिन प्रियंका की दूरी यूपी के चुनावों से कायम रही। इसके पहले के उपचुनावों में वह हिमाचल प्रदेश में सक्रिय थीं जबकि इस निकाय चुनाव के दौरान वह कर्नाटक के चुनाव में व्यस्त रहीं।

तो क्या नया प्रदेश अध्यक्ष भी मिलेगा?
यूपी विधानसभा चुनाव के बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से इस्तीफा ले लिया गया था। इसके बाद काफी समय तक प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी खाली रही और फिर एक अध्यक्ष और छह प्रांतीय अध्यक्ष के फॉर्म्युले के साथ कांग्रेस ने संगठन दोबारा खड़ा करना शुरू किया था। हालांकि उसके भी अच्छे नतीजे अबतक सामने नहीं आए हैं।

शहरी निकाय चुनाव में संगठन के प्रांतीय अध्यक्षों और राष्ट्रीय सचिवों के बीच अनबन और उनके अलग-अलग मतों की बातें सामने आईं। इसका असर चुनाव पर भी पड़ा। निकाय चुनाव के परिणाम के बाद कयास इस बात के भी हैं कि प्रदेश संगठन के चेहरों में भी बदलाव होगा। अबतक अध्यक्ष को उनकी कमिटी तक नहीं मिली है, इस बात से भी माना जा रहा है कि अभी काफी फैसले लिए जाने बाकी हैं।

पद छोड़ेंगी, यूपी नहीं
जिस तरह से प्रियंका गांधी की भूमिका यूपी तक सीमित न रहने की बात हो रही है, उससे कहा जा रहा है कि वह यूपी में संगठन का पद ही छोड़ेंगी, यूपी की सियासत में उनका दखल कायम रहेगा। पूरी तरह से सक्रिय राजनीति में आने से पहले भी प्रियंका अमेठी और रायबरेली को लेकर सक्रिय रहती थीं। यह सक्रियता उनकी बरकरार रहेगी। आने वाले समय में अगर वह इनमें से कहीं भी चुनावी मैदान में उतरें तो बड़ी बात नहीं होगी।

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