क्या Akhilesh की प्लानिंग पर पानी फेर देगा BSP का मुस्लिम कार्ड? लखनऊ शहर में किसकी बनेगी सरकार

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क्या Akhilesh की प्लानिंग पर पानी फेर देगा BSP का मुस्लिम कार्ड? लखनऊ शहर में किसकी बनेगी सरकार

क्या Akhilesh की प्लानिंग पर पानी फेर देगा BSP का मुस्लिम कार्ड? लखनऊ शहर में किसकी बनेगी सरकार

अभय सिंह, लखनऊ:उत्तर प्रदेश में शहरी निकाय चुनाव होने के चलते यहां एक बड़ी आबादी पढ़े-लिखे वोटरों की है, जो एक बार फिर अपने शहर के विकास को रफ्तार देने के लिये शहर की सरकार चुनने जा रही है। उधर, राजनीतिक पार्टियां जातीय समीकरण के सहारे अपनी सियासी नैया पार लगाना चाहते हैं। ऐसा ही कुछ राजधानी लखनऊ में देखने को मिल रहा है। लखनऊ से बीजेपी ने जहां महिला मोर्चा की नेत्री सुषमा खरकवाल को उम्मीदवार बनाया है।वहीं समाजवादी पार्टी ने सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी वरिष्ठ पत्रकार वंदना मिश्र को प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने यहां पर मुस्लिम कार्ड खेलते शाहीन बानो को चुनावी मैदान में उतार दिया है। अब बसपा के इस दांव से किसको फायदा होगा और किसको नुकसान यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन उससे पहले आइए यूपी के वरिष्ठ पत्रकारों से जानते है कि आखिर वोमायावतीके इस दांव को किस तरह से देख रहे हैं।

मुस्लिम कैंडिडेट होने का सपा पर नहीं पड़ेगा ज्यादा असर
बसपा सुप्रीमो मायावती के मुस्लिम कार्ड को लेकर वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद गोस्वामी बताते हैं कि यहां मुस्लिम ठीक-ठाक वोटर हैं। लेकिन बसपा ने जो मुस्लिम कार्ड खेला है उससे उतना असर नहीं दिखाई पड़ेगा। 5-10 हजार वोट काट दें, वो बात अलग है। लेकिन ऐसा नहीं लगता है कि मुस्लिम उम्मीदवार उतारने से उसका कोई बहुत प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने बताया कि हालांकि बीएसपी ने इस बार बहुत से प्रत्याशी मुस्लिम उतारे हैं लेकिन फिर भी ऐसा नहीं लगता है कि बहुजन समाज पार्टी के मुस्लिम कार्ड खेलने से समाजवादी पार्टी को बहुत ज्यादा नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि मुसलमानों की रणनीति भी यही रही है कि बीजेपी को कौन हराएगा, बजाए इसके की मुस्लिम कैंडिडेट खड़ा हो।

अखिलेश यादवके वोट बैंक में बसपा की सेंधमारी
वहीं वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्रा की माने तो बसपा सुप्रीमो मायावती हमेशा भारतीय जनता पार्टी की B टीम की तरह काम करती है। उन्होंने बताया कि जब समाजवादी पार्टी ने यहां से ब्राह्मण उतार करके एक मैसेज देने की कोशिश की, तो मायावती ने मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट देकर यह बता दिया कि सपा का जो MY (मुस्लिम+ यादव) का गठबंधन हैं। उसमें वो सेंध लगाने की कोशिश करेंगी।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बसपा का मुस्लिम कैंडिडेट जो भी वोट पाएगा, वो अखिलेश यादव का वोट पायेगा। वहीं वरिष्ठ पत्रकार नवलकांत सिन्हा बताते हैं कि बसपा का कैंडिडेट सीरियस नजर नहीं आ रहा है, इसलिए बसपा उम्मीदवार मुस्लिम होने के बावजूद वो व्यक्तिगत आधार पर जो वोट पाएगा, वही उसे मिलेगा। बाकी मुस्लिम कम्युनिटी का वोट समाजवादी पार्टी को ही मिलेगा।

बसपा से शाहीन बानो चुनावी मैदान में
दरअसल बहुजन समाज पार्टी ने लखनऊ नगर निगम के महापौर पर होने वाले चुनाव के लिए मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव खेला है। बसपा ने महिला सीट होने के कारण यहां से शाहीन बानो को टिकट दिया है। शाहीन बानो की पहचान बसपा नेता व लखनऊ उत्तर विधानसभा से बसपा प्रत्याशी रहे मो. सरवर मलिक की पत्नी के रूप में हो रही है।

हालांकि मोहम्मद सरवर मलिक भी बीते 2022 विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव जरूर लड़े थे। लेकिन वो कई खास कमाल नहीं दिखा पाए थे। हाल ये हुआ था कि वो तीसरे या चौथे स्थान पर रहे थे। वहीं लखनऊ नगर निगम की जनता के लिये शाहीन बानो की स्वयं की पहचान भी बेहद केम है। बावजूद इसके लखनऊ में ठीक-ठाक मुस्लिम वोटबैंक है जो एक तरफा गिरने पर चुनाव को रुख बदल सकता है।

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