क्या सुशील मोदी बनने जा रहे बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष, ललन सिंह का इशारा समझें!

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क्या सुशील मोदी बनने जा रहे बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष, ललन सिंह का इशारा समझें!

क्या सुशील मोदी बनने जा रहे बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष, ललन सिंह का इशारा समझें!

पटना : बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद विरोधियों के लिए वन मैन आर्मी सुशील कुमार मोदी फिर एक्टिव हो गए हैं। आए दिन महागठबंधन सरकार और जदयू पर हमलावर रहते हैं । उनके टारगेट पर सबसे ज्यादा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह हैं। सुशील मोदी ने हाल में अमित शाह के दौरे को लेकर ललन सिंह की ओर से किये गए हमले का, सिलसिलेवार जवाब दिया था। सुशील मोदी ने ललन सिंह की सियासत में एंट्री 1995 में बताई थी। सुशील मोदी ने यहां तक कह दिया कि उन्हें ललन सिंह से सहानुभूति है।

ललन को ‘लपेटे’ में लेते रहे हैं सुशील मोदी
सुशील कुमार मोदी ने हाल ही में ललन सिंह पर लगातार राजनीतिक हमले कर रहे हैं। सुशील मोदी ने 26 सितंबर को ललन सिंह चुभने वाले 9 सवाल पूछे थे। जिसके बाद जदयू में खलबली मच गई। सुशील मोदी ने ललन सिंह से जो सवाल पूछे, वो कुछ इस तरह थे:-

1. लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाला की जांच CBI से कराने हेतु PIL दाखिल करने और इस घोटाले से जुड़े कागजात सीबीआई को आपने उपलब्ध कराया था या नहीं?
2.IRCTC घोटाले और रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के कागजात तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और CBI को आपने उपलब्ध कराए थे या नहीं?
3.नीतीश कुमार ने आपको पार्टी से क्यों निष्कासित किया था और आप की सदस्यता समाप्त करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष को क्यों पत्र लिखा था?
4.जेडीयू छोड़ने के बाद आपने कहा था कि नहीं ‘नीतीश कुमार के पेट में दांत कहां-कहां है, मैं जानता हूं और मैं सर्जन हूं, जो एक-एक दांत निकालना जानता हूं?’
5.जदयू छोड़ते समय आपने नीतीश कुमार को तानाशाह कहा था या नहीं?
6. आपकी पार्टी 1995 में विधानसभा और 2014 में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ी और मात्र 7 एवं 2 सीटों पर क्यों सिमट गई थी?
7. भागलपुर का चुनाव 2004 में विपरीत परिस्थितियों में 1.25 लाख वोट से जीता और उसी वर्ष रेल मंत्री रहते नीतीश कुमार बाढ़ लोकसभा से क्यों चुनाव हार गए थे?
8. उपमुख्यमंत्री आप लोगों की कृपा से नहीं बना था। भाजपा के विधायकों की रायशुमारी में 90% विधायकों ने मेरे पक्ष में मत दिया तब मैं उपमुख्यमंत्री बना था।
9. IRCTC घोटाले में तेजस्वी पर मुकदमे को CBI ने न तो वापस लिया है और न ही केस बंद किया है। 28 सितंबर को अगली सुनवाई का इंतजार कीजिए?

ललन सिंह को बताया दया का पात्र
उसके बाद सुशील मोदी ने ललन सिंह को दया का पात्र बताते हुए, अपराध और भ्रष्टाचार से समझौता करने वाला कहा था। सुशील मोदी ने कहा कि इसी कारण आप केंद्र में मंत्री नहीं बन पाए और हमारी सहानुभूति आपके साथ है। सुशील मोदी ने ललन सिंह को यहां तक कह दिया कि आप नीतीश की वही दशा करेंगे, जो जॉर्ज, शरद, आरसीपी की है। 2024 में लालू यादव बिहार को जदयू मुक्त करेंगे। इंतजार कीजिए।

‘सुशील मोदी बनने जा रहे बिहार बीजेपी के अध्यक्ष’, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ट्विटर पर किया दावा
ललन सिंह हुए सुशील मोदी पर हमलावर

वहीं, दूसरी ओर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी एक मौका नहीं छोड़ रहे हैं, सुशील मोदी पर पलटवार करने का। ताजा मामला ललन सिंह के सोशल मीडिया पर डाले गए एक सियासी पोस्ट का है। जिसमें ललन सिंह ने सुशील मोदी को बिहार का भावी प्रदेश अध्यक्ष बता दिया। ललन सिंह ने लिखा कि ‘आपकी खबर मैंने देखी, जिसमें आप बता रहे हैं कि नीतीश जी को सोनिया गांधी जी छोड़ने आयीं या नहीं, उनके साथ फोटो शेयर किया या नहीं। लगता है आज तक आप छात्र नेता से राजनेता बन ही नहीं पाए। खैर, हम लोग तो चाहते थे कि तिरस्कृत के बजाय आपकी कुछ प्रोन्नति हो जाए। लेकिन सुन रहे हैं कि आपकी पदावनति हो रही है, फिर से आपको प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा रहा है। जो कि आप 15 साल पहले थे। वाकई आप दया के ही पात्र हैं…!’

ललन सिंह के दावे को मोदी ने किया खारिज
इस ट्वीट को लेकर NBT की टीम ने जब बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी को फोन किया तो उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ‘ललन सिंह को ये सपना कहां से आ गया’। मैं 17 साल पहले बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष था और 17 साल के बाद पार्टी एक ही मौका दोबारा नहीं देगी। यहां बनने की कोई गुंजाइश भी नहीं है। न बीजेपी को पता है और न मुझे, ललन सिंह को कहां से जानकारी मिल गई।’

navbharat times -Bihar News: ‘मेरी सहानुभूति आपके साथ…’, सुशील मोदी ने JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से पूछे ये 9 सवाल
जडीयू अध्यक्ष ललन सिंह के बयान के मायने
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के बारे में कहा जाता है कि उनकी सभी दलों में पैठ है। सवाल ये है कि क्या ललन सिंह को उसी सियासी पैठ के जरिए सुशील मोदी के बारे में सूचना मिली है? या फिर ललन सिंह ने राजनीतिक चुटकी ली है, ताकि सुशील मोदी की बिहार में राजनीतिक राह रपटीली बन जाए? दूसरी ओर बिहार में जिस दौर से बीजेपी गुजर रही है, सुशील मोदी के अलावा महागठबंधन पर तथ्यों के साथ कोई अटैक करने वाला नेता नहीं दिख रहा। ऐसे दौर में सुशील मोदी बिहार की सियासत को लेकर काफी एक्टिव हैं। महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से बिहार में डेरा डाले हुए हैं क्योंकि पहली बार महागठबंधन के साथ बनी सरकार को गिराने में सुशील मोदी की भूमिका से कोई इनकार नहीं कर सकता। सुशील मोदी ने उस दौरान लगातार 48 प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महागठबंधन को घेर लिया था। अतंतः सरकार गिर गई थी। फिलहाल, ललन सिंह के बयान को खारिज कर सुशील मोदी ने प्रदेश अध्यक्ष बनने वाली बात पर विराम लगा दिया है। लेकिन, सियासी कयासबाजी का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है।

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