क्या टूटने की कगार पर सपा-सुभासपा गठबंधन? अब ओम प्रकाश राजभर के बाद उनके बेटे ने अखिलेश पर बोला हमला

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क्या टूटने की कगार पर सपा-सुभासपा गठबंधन? अब ओम प्रकाश राजभर के बाद उनके बेटे ने अखिलेश पर बोला हमला

क्या टूटने की कगार पर सपा-सुभासपा गठबंधन? अब ओम प्रकाश राजभर के बाद उनके बेटे ने अखिलेश पर बोला हमला

लखनऊ: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी उठापटक तेज है। कल (शुक्रवार) उत्तर प्रदेश की राजनीति से बड़ी खबर आई कि सपा के सहयोगी दल सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने एनडीए समर्थित प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में सीएम आवास पर रखे गए रात्रिभोज में शिरकत की थी। तब से लेकर सपा गठबंधन में टूट के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन इसी बीच ओपी राजभर के बेटे और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभापसा) नेता अरविंद राजभर ने बड़ा दावा किया है।

अरविंद राजभर ने किया दावा
पूर्व राज्यमंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव अरविंद राजभर ने दावा किया है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर कल सीएम आवास पर आयोजित किए गए रात्रिभोज कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने अपने बयान में कहा कि कल हमारे माननीय नेता जी मऊ जिले की बैठक में थे। जिसे टीवी चैनलों पर भी देखा गया। रात में साढ़े 8 बजे तक हमारी नेता जी से बात हुई, वो उस समय एक्सप्रेस-वे पर थे, लेकिन इतना जरूर है कि रात को नेता जी लखनऊ लौटे हैं, लेकिन मुख्य आवास पर जाने की कोई रिपोर्टिंग नहीं है।

’12 जुलाई को पार्टी आगे की रणनीति पर निर्णय लेगी’
साथ ही सुभापसा नेता अरविंद राजभर ने कहा कि 12 तारीख को हम निर्णय लेंगे की राष्ट्रपति चुनाव में किसे वोट करना है, लेकिन अभी हम अखिलेश यादव जी को समय दे रहे हैं कि समझने का कार्य करिये। हमें राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करना है। वहीं, गठबंधन के नेता सपा मुखिया अखिलेश यादव को लेकर अरविंद राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव जी को बार-बार बताया जा रहा है कि घर से बाहर निकलकर संगठन तैयार करने की आवश्यकता है, क्योंकि यूपी में विपक्ष के तौर पर सपा मजबूत पार्टी दिखती रही है। जब से हम लोग साथ आए हैं तो कहीं न कहीं बहुत अच्छा करने का प्रयास किया है।

अरविंद राजभर ने कही ये बातें
अरविंद राजभर ने कहा कि हमें तकलीफ तब हुई, जब विपक्ष के राष्ट्रीय उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का लखनऊ आगमन हुआ और उनके आगमन से दो दिन पहले हमें फोन आया कि 7 तारीख को 10 बजे आपकी पार्टी के साथ बैठक करना चाहते हैं, लेकिन 6 तारीख को सुबह साढ़े 5 बजे फिर फोन आता है कि कार्यक्रम कैंसिल है, क्योंकि प्रत्याशी महोदय नहीं आ रहे हैं, इसलिए आप लोगों को आने की आवश्यकता नहीं हैं। अरविंद ने कहा कि उस बैठक में ओम प्रकाश राजभर जी को जो नजरअंदाज किया गया। उससे पार्टी के नेता व कार्यकर्ता ये सोचने पर विवेश है कि अखिलेश यादव ने इस प्रकार का निर्णय क्यों लिया।

राजभर के शामिल होने का किया गया था दावा
वहीं, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एनडीए की समर्थित प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में मुख्यमंत्री आवास पर शुक्रवार को रात्रिभोज कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें सपा विधायक शिवपाल यादव और सुभापसा मुखिया ओम प्रकाश राजभर के डिनर में शामिल होने का दावा किया जा रहा था। इसको लेकर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने कहा कि भाजपा के साथी दल और जो दल साथ नहीं हैं, वो भी समर्थन कर रहे हैंष शिवपाल और राजभर के शामिल होने पर राजा भैया ने कहा कि जी हां, उन्होंने भी समर्थन देने की बात वहां कही है। साथ ही राजा भैया ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना अहम बात है। इसके लिए PM मोदी को धन्यवाद करता हूं। जनसत्ता दल द्रौपदी मुर्मू जी का समर्थन करेगी। जनसत्ता दल के यूपी में 2 विधायक हैं।
इनपुट-अभय सिंह

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