कौशल विकास में करोड़ों का गबन: विपक्ष के नेता ने किया खुलासा, CBI के अभियुक्त का CM हाउस से कनेक्शन; नीतीश के जीरो टॉलरेंस का क्या हुआ?

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कौशल विकास में करोड़ों का गबन:  विपक्ष के नेता ने किया खुलासा, CBI के अभियुक्त का CM  हाउस से कनेक्शन;  नीतीश  के जीरो टॉलरेंस का क्या हुआ?

कौशल विकास में करोड़ों का गबन: विपक्ष के नेता ने किया खुलासा, CBI के अभियुक्त का CM हाउस से कनेक्शन; नीतीश के जीरो टॉलरेंस का क्या हुआ?

विधानसभा अध्यक्ष से बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बने विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भ्रष्टाचार के सवाल पर एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया है । विजय कुमार सिन्हा ने नीतीश कुमार की सरकार पर कौशल विकास योजना में करोड़ों के घपले का आरोप लगाया है। पार्टी कार्यालय में आयोजित कर उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षण और प्लेसमेंट दिए बगैर एजेंसी के द्वारा करोड़ों की राशि गवन किया गया। एजेंसी के बड़े पदाधिकारी का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीधा संबंध है। उन्होंने बताया कि एमकेसीएल नामक एजेंसी के जिस अधिकारी पर करोड़ों के गबन के आरोप में कोर्ट में केस चल रहा है उसे सीएम हाउस बुलाया गया और वहां उससे स्किल डेवलपमेंट का प्रेजेंटेशन दिलाया गया।

नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने  राजस्व पर्षद के अपर सदस्य सुधीर कुमार का एक पत्र प्रेस के सामने रखा।  यह पत्र 12 अप्रैल 2021 को श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव को भेजा गया था।  पत्र में छह बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी।  पूछा गया था कि किसके आदेश से कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष को सीएम आवास पर आयोजित मीटिंग में बुलाया गया? पत्र में पूछा गया है की जिस विवेक सावंत के खिलाफ के मामले में सीबीआई कोर्ट में मुकदमा दर्ज है, वह सीएम आवास पर स्किल डेवलपमेंट का प्रेजेंटेशन कैसे दे रहा था?राजस्व पर्षद में 9 अप्रैल 2016 की कार्यवाही का डिटेल भी मांगा है। यह भी पूछा गया है कि उस बैठक में कौन-कौन लोग उपस्थित थे और बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने स्किल डेवलपमेंट के तहत इस योजना को कार्यान्वित किया?

 

विपक्ष के नेता ने कहा कि राज्य में श्रम संसाधन विभाग के द्वारा कौशल विकास मिशन का मामला विधानसभा में उठाया गया था मार्च 2020 में 4 विधायकों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया था। आरोप लगाया गया था कि कौशल विकास मिशन में प्रशिक्षण देने के लिए चयनित नॉलेज पार्टनर एमकेसीएल पुणे के द्वारा 5 सालों में मात्र 10 से 20% युवाओं को ही प्रशिक्षित किया गया।  पर एजेंसी ने सरकार से पूरा का पूरा भुगतान प्राप्त कर लिया। 

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 प्रशिक्षित युवाओं को रोजी रोजगार दिलाने के लिए प्लेसमेंट सेल पोर्टल खोला जाना था। लेकिन 3 सालों में पोर्टल नहीं खुला।  2016 के बदले 2020 में यह पोर्टल खोला गया।  लेकिन, अधिकारियों की मिलीभगत से गलत जानकारी देकर एजेंसी के द्वारा करोड़ों की राशि का भुगतान ले लिया गया। इसमें सरकार के कई बड़े अधिकारियों की मिलीभगत थी 

 

विजय कुमार सिन्हा ने नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन करते हैं। इस मामले में कब तक कार्रवाई करेंगे, यह देखने वाली बात होगी। उन्होंने कहा कि  मामला सीएम कार्यालय से जुड़ा हुआ है इसलिए इसे लंबे समय तक दबाया गया।  विपक्ष के नेता  ने आरोप लगाया विधानसभा में सवाल उठाए जाने पर विशेष कमेटी बनाई गई।  जानबूझकर उसके रिपोर्ट सदन में पेश नहीं किया गया।

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