कौन हैं विजय नायर और सी अरविंद, जिनकी वजह से शराब कांड में फंस गए सीएम केजरीवाल
कौन हैं विजय नायर?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ईडी ने जो चार्जशीट दायर की है, उसमें विजय नायर का नाम भी शामिल है। विजय नायर ने ही कथित तौर पर पूरे शराब घोटाले को अंजाम दिया। विजय नायर लंबे समय से आम आदमी पार्टी से जुड़े रहे हैं। वो कोई पार्टी के सामान्य कार्यकर्ता नहीं है, बल्कि वो सीएम केजरीवाल के काफी करीबी माने जाते रहे हैं। दिल्ली शराब नीति मामले में नामजद आरोपियों में गिरफ्तार होने वाले विजय नायर पहले आरोपी थे। विजय नायर एक इवेंट मैनेडमेंट कंपनी के सीईओ रहे हैं। शराब कांड में उनसे पहले सीबीआई पूछताछ कर चुकी है। पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि उन्हें साजिश, ‘कार्टेलाइजेशन’ और ‘चयनित लाइसेंसिंग’ के लिए गिरफ्तार किया गया था। लेकिन अब नायर के साथ केजरीवाल का नाम भी इस घोटाले से जोड़ा जा रहा है।
कौन हैं सी अरविंद?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार ही केजरीवाल के खिलाफ दायर चार्जशीट में दानिक्स अधिकारी सी अरविंद द्वारा के बयान का भी जिक्र है। दानिक्स यानी दिल्ली और अंडमान निकोबार द्वीप समूह सिविल सर्विस। ये एक खास कैडर होता है, जिसमें केंद्र शासित प्रदेशों में प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती की जाती है। इस कैडर के सी अरविंद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सचिव थे। ईडी ने दावा किया है कि सी अरविंद ने शराब घोटाले को लेकर बयान रेकॉर्ड किया है। इस बयान में उन्होंने बताया है कि सीएम केजरीवाल के आवास पर हुई बैठक में सिसोदिया ने उन्हें नई शराब नीति का मसौदा सौंपा। इस बैठक में मंत्री सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे। इसी बैठक में ये भी तय किया गया कि नई शराब नीति को कब से लागू करना है।
चार्जशीट में 100 करोड़ रुपये रिश्वत की बात
बता दें कि ईडी ने अपनी चार्जशीट में शराब घोटाले में 100 करोड़ रुपये रिश्वत की बात कही है। एजेंसी ने दावा किया है कि शराब घोटाले से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने गोवा चुनाव में किया था। ये दावा ईडी ने इस मामले में अपनी दूसरी चार्जशीट में दावा किया है जिसमें दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया आरोपी हैं। वहीं सीएम केजरीवाल ने ईडी के इन दावों और चार्जशीट को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि एजेंसी ने सरकार के कार्यकाल ऐसी 5000 चार्जशीट फाइल की हैं। लेकिन कितने लोगों को सजा सुनाई गई है? ईडी द्वारा दर्ज किए गए सभी मामले फर्जी हैं और उनका उपयोग सरकारों को गिराने या उन्हें बनाने के लिए किया जाता है।