कोरोना संकट के बीच मदद के लिए आगे आया ये संगठन, संक्रमितों के घर भिजवा रहा है खाना

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<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्ली:</strong> कोरोना की दूसरी लहर के चलते दिल्ली में कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. आलम यह है कि ज्यादा से ज्यादा लोग बीमारी के चपेट में आ रहे हैं. कई घर तो ऐसे हैं, जहां सारे के सारे परिवार वाले इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं. ऐसे में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के बाबरपुर इलाके में एक संगठन ने कोरोना बीमारी से पीड़ित लोगों को घर पर ही खाना उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है.</p>
<p style="text-align: justify;">ये लोग उनके घरों में फ्री में फूड पैकेट पहुंचा रहे हैं, जहां पर कोरोना के मरीज हैं, क्योंकि कई घरों में आलम यह है कि सभी सदस्य संक्रमित हैं और घर में खाना बनाने वाला भी कोई नहीं. इस संगठन ने व्हाट्सएप के माध्यम से एक मैसेज सर्कुलेट किया है, जिसमें एक फोन नंबर भी दिया गया है. साथ ही यह भी बताया गया है कि जो भी लोग कोरोना से ग्रस्त हुए हैं और अगर खाना बनाने में असमर्थ हैं या फिर उनके पास खाने की सामग्री उपलब्ध नहीं है, तो वे इनसे संपर्क करके अपना पता लिखवा सकते हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">उस पते पर दिन में दो समय का भोजन भेज दिया जाएगा. यह सेवा शुरू करने वाले ग्रुप में मौजूद है, अशोक शर्मा उर्फ बंटी. ये अपने मित्रों के साथ मिलकर महाकाल रसोई के नाम से सेवा चला रहे हैं. अशोक शर्मा का कहना है कि पिछले साल जब लॉकडाउन हुआ था, तो उनके ग्रुप ने 51 दिनों तक कामगारों को मुफ्त में भोजन उपलब्ध करवाया था. लेकिन इस बार अधिकतर कामगार अपने गांव लौट चुके हैं. इस बार कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहा है और काफी ज्यादा संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं. इतना ही नहीं कई घरों में महिलाएं संक्रमित हो गई हैं और उनके घर में खाना बनाने वाला ही कोई नहीं है.</p>
<p style="text-align: justify;">हमने व्हाट्सएप के माध्यम से अपना नम्बर नार्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में सर्कुलेट करवा दिया है. अभी हम प्रतिदिन लगभग 40 से 50 लोगों को उनके घर पर दो समय का खाना पहुंचा रहे हैं. जो हमारे पास कॉल करता है, हम उससे उनकी रिपोर्ट मंगवाते हैं और साथ ही उसकी लोकेशन. फिर हम खाना तैयार करवा कर उनके पते पर खाना भिजवा देते हैं. कई घरों के बाहर सिविल डिफेंस वाले बैठे होते हैं तो फ़ूड पैकेट उनके पास छोड़ देते हैं या फिर कोरोना मरीज के घर के दरवाजे पर रख देते हैं.</p>



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