कोटा में एक और स्टूडेंट ने की खुदकुशी, मेडिकल की तैयारी कर रहे यूपी के लड़के ने दी जान, अब तक15 छात्र कर चुके हैं सुसाइड
Kota Coaching Students News: कोटा में एक और स्टूडेंट ने खुदकुशी कर ली है। मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी 16 वर्षीय अनिकेत कुमार के रूप में हुई है।
कोटा : राजस्थान के कोटा शहर में तीन स्टूडेंट्स के एक साथ आत्महत्या करने के मामले को अभी सप्ताह की गुजरा है कि फिर यहां कोचिंग छात्र ने मौत को गले लगा लिया है। बीते दिन शुक्रवार को कोटा में 16 वर्षीय छात्र ने अपने छात्रवास के कमरे में पंखे से लटक कर जान दे दी। इस घटना के साथ ही इस साल कोटा में छात्रों की ओर से आत्महत्या के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 15 हो गई। यह जानकारी पुलिस ने दी। पुलिस ने मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी अनिकेत कुमार के रूप में की है। उन्होंने बताया कि यह घटना शहर के जवाहर नगर थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर में हुई। घटना का पता शुक्रवार शाम को चला।
स्टूडेंट के कमरे से सुसाइड नोट में हुआ बरामद
पुलिस ने बताया कि अनिकेत कुमार ने 12वीं पास की थी। इसके बाद वह पिछले तीन साल से नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट-अंडर ग्रेजुएट (नीट-यूजी) पास करने की तैयारी कर रहा था। जवाहर नगर थाना क्षेत्र के क्षेत्राधिकारी (सीओ) डीएसपी अमर सिंह ने कहा कि छात्रवास में उसके कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद किया गया है, हालांकि इसकी जांच की जानी बाकी है। उन्होंने कहा कि अनिकेत कुमार का रिकॉर्ड कोचिंग संस्थान और छात्रावास से एकत्र किया जा रहा है। उसके शव को उनके परिवार के सदस्यों के आने के बाद पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जाएगा।
दोस्त से की रात 12 बजे तक बात, फिर उठाया खौफनाक कदम
परीक्षा की तैयारी कर रहे अनिकेत कुमार के दोस्त अजय यादव ने कहा कि वे दोनों रोजाना लगभग एक घंटे तक एक-दूसरे से बात करते थे। उसने कहा, ‘हमने कल रात 12 बजे फोन पर बात की। उसकी मां भी कॉन्फ्रेंस कॉल पर थीं और सब कुछ सामान्य था।’ यादव ने कहा, ‘अनिकेत नियमित रूप से कोचिंग क्लास लेता था, हालांकि, वह शुक्रवार को क्लास में शामिल नहीं हुआ। वह कॉल का जवाब भी नहीं दे रहा था।’
सप्ताह में पांच दिन ही क्लासेस होने की मांग
इधर, कोटा में आत्महत्या के केसेज बढ़ने के बीच यहां जेईई ओर नीट की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के बीच सप्ताह में पांच दिन कक्षाएं चलाने, सप्ताहांत में छुट्टी रखने तथा एक सप्ताह में दो से अधिक आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा नहीं करने की मांग भी उठी है। छात्रों का कहना है कि वे हमेशा पिछड़ जाते हैं और एक दिन की छुट्टी भी उन्हें हजारों दूसरे बच्चों से पीछे कर सकती है। बहरहाल, छात्रों की खुदकुशी के हाल में आये मामलों ने पढ़ाई के कार्यक्रम को विद्यार्थियों के अनुकूल बनाने की मांग तेज कर दी है।
ये कहना है स्टूडेंट्स का
नीट परीक्षा की तैयारी करने महाराष्ट्र से आई वर्षा के अनुसार ‘अधिकतर छात्र पहली बार अपने परिवार से दूर आकर यहां रहना शुरू करते हैं। इस तरह की स्थिति में केवल रविवार को एक दिन की छुट्टी काफी नहीं है। कई बार तो यह भी समझने का समय नहीं मिलता कि पूरे सप्ताह में क्या पढ़ाया गया।’ हरियाणा के झज्जर से आये निशांत यादव का मानना है कि सप्ताह में कम से कम दो दिन की छुट्टी होनी चाहिए जिससे उन्हें थोड़ी राहत मिले और वे पाठ्यक्रम के साथ रफ्तार बनाकर रह सकें।
राज्य सरकार की ओर से दिए गए हैं यह निर्देश
राजस्थान सरकार ने 2015 में कोचिंग संस्थानों के लिए दिशानिर्देश बनाये थे जिनके तहत उन्हें माहौल को तनाव-मुक्त रखने को कहा गया। उन्हें केंद्र में रचनात्मक गतिविधियों के अवसर प्रदान करने और सप्ताह में कम से कम एक दिन का अवकाश देने को कहा गया। सरकार ने संस्थानों से यह भी कहा था कि एक कक्षा में 200 के बजाय अधिकतम 80 छात्र हों। पिछले दिनों तीन विद्यार्थियों के आत्महत्या करने के बाद जिला प्रशासन ने नये सिरे से दिशानिर्देश जारी किये हैं ताकि छात्रों के लिए माहौल तनाव-मुक्त रहे और उन्हें कम से कम एक छुट्टी सप्ताह में मिले। हालांकि छात्र इसे नाकाफी बताते हैं।
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Kota Coaching Students News: कोटा में एक और स्टूडेंट ने खुदकुशी कर ली है। मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी 16 वर्षीय अनिकेत कुमार के रूप में हुई है।
स्टूडेंट के कमरे से सुसाइड नोट में हुआ बरामद
पुलिस ने बताया कि अनिकेत कुमार ने 12वीं पास की थी। इसके बाद वह पिछले तीन साल से नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट-अंडर ग्रेजुएट (नीट-यूजी) पास करने की तैयारी कर रहा था। जवाहर नगर थाना क्षेत्र के क्षेत्राधिकारी (सीओ) डीएसपी अमर सिंह ने कहा कि छात्रवास में उसके कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद किया गया है, हालांकि इसकी जांच की जानी बाकी है। उन्होंने कहा कि अनिकेत कुमार का रिकॉर्ड कोचिंग संस्थान और छात्रावास से एकत्र किया जा रहा है। उसके शव को उनके परिवार के सदस्यों के आने के बाद पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जाएगा।
दोस्त से की रात 12 बजे तक बात, फिर उठाया खौफनाक कदम
परीक्षा की तैयारी कर रहे अनिकेत कुमार के दोस्त अजय यादव ने कहा कि वे दोनों रोजाना लगभग एक घंटे तक एक-दूसरे से बात करते थे। उसने कहा, ‘हमने कल रात 12 बजे फोन पर बात की। उसकी मां भी कॉन्फ्रेंस कॉल पर थीं और सब कुछ सामान्य था।’ यादव ने कहा, ‘अनिकेत नियमित रूप से कोचिंग क्लास लेता था, हालांकि, वह शुक्रवार को क्लास में शामिल नहीं हुआ। वह कॉल का जवाब भी नहीं दे रहा था।’
सप्ताह में पांच दिन ही क्लासेस होने की मांग
इधर, कोटा में आत्महत्या के केसेज बढ़ने के बीच यहां जेईई ओर नीट की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के बीच सप्ताह में पांच दिन कक्षाएं चलाने, सप्ताहांत में छुट्टी रखने तथा एक सप्ताह में दो से अधिक आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा नहीं करने की मांग भी उठी है। छात्रों का कहना है कि वे हमेशा पिछड़ जाते हैं और एक दिन की छुट्टी भी उन्हें हजारों दूसरे बच्चों से पीछे कर सकती है। बहरहाल, छात्रों की खुदकुशी के हाल में आये मामलों ने पढ़ाई के कार्यक्रम को विद्यार्थियों के अनुकूल बनाने की मांग तेज कर दी है।
ये कहना है स्टूडेंट्स का
नीट परीक्षा की तैयारी करने महाराष्ट्र से आई वर्षा के अनुसार ‘अधिकतर छात्र पहली बार अपने परिवार से दूर आकर यहां रहना शुरू करते हैं। इस तरह की स्थिति में केवल रविवार को एक दिन की छुट्टी काफी नहीं है। कई बार तो यह भी समझने का समय नहीं मिलता कि पूरे सप्ताह में क्या पढ़ाया गया।’ हरियाणा के झज्जर से आये निशांत यादव का मानना है कि सप्ताह में कम से कम दो दिन की छुट्टी होनी चाहिए जिससे उन्हें थोड़ी राहत मिले और वे पाठ्यक्रम के साथ रफ्तार बनाकर रह सकें।
राज्य सरकार की ओर से दिए गए हैं यह निर्देश
राजस्थान सरकार ने 2015 में कोचिंग संस्थानों के लिए दिशानिर्देश बनाये थे जिनके तहत उन्हें माहौल को तनाव-मुक्त रखने को कहा गया। उन्हें केंद्र में रचनात्मक गतिविधियों के अवसर प्रदान करने और सप्ताह में कम से कम एक दिन का अवकाश देने को कहा गया। सरकार ने संस्थानों से यह भी कहा था कि एक कक्षा में 200 के बजाय अधिकतम 80 छात्र हों। पिछले दिनों तीन विद्यार्थियों के आत्महत्या करने के बाद जिला प्रशासन ने नये सिरे से दिशानिर्देश जारी किये हैं ताकि छात्रों के लिए माहौल तनाव-मुक्त रहे और उन्हें कम से कम एक छुट्टी सप्ताह में मिले। हालांकि छात्र इसे नाकाफी बताते हैं।
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