कैसे हो जयपुर का विकास, बेफ्रिक शहरी सरकार, नियमों की भी अनदेखी | HERITAGE MUNICIPAL CORPORATION GENERAL ASSEMBLY | Patrika News

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कैसे हो जयपुर का विकास, बेफ्रिक शहरी सरकार, नियमों की भी अनदेखी | HERITAGE MUNICIPAL CORPORATION GENERAL ASSEMBLY | Patrika News

कैसे हो जयपुर का विकास, बेफ्रिक शहरी सरकार, नियमों की भी अनदेखी | HERITAGE MUNICIPAL CORPORATION GENERAL ASSEMBLY | Patrika News

बोर्ड बैठक हो तो शहर के विकास पर चर्चा हो, धरातल पर विकास के काम हो, विकास के प्रस्तावों पर पार्षद अपनी बात रख सके। बोर्ड बैठक नहीं होने से हमारे वार्ड के जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के विकास को लेकर सुझाव नहीं रख पा रहे है, इसका असर शहर के विकास पर पड़ रहा है। हालांकि साधारण सभा नहीं होने से पार्षदों में आक्रोश भी है।

पिछले साल फरवरी में हुई बोर्ड बैठक
हैरिटेज नगर निगम में 10 नवंबर 2020 को मुनेश गुर्जर महापौर चुनी गई। इसके साथ ही हैरिटेज निगम में कांग्रेस का बोर्ड बन गया। लेकिन साधारण सभा पिछले साल फरवरी में आयोजित की गई थी, इसमें भी हैरिटेज नगर निगम का बजट पास किया गया। इसके बाद कोई बोर्ड बैठक नहीं हुई है। इस साल बजट बैठक भी नहीं हो पाई, इससे निगम का बजट भी सरकार ने ही पास किया।

पार्षदों में बढ़ता आक्रोश
बोर्ड बैठक नहीं बुलाने को लेकर भाजपा के साथ कांग्रेसी पार्षदों में भी आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पिछले दिनों भाजपा पार्षदों ने एकजुट होकर महापौर मुनेश गुर्जर और नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंप साधारण सभा बुलाने की मांग उठाई। वहीं कांग्रेसी पार्षद भी बोर्ड बैठक नहीं बुलाने को लेकर नाराजगी जता चुके है। ज्ञापन देने के बाद भी बोर्ड बैठक नहीं बुलाने से भाजपा पार्षद कोर्ट चल गए।

मंत्री खाचरियावास भी जता चुके नाराजगी…
बोर्ड बैठक नहीं होने से मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास भी नाराजगी जता चुके है। पिछले दिनों मंत्री ने कहा था, बोर्ड बैठक होनी चाहिए। बिना बोर्ड बैठक के बजट पास किया जाए, मैं इसके सख्त खिलाफ हूं।

इसलिए बच रहे बोर्ड बैठक बुलाने से…
पार्षदों की मानें तो महापौर मुनेश गुर्जर और निगम आयुक्त बोर्ड बैठक बुलाने से बच रहे है। पार्षदों की मानें तो हैरिटेज निगम में संचालन समितियां नहीं बनने से विरोध है, बोर्ड बैठक में इसे लेेकर हंगामा हो सकता है। वहीं शहर में विकास के काम नहीं होने से भाजपा पार्षदों का भी विरोध झेलना पड़ सकता है।

पार्षदों का कहना है….
पार्षद मनीष पारीक का कहना है कि 60 दिन में साधारण बुलाने का नियम है, लेकिन 20 माह में एक बैठक हुई है। हैरिटेज नगर निगम में कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है। विकास के काम नहीं हो रहे है। गंदी गलियों के टेंडर नहीं हो पाए है।

पार्षद कुसुम यादव का कहना है कि पार्षद लंबे समय से साधारण सभा बुलाने की मांग कर रहे है, लेकिन महापौर और निगम आयुक्त साधारण सभा से बच रहे है। भाजपा के साथ कांग्रेसी पार्षदों में विरोध बढ़ रहा है। बोर्ड बैठक को लेकर निगम आयुक्त को ज्ञापन भी सौंपा था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

पार्षद विमल अग्रवाल का कहना है कि पार्षदों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पार्षदों को भत्ते नहीं मिल रहे है। दो निगम बनने के बाद सोचा था कि शहर का विकास होगा, लेकिन 20 माह में साधारण सभा की बैठक ही नहीं हुई। शहर में जगह—जगह गंदगी के ढेर लगे हुए है। भाजपा पार्षद इस बोर्ड का विरोध करेंगेे।



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