कैंसर के मरीजों को दी जा रही लॉ डोज इम्यूनोथेरेपी से मिली महंगे इलाज से निजात,2.50 लाख में होने वाला इलाज अब सिर्फ 20 से 25 हजार रुपए में | Relief from expensive treatment given to cancer patients by law dose | Patrika News
कैंसर रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों ने माना की कैंसर के उपचार में लॉ डोज इम्यूनोथेरेपी ने इलाज का खर्चा कम दिया है। इस थेरेपी से जो इलाज 2 से 2.50 लाख रुपए में हो रहा था,उसकी कीमत अब घटकर सिर्फ 20 से 25 हजार रुपए ही रह गई हैं।
कैंसर के उपचार का खर्चा 90 प्रतिशत तक घट गया हैं। ऐसे में वह मरीज जो लाखों रुपए खर्च कर इलाज लेने में सक्षम नहीं थे, उन्हें काफी फायदा हुआ हैं।
लॉ डोज इम्यूनोथेरेपी इजात करने वाले टाटा कैन्सर सेंटर के हेड डॉ. कुमार प्रभाष भी जयपुर में पहुंचे। जिन्होंने बताया कि कैंसर के उपचार का खर्च कम करने के लिए हमने डॉक्टर्स की टीम के साथ मिलकर रिसर्च किया ।
करीब डेढ़ साल तक इस रिसर्च में करीब 150 मरीजों पर लॉ डोज इम्यूनोथेरेपी देकर रिसर्च किया गया। इसके बाद जो परिणाम निकलकर आए वह काफी सुखद थे। रिसर्च के सफल होने के बाद इलाज का खर्च 10 फीसदी ही रह गया और और एडवांस स्टेज में कैंसर से जूझ रहे मरीजों के ठीक होने के परिणाम 60 फीसदी बढ़ गया है।
ऐसे कम हुआ दवा का खर्चा
डा.प्रभाष ने बताया कि एडवांस स्टेज के कैंसर रोगियों के उपचार में इम्यूनोथेरेपी बेहद कारगर एवं आधुनिक उपचार है, लेकिन इनकी दवाएं पेटेंट होने की वजह से बहुत ज्यादा महंगी है।
जिसकी वजह से हमारे देश में अधिकांश लोग चाहते हुए भी यह दवा नहीं ले पाते। ऐसे में डॉक्टर्स की टीम ने रिसर्च के दौरान दवा की डोज कम की तो इलाज का खर्च भी कम हो गया। वहीं मरीज को भी कोई नुकसान नहीं हुआ।
साथ ही मरीज के हाईडोज दवा से होने वाले साइड इफेक्ट की संभावना कम होने के साथ साथ लाखों रुपए भी बच गए। एक बार के इलाज का खर्च घटकर सिर्फ 20 से 25 हजार रुपए हो गया।
जयपुर स्टेट कैंसर संस्थान के डायरेक्टर डॉ.संदीप जसूजा ने बताया कि इम्यूनोथैरेपी एडवांस स्टेज के फेफड़े मूत्राषय, लिवर, गुर्दे, मेलेनोमा (त्वचा का कैंसर), लिम्फोमा (रक्त का कैंसर) के उपचार में भी काफी प्रभावी साबित हो रही है।
एडवांस कैंसर उपचार में दवाओं के कई साइड इफेक्ट देखने को मिलते है। जैसे बालों का झड़ना, उल्टी आना, मूंह में छाले, इन सभी को भी इस थेरेपी से काफी कम किया जा सका हैं।
इम्यूनोथैरेपी कैंसर सेल को इम्यून सिस्टम से हटाने का काम करती है। यह थैरेपी रोगी में इम्यून सिस्टम की क्षमता को बढ़ाती है। इसी वजह से इस थैरेपी में कैंसर रोगी का सरवाइवल टाइम बढ़ना संभव हो पाया है।कैंसर के प्रारम्भिक स्थिति में अभी इस तकनीक से इलाज करने पर भी रिसर्च किया जाएगा। लेकिन एडवांस स्टेज में यह कारगर साबित हुई हैं।
राजस्थान में कैंसर मरीजों का निशुल्क इलाज
एसएमएस मेडिकल कॉलेज व स्टेट कैंसर संस्थान के डायरेक्टर डॉ.संदीप जसूजा ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में नई और बिना दर्द की जा रही नई तकनीकों को लेकर चर्चा हो रही हैं।
राज्य सरकार द्वारा कैंसर के मरीजों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। देश और दुनिया में जो आधुनिक मशीनें और तकनीक काम में ली जा रही है,उन सभी तकनीक से राजस्थान के निवासियों के लिए कैंसर की महंगी से महंगी दवा और इलाज फ्री हैं। लॉ इम्यूनोथैरेपी यहां के मरीजों के लिए भी वरदान साबित होगी। इससे राज्य सरकार का बजट भी बचेगा।
कैंसर रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों ने माना की कैंसर के उपचार में लॉ डोज इम्यूनोथेरेपी ने इलाज का खर्चा कम दिया है। इस थेरेपी से जो इलाज 2 से 2.50 लाख रुपए में हो रहा था,उसकी कीमत अब घटकर सिर्फ 20 से 25 हजार रुपए ही रह गई हैं।
कैंसर के उपचार का खर्चा 90 प्रतिशत तक घट गया हैं। ऐसे में वह मरीज जो लाखों रुपए खर्च कर इलाज लेने में सक्षम नहीं थे, उन्हें काफी फायदा हुआ हैं।
लॉ डोज इम्यूनोथेरेपी इजात करने वाले टाटा कैन्सर सेंटर के हेड डॉ. कुमार प्रभाष भी जयपुर में पहुंचे। जिन्होंने बताया कि कैंसर के उपचार का खर्च कम करने के लिए हमने डॉक्टर्स की टीम के साथ मिलकर रिसर्च किया ।
करीब डेढ़ साल तक इस रिसर्च में करीब 150 मरीजों पर लॉ डोज इम्यूनोथेरेपी देकर रिसर्च किया गया। इसके बाद जो परिणाम निकलकर आए वह काफी सुखद थे। रिसर्च के सफल होने के बाद इलाज का खर्च 10 फीसदी ही रह गया और और एडवांस स्टेज में कैंसर से जूझ रहे मरीजों के ठीक होने के परिणाम 60 फीसदी बढ़ गया है।
ऐसे कम हुआ दवा का खर्चा
डा.प्रभाष ने बताया कि एडवांस स्टेज के कैंसर रोगियों के उपचार में इम्यूनोथेरेपी बेहद कारगर एवं आधुनिक उपचार है, लेकिन इनकी दवाएं पेटेंट होने की वजह से बहुत ज्यादा महंगी है।
जिसकी वजह से हमारे देश में अधिकांश लोग चाहते हुए भी यह दवा नहीं ले पाते। ऐसे में डॉक्टर्स की टीम ने रिसर्च के दौरान दवा की डोज कम की तो इलाज का खर्च भी कम हो गया। वहीं मरीज को भी कोई नुकसान नहीं हुआ।
साथ ही मरीज के हाईडोज दवा से होने वाले साइड इफेक्ट की संभावना कम होने के साथ साथ लाखों रुपए भी बच गए। एक बार के इलाज का खर्च घटकर सिर्फ 20 से 25 हजार रुपए हो गया।
जयपुर स्टेट कैंसर संस्थान के डायरेक्टर डॉ.संदीप जसूजा ने बताया कि इम्यूनोथैरेपी एडवांस स्टेज के फेफड़े मूत्राषय, लिवर, गुर्दे, मेलेनोमा (त्वचा का कैंसर), लिम्फोमा (रक्त का कैंसर) के उपचार में भी काफी प्रभावी साबित हो रही है।
एडवांस कैंसर उपचार में दवाओं के कई साइड इफेक्ट देखने को मिलते है। जैसे बालों का झड़ना, उल्टी आना, मूंह में छाले, इन सभी को भी इस थेरेपी से काफी कम किया जा सका हैं।
इम्यूनोथैरेपी कैंसर सेल को इम्यून सिस्टम से हटाने का काम करती है। यह थैरेपी रोगी में इम्यून सिस्टम की क्षमता को बढ़ाती है। इसी वजह से इस थैरेपी में कैंसर रोगी का सरवाइवल टाइम बढ़ना संभव हो पाया है।कैंसर के प्रारम्भिक स्थिति में अभी इस तकनीक से इलाज करने पर भी रिसर्च किया जाएगा। लेकिन एडवांस स्टेज में यह कारगर साबित हुई हैं।
राजस्थान में कैंसर मरीजों का निशुल्क इलाज
एसएमएस मेडिकल कॉलेज व स्टेट कैंसर संस्थान के डायरेक्टर डॉ.संदीप जसूजा ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में नई और बिना दर्द की जा रही नई तकनीकों को लेकर चर्चा हो रही हैं।
राज्य सरकार द्वारा कैंसर के मरीजों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। देश और दुनिया में जो आधुनिक मशीनें और तकनीक काम में ली जा रही है,उन सभी तकनीक से राजस्थान के निवासियों के लिए कैंसर की महंगी से महंगी दवा और इलाज फ्री हैं। लॉ इम्यूनोथैरेपी यहां के मरीजों के लिए भी वरदान साबित होगी। इससे राज्य सरकार का बजट भी बचेगा।