की थाली में मिलावटखोर परोस रहे ‘जहर’, राजस्थान की मिलावटी खाद्य सामग्रियों में 15 प्रतिशत जानलेवा

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की थाली में मिलावटखोर परोस रहे ‘जहर’, राजस्थान की मिलावटी खाद्य सामग्रियों में 15 प्रतिशत जानलेवा

कोरोना के भयावह महामारी साल में भी नहीं माने मिलावटखोर, लगातार इनका उपयोग करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर, किडनी, लिवर और कैंसर संबंधी अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा

वर्ष 2020 में लिए गए नमूनों में से 18 प्रतिशत मिले मिलावटी

मिलावट कानून को मजबूतर करने के दावों की निकली हवा, ना मिलावट रूकी, ना गैर जमानती अपराध बना

विकास जैन

जयपुर. प्रदेश के लोगों की सेहत को दुरूस्त रखने के राज्य सरकार के तमाम दावों और प्रयासों की मिलावटखोर हवा निकालते नजर आ रहे हैं। प्रदेश में कोरोना के सबसे भीषण महामारी वर्ष 2020 में भी मिलावटखोरों ने घरों की थाली तक जमकर जानलेवा श्रेणी की मिलावट परोसने का काम किया। इस पूरे साल में मिलावटी पाई गई खाद्य सामग्रियों में से 15 प्रतिशत जानलेवा श्रेणी की हैं।
पूरे वर्ष के दौरान चिकित्सा विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीमों ने विभिन्न जिलों में 10175 फर्मों और संस्थानों का निरीक्षण कर 7439 नमूने लिए हैं। इनमें से 18.61 प्रतिशत यानि 1385 में मिलावट मिली। इन 1385 में से भी 210 नमूनों यानि 15.16 प्रतिशत की मिलावट जानलेवा यानि अनसेफ श्रेणी की हैं। शेष मिलावटी नमूने सब स्टैंडर्ड और मिस ब्रांड श्रेणी के हैं।

प्रदेश में मिलावटखारों के हौंसले बुलंद होने का मुख्य कारण कमजोर कानून और कमजोर कार्यवाहियां सामने आया है। ऐसी स्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने विधानसभा में भी मिलावट को गैर जमानती अपराध घोषित कर देश भर में नजीर पेश करने का दावा किया था, लेकिन इसके भी करीब दो वर्ष होने को है। अब तक ना कानून मजबूत हुआ है और ना ही मिलावट को गैर जमानती अपराध घोषित किया गया है।

यह सजा है या विभाग के लिए कमाई का जरिया… 28 लाख पेनल्टी से मिले

विभाग की टीमों ने जो नमूने अब तक लिए हैं, उनमें से 1185 सब स्टेंडर्ड और मिसब्रांड श्रेणी के हैं। इनमें से 741 को एडीएम के समक्ष पेश किया जा चुका है और इनमें से 142 पर निर्णय अभी तक आया है। इनके आधार पर 28 लाख की पेनल्टी लगाई गई है। जबकि अनसेफ श्रेणी के 210 नमूनों में से 95 को ही सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया है।

कोरोना के समय मिलावटी सामग्रियां अधिक जानलेवा

इधर, विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का साल लोगों की सेहत को मजबूत रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इस दौरान अच्छी खाद्य सामग्रियों का उपयोग ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखने में सहायक होता है। वरिष्ठ डॉक्टर वीरेन्द्र सिंह के अनुसार एक तरफ जहां लोग महामारी के वर्ष में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं, उस समय मिलावटी खाद्य सामग्रियां अधिक जानलेवा साबित हो सकती हैं।

जो भी नमूने मिलावटी मिलते हैं, उन पर आवश्यक कार्यवाही की जाती है। अधिकांश मामले कोर्ट में पेश किए जा चुके हैं।
डॉ. रविप्रकाश शर्मा, अतिरिक्त निदेशक, ग्रामीण स्वास्थ्य, चिकित्सा विभाग



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