किस-किस से लड़ेंगे 2024 में राहुल गांधी: भारत जोड़ो यात्रा तो हो गई पर नहीं जुड़ रहा महागठबंधन का दिल

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किस-किस से लड़ेंगे 2024 में राहुल गांधी: भारत जोड़ो यात्रा तो हो गई पर नहीं जुड़ रहा महागठबंधन का दिल

किस-किस से लड़ेंगे 2024 में राहुल गांधी: भारत जोड़ो यात्रा तो हो गई पर नहीं जुड़ रहा महागठबंधन का दिल


कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 2024 में यूपीए का पीएम कैंडिडेट मानने पर विपक्ष में एक राय नहीं बन पा रही है। राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाल चुके हैं। उसकी तर्ज पर बिहार में भी कांग्रेस ने पदयात्रा निकाली। कांग्रेस राहुल को विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का दावेदार बता रही है। मगर महागठबंधन में अब भी राहुल को पीएम मटेरियल मानने पर सहमति नहीं बन पा रही है। आरजेडी और जेडीयू नीतीश कुमार को ही प्रधानमंत्री कैंडिडेट के तौर पर प्रोजेक्ट कर रही हैं। इसकी एकबानगी बिहार के पूर्णिया में 25 फरवरी को होने वाली महागठबंधन की रैली के पोस्टरों में भी देखने को मिल रही है। 

पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में शनिवार को लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर बिहार महागठबंधन का पहला महाजुटान होने जा रहा है। इसमें सत्ताधारी सभी दल जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों के नेता शामिल होंगे। इस रैली को लेकर जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। पूर्णिया के विभिन्न चौक-चौराहों पर पोस्टर लग गए हैं। खास बात यह है कि इन पोस्टरों में राहुल गांधी की तस्वीर गायब है, जो कि राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।

पूर्णिया में आरजेडी और जेडीयू नेताओं द्वारा लगाए गए पोस्टरों में राहुल गांधी को जगह नहीं मिली है। इनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पूर्व सीएम जीतनराम मांझी, जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और वाम दलों के नेताओं की तस्वीरें हैं। इसके अलावा कांग्रेस से सिर्फ सोनिया गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का फोटो शामिल किया गया है। राहुल गांधी की तस्वीर पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स से गायब हैं।

जेडीयू-आरजेडी नीतीश, तो कांग्रेस राहुल को पीएम कैंडिडेट बनाने पर अड़ी

दरअसल, कांग्रेस पार्टी शुरुआत से राहुल गांधी को प्रधानमंत्री दावेदार के रूप में प्रोजेक्ट कर रही हैं। राहुल की छवि सुधारने के लिए भारत जोड़ो यात्रा निकाली गई। इसका पार्टी को फायदा भी मिला है। मगर बिहार में कांग्रेस की सहयोगी जेडीयू, आरजेडी और अन्य पार्टियां उन्हें पीएम मटेरियल मानने से इनकार कर रही हैं। पूर्णिया रैली के पोस्टरों से इसकी बानगी साफ झलक रही है।

राहुल गांधी के सामने सबसे बड़ी चुनौती नीतीश कुमार हैं। अगस्त 2022 में एनडीए छोड़कर महागठबंधन के साथ राज्य में सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार 2024 चुनाव से पहले देश भर के विपक्षी दलों को एकजुट करने का ऐलान कर चुके हैं। आरजेडी और जेडीयू के कार्यकर्ता एवं नेता उन्हें पीएम कैंडिडेट के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे हैं। जेडीयू के कार्यक्रमों में ‘देश का पीएम कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो’ के नारे भी लग रहे हैं। 

वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस नीतीश को पीएम कैंडिडेट मानने से इनकार करती आ रही है। पार्टी का कहना है कि राहुल गांधी राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं और वे 2024 में नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष के मजबूत दावेदार होंगे। अब महागठबंधन में पीएम कैंडिडेट को लेकर एक राय बन पाती है या नहीं, आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल सभी की नजरें 25 फरवरी को पूर्णिया में होने वाली रैली पर टिकी हैं। इसमें नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, जीतनराम मांझी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह समेत अन्य सभी दलों के नेता शामिल होंगे। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी रैली को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर सकते हैं।

किस-किस से लड़ेंगे राहुल गांधी?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकालने के बाद अब 2024 चुनाव पर फोकस करने वाले हैं। उनका मकसद केंद्र से बीजेपी सरकार को हटाना है। मगर उन्हें यह पता है कि मौजूदा स्थिति में अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता है। इसलिए सभी विपक्षी दलों को साथ लेकर चलने पर ही सफलता हाथ लग सकती है। आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी से लड़ने से पहले राहुल गांधी के सामने विपक्षी दलों को अपने साथ लाना सबसे बड़ी चुनौती है। 

पीएम कैंडिडेट और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी पार्टियों में बहुत बिखराव है। नीतीश कुमार ने भी इन्हें एकजुट करने की मुहिम शुरू की थी, लेकिन वो सफल नहीं हो पाए। दूसरी ओर तेलंगाना के सीएम केसीआर सरीखे नेता भी इस कोशिश में जुटे हैं। क्या राहुल गांधी एक मजबूत मोर्चा बनाने में कामयाब हो पाते हैं या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा।

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