किसी ने दीया जलाया, हाथ जोड़े किसी की आंखें बंद थीं… अचानक धरती फट गई, Indore के मंदिर में कोहराम मच गया

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किसी ने दीया जलाया, हाथ जोड़े किसी की आंखें बंद थीं… अचानक धरती फट गई, Indore के मंदिर में कोहराम मच गया

किसी ने दीया जलाया, हाथ जोड़े किसी की आंखें बंद थीं… अचानक धरती फट गई, Indore के मंदिर में कोहराम मच गया


इंदौर: कोई दीये जला रहा था, कोई भजन कर रहा था, पूजा-आरती चल रही थी। माहौल राममय था। तड़के शुरू हुआ श्रद्धालुओं का सिलसिला (Indore News) दोपहर में भी कम नहीं हुआ। अचानक तेज आवाज के साथ धरती फट गई। हां, जो लोग वहां मौजूद थे, उन्हें यही लगा और कुछ लोग धरती में समा गए। आसपास के लोगों को समझ में ही नहीं आया कि हुआ क्या है। अफरातफरी मच गई। थोड़ी देर में बदहवास लोगों को पता चला कि बावड़ी की छत धंसी है। अपने देश में बावड़ी का सिस्टम सदियों पुराना है। इसे तालाब, कुंड या कुआं समझ लीजिए। आमतौर पर नीचे तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनाई जाती थीं। वक्त बदला तो इसके ऊपर निर्माण हो गया। राम नवमी के दिन आज इंदौर के जिस मंदिर में हादसा हुआ है, उसके नीचे भी यही बावड़ी है। उसके ऊपर मंदिर है। बहुत से लोगों को तो पता भी नहीं था कि वे जिस जगह बैठकर पूजा कर रहे हैं, उसके नीचे गहरा कुंड है। वैसे भी देवस्थलों में नवरात्रि के समय भीड़ रहती ही है। लोग लाइन में लगकर पूजा करते हैं लेकिन अचानक तड़तड़ाहट की आवाज ने पलभर में माहौल बदल दिया। इंदौर के पटेल नगर इलाके में स्थित बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में करीब 25 लोग कुएं में गिर गए।

लोगों को पता ही नहीं था कि वे बावड़ी की छत पर बैठे हैं।

उस समय लोग बावड़ी की छत पर बैठकर हवन-पूजन कर रहे थे। कुछ मिनट बाद ली गई तस्वीरों में जलते दीये भी दिखे। गिरने वालों में कुछ महिलाएं और बच्चे भी थे। राम नवमी यानी भगवान श्री राम के जन्म का उत्सव। अयोध्या ही नहीं, पूरे देश में आज राम का गुणगान हो रहा है। इंदौर के बेलेश्वर मंदिर में भी आस्था का सैलाब देखा जा रहा था। वहां मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि राम नवमी का दिन होने के कारण मंदिर में काफी भीड़ थी। पुरानी बावड़ी की छत इतने लोगों का बोझ उठा नहीं सकी। लोगों को पता भी नहीं था कि उस जगह पर ज्यादा लोगों को एक साथ नहीं जाना है।

Indore Mandir Stampede on Ram Navami: इंदौर के मंदिर में रामनवमी पर बड़ा हादसा, 25 लोग बावड़ी में फंसे, रेस्क्यू जारी

जैसे ही खबर फैली, इंदौर प्रशासन और पुलिस विभाग की टीम रस्सियों की मदद से लोगों को निकालने में जुट गई। रस्सी की सीढ़ियों को नीचे गिराकर एक-एक लोगों को निकाला जाने लगा। एक 10 साल की बच्ची को भी निकाला गया है। कुल 25 लोगों के गिरने की बात सामने आ रही है जिसमें से 12 लोग ढाई बजे तक निकाले जा चुके थे।

जैसे जैसे रेस्क्यू ऑपरेशन आगे बढ़ रहा था, वहां मौजूद बदहवास लोगों की धड़कनें भी बढ़ रही थीं। ये वे लोग थे, जिनका कोई न कोई कुएं में गिरा हुआ था। जैसे ही रेस्क्यू टीम कुएं से किसी श्रद्धालु को सकुशल निकालती, माहौल में जय श्रीराम के नारे गूंजने लगते। एक 10-12 साल की बच्ची को निकालकर जब बचाव टीम बाहर निकली तो माहौल में एक बार फिर जय श्रीराम के नारे गूंज गए। फोन पर घरवालों को पल-पल की जानकारी दे रहे बच्ची के परिजन की खुशी तो देखने लायक थी।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मंदिर काफी पुरानी बावड़ी के ऊपर बना हुआ है। अमूमन ऐसी जगहों को नगर निगम चिन्हित करके रखता है। वहां ज्यादा भीड़ होना खतरनाक होता है। मंदिर जिस रास्ते में है, वह भी काफी संकरा है।

गुस्सा, आंसू और आक्रोश
कुएं में कितने लोग फंसे हुए हैं, इसका पता किसी को नहीं था। बस अंदाजा ही लगाया जा रहा था। मौके पर मौजूद एक शख्स ने बताया कि कुएं के धंसने के साथ ऊपर से पत्थर भी गिरे हैं। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती मलबे के नीचे फंसे हुए लोगों को बचाने की है। लोग इस हादसे के लिए स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए फट पड़े।

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