किसान आंदोलन में मुलाकात, कुछ महीनों में आया करीब… जानें कौन है अमृतपाल टाइगर फोर्स का खास गोरखा बाबा

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किसान आंदोलन में मुलाकात, कुछ महीनों में आया करीब… जानें कौन है अमृतपाल टाइगर फोर्स का खास गोरखा बाबा

किसान आंदोलन में मुलाकात, कुछ महीनों में आया करीब… जानें कौन है अमृतपाल टाइगर फोर्स का खास गोरखा बाबा

पंजाब में अलगाववाद को बढ़ावा देने की कथित कोशिशों में लगा कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह अब भी पुलिस की पकड़ से दूर है। आठवें दिन उसके और उसके फरार होने के रूट के बारे में छानबीन की जा रही है। पुलिस ने उसके परिवार और पत्नी किरणदीप से भी पूछताछ की।

 

हाइलाइट्स

  • अमृतपाल के गनमैन गोरखा बाबा हुआ था गिरफ्तार
  • पुलिस को उसके मोबाइल में मिले संदिग्ध दस्तावेज
  • उर्दू में लिखे खालिस्तान के झंडे और AKF के डीटेल
  • युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग वाले वीडियो भी
  • किसान आंदोलन के जरिए अमृतपाल से मिला था
चंडीगढ़: कट्टरपंथी अलगाववादी अमृतपाल सिंह के एक सहयोगी के पास से बरामद एक फोन में खालिस्तान के झंडे, प्रतीक और मुद्रा की तस्वीरें मिली हैं और इसमें अमृतपाल की आनंदपुर खालिस्तान फौज (एकेएफ) के लिए कथित तौर पर युवकों के हथियार चलाना सीखने के वीडियो भी हैं। पुलिस ने बताया कि आपत्तिजनक सामग्री इस मिलिशिया बल के नापाक मंसूबे और पंजाब की शांति और सद्भाव तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़े खतरे को दर्शाती है। ये वीडियो मांगेवाल गांव के तेजिंदर सिंह गिल उर्फ गोरखा बाबा (42) के मोबाइल से मिले हैं। गोरखा बाबा के मोबाइल फोन में 10 डॉलर के नोट सहित एकेएफ होलोग्राम और खालिस्तान मुद्रा की तस्वीरें भी थीं। एक पाकिस्तानी नागरिक के ड्राइविंग लाइसेंस की तस्वीर भी थी। खालिस्तान के झंडे पर कुछ उर्दू शब्द अंकित थे।

कार्रवाई शुरू होने से पहले ही, अमृतपाल की तुलना जरनैल सिंह भिंडरावाले से की जाने लगी, जिसके अनुयायियों ने 1980 के दशक में एक अलग सिख राष्ट्र खालिस्तान के लिए एक हिंसक अभियान चलाया था। पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि गिरफ्तार व्यक्ति एकेएफ का सदस्य था, जिसे अमृतपाल सिंह ने अलग खालिस्तान राष्ट्र के गठन को लेकर सशस्त्र संघर्ष छेड़ने के लिए खड़ा किया था।

5 महीने पहले बना था गनमैन

गोरखा बाबा, विक्रमजीत सिंह खालसा के माध्यम से अमृतपाल सिंह के संपर्क में आया, जिससे वह दिल्ली के बाहरी इलाके में किसान आंदोलन के दौरान मिला था। बाबा पांच महीने पहले अमृतसर जिले में उपदेशक के पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा गया था और उसे गनमैन के रूप में शामिल कर लिया गया था। बाबा को एकेएफ निशान वाले हथियार दिए गए और गांव की अस्थायी रेंज में फायरिंग का अभ्यास कराया गया।

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बनाया अमृतपाल टाइगर फोर्स ग्रुप

पुलिस ने कहा कि बाबा पिछले महीने अमृतपाल सिंह के करीब था, जब वह (अमृतपाल) और उसके समर्थकों ने एक गिरफ्तार व्यक्ति की रिहाई के लिए अजनाला थाने पर धावा बोल दिया था। पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान, बाबा ने खुलासा किया कि सभी एकेएफ सदस्यों को शायद उनकी वरिष्ठता या अमृतपाल सिंह से निकटता के आधार पर एकेएफ 3, एकेएफ 56 और एकेएफ 47 जैसे बेल्ट नंबर दिए गए थे। उसके फोन की जांच से पता चला कि दो वॉट्सऐप ग्रुप- ‘एकेएफ’ और ‘अमृतपाल टाइगर फोर्स’ बनाए गए थे।

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इस तरह देते थे ट्रेनिंग

पुलिस ने कहा कि एकेएफ के सदस्यों को वेतन दिया जाता था। पुलिस के अनुसार, इसके सदस्य युवा थे जो ‘वारिस पंजाब दे’ द्वारा संचालित ‘नशा मुक्ति केंद्रों’ में आए थे और बाद में उन्हें आग्नेयास्त्रों का प्रशिक्षण दिया गया। पुलिस ने कहा कि एक अन्य सहयोगी गुरभेज सिंह उर्फ भेजा ने दो महीने पहले समूह के लिए 10 बुलेट प्रूफ जैकेट की व्यवस्था की थी, जिन पर एकेएफ लिखा हुआ था। उन्होंने अस्थायी फायरिंग रेंज में समूह के नये शामिल सदस्यों को आग्नेयास्त्रों का प्रशिक्षण भी दिया।

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