किराए के मकान में रहने वालों को बड़ी राहत, पहली बार मिलेंगे ये अधिकार, रेंट से लेकर सबकुछ हुआ तय
Tenancy Act. किराए के मकान में रहने वालों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। प्रदेश सरकार किरायेदारी कानून संबंधित ऐसा नियम शुरू करने वाली है जिसे किराएदार की सहूलियतों को ध्यान में रखा गया है।
लखनऊ. Tenancy Act. किराए के मकान में रहने वालों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। प्रदेश सरकार किरायेदारी कानून संबंधित ऐसा नियम शुरू करने वाली है जिसे किराएदार की सहूलियतों को ध्यान में रखा गया है। दरअसल, बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार ने मॉडल किरायेदारी अधिनियम (Model Tenancy Act) को मंजूरी दे दी। इसे मॉडल किरायेदारी अधिनियम का मसौदा अब राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा जाएगा। इसे नया कानून बनाकर या वर्तमान किरायेदार कानून में जरूरी संशोधन करके लागू किया जा सकता है।
कानूनी ढांचे को दुरुस्त करेगा किरायेदारी कानून
अक्सर देखा जाता है कि मकान मालिक और किरायेदार के बीच पैसों या प्रॉपर्टी को लेकर विवाद लगा रहता है। राज्य सरकारें किराये की प्रॉपर्टी को लेकर किसी विवाद के जल्द समाधान के लिए रेंट कोर्ट्स और रेंट ट्रिब्यूनल्स भी बना पाएंगी। सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, इससे देशभर में किराये पर मकान देने के संबंध में कानूनी ढांचे को दुरुस्त करने में मदद मिलेगी, जिससे आगे इस क्षेत्र के विकास का रास्ता खुलेगा।
मकान मालिक को भी मिलेंगे अधिकार
नया कानून बनने से किरायेदार के साथ-साथ मकान मालिक को भी कई अधिकार मिलेंगे। मकान या प्रॉपर्टी के मालिक और किरायेदार में किसी बात को लेकर विवाद होता है, तो उसे सुलझाने का दोनों को कानूनी अधिकार मिलेगा। कोई किसी की प्रॉपर्टी पर कब्जा नहीं कर सकता। मकान मालिक भी किरायेदार को परेशान कर घर खाली करने के लिए नहीं कह सकता। इसके लिए जरूरी प्रावधान बनाए गए हैं।
किरायेदार के अधिकार
मॉडल किरायेदारी अधिनियम के तहत मकान मालिक को घर के मुआयने, रिपेयर से जुड़े काम या किसी दूसरे मकसद से आने के लिए 24 घंटों का लिखित नोटिस एडवांस में देना होगा। रेंट अग्रीमेंट में लिखी समय सीमा से पहले मकान मालिक किरायेदार को तब तक नहीं निकाल सकता, जब तक उसने लगातार दो महीनों तक किराया न दिया हो या वह प्रॉपर्टी का गलत इस्तेमाल कर रहा हो। कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए अधिकतम 6 महीने का सिक्योरिटी डिपॉजिट लिया जा सकता है।
मकान मालिक का अधिकार
किरायेदार अगर रेंट एग्रीमेंट खत्म होने के बाद भी मकान खाली नहीं कर रहा है, तो मकान मालिक को चार गुना तक मासिक किराया मांगने का अधिकार होगा। इसी के साथ अगर किराएदार रेंट एग्रीमेंट के मुताबिक समय सीमा के अंदर मकान या दुकान खाली नहीं करता है तो मकान मालिक अगले दो महीने तक उससे दोगुना किराए की मांग कर पाएगा और दो महीने के बाद उसे चार गुना किराया वसूलने का अधिकार होगा।
ये भी पढ़ें: इस योजना में महिलाएं कमा सकती हैं 48 हजार रुपये, कमीशन और निवेश की सुविधा अलग, जानें कैसे लें लाभ
Tenancy Act. किराए के मकान में रहने वालों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। प्रदेश सरकार किरायेदारी कानून संबंधित ऐसा नियम शुरू करने वाली है जिसे किराएदार की सहूलियतों को ध्यान में रखा गया है।
लखनऊ. Tenancy Act. किराए के मकान में रहने वालों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। प्रदेश सरकार किरायेदारी कानून संबंधित ऐसा नियम शुरू करने वाली है जिसे किराएदार की सहूलियतों को ध्यान में रखा गया है। दरअसल, बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार ने मॉडल किरायेदारी अधिनियम (Model Tenancy Act) को मंजूरी दे दी। इसे मॉडल किरायेदारी अधिनियम का मसौदा अब राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा जाएगा। इसे नया कानून बनाकर या वर्तमान किरायेदार कानून में जरूरी संशोधन करके लागू किया जा सकता है।
कानूनी ढांचे को दुरुस्त करेगा किरायेदारी कानून
अक्सर देखा जाता है कि मकान मालिक और किरायेदार के बीच पैसों या प्रॉपर्टी को लेकर विवाद लगा रहता है। राज्य सरकारें किराये की प्रॉपर्टी को लेकर किसी विवाद के जल्द समाधान के लिए रेंट कोर्ट्स और रेंट ट्रिब्यूनल्स भी बना पाएंगी। सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, इससे देशभर में किराये पर मकान देने के संबंध में कानूनी ढांचे को दुरुस्त करने में मदद मिलेगी, जिससे आगे इस क्षेत्र के विकास का रास्ता खुलेगा।
मकान मालिक को भी मिलेंगे अधिकार
नया कानून बनने से किरायेदार के साथ-साथ मकान मालिक को भी कई अधिकार मिलेंगे। मकान या प्रॉपर्टी के मालिक और किरायेदार में किसी बात को लेकर विवाद होता है, तो उसे सुलझाने का दोनों को कानूनी अधिकार मिलेगा। कोई किसी की प्रॉपर्टी पर कब्जा नहीं कर सकता। मकान मालिक भी किरायेदार को परेशान कर घर खाली करने के लिए नहीं कह सकता। इसके लिए जरूरी प्रावधान बनाए गए हैं।
किरायेदार के अधिकार
मॉडल किरायेदारी अधिनियम के तहत मकान मालिक को घर के मुआयने, रिपेयर से जुड़े काम या किसी दूसरे मकसद से आने के लिए 24 घंटों का लिखित नोटिस एडवांस में देना होगा। रेंट अग्रीमेंट में लिखी समय सीमा से पहले मकान मालिक किरायेदार को तब तक नहीं निकाल सकता, जब तक उसने लगातार दो महीनों तक किराया न दिया हो या वह प्रॉपर्टी का गलत इस्तेमाल कर रहा हो। कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए अधिकतम 6 महीने का सिक्योरिटी डिपॉजिट लिया जा सकता है।
मकान मालिक का अधिकार
किरायेदार अगर रेंट एग्रीमेंट खत्म होने के बाद भी मकान खाली नहीं कर रहा है, तो मकान मालिक को चार गुना तक मासिक किराया मांगने का अधिकार होगा। इसी के साथ अगर किराएदार रेंट एग्रीमेंट के मुताबिक समय सीमा के अंदर मकान या दुकान खाली नहीं करता है तो मकान मालिक अगले दो महीने तक उससे दोगुना किराए की मांग कर पाएगा और दो महीने के बाद उसे चार गुना किराया वसूलने का अधिकार होगा।
ये भी पढ़ें: इस योजना में महिलाएं कमा सकती हैं 48 हजार रुपये, कमीशन और निवेश की सुविधा अलग, जानें कैसे लें लाभ