कारम डैम के लापरवाहों पर बड़ा एक्शन, 8 इंजीनियर सस्पेंड | CM Shivrajsingh Chauhan suspends eight officers Karam dam | Patrika News
इससे पहले बांध निर्माण से जुड़ी दो कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड भी किया जा चुका है- मुख्यमंत्री के निर्देश पर आठों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. गौरतलब है कि इससे पहले बांध निर्माण से जुड़ी दो कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड भी किया जा चुका है. इन दोनों कंपनियों का पंजीयन भी निलंबित कर दिया गया था.
निलंबित होने वाले अधिकारी
जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री पी जोशी, उपयंत्री विजय कुमार जत्थाप, उपयंत्री दशाबंता सिसोदिया, उपयंत्री आरके श्रीवास्तव और उपयंत्री अशोक कुमार, मुख्य अभियंता सीएस घटोले, कार्यपालन यंत्री बीएल निनामा और एसडीओ वकार अहमद सिद्धीकी को निलंबित’किया गया है.
कारम डैम फूटने के 15 दिन बाद सरकार ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की। शुक्रवार सुबह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निर्माण एजेंसी और सरकार की जांच पर सवाल उठाया था। शाम को राज्य सरकार ने कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया। शाम को जल संसाधन विभाग के अवर सचिव की ओर से मामले में 8 इंजीनियरों को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा है कि जांच में बांध के निर्माण में लापरवाही सामने आने पर 8 अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। जांच के बाकी तथ्य आने पर जो भी दोषी होंगे वो छोड़े नहीं जाएंगे।
सस्पेंड किए गए इंजीनियरों में किसकी क्या भूमिका
1- चीफ इंजीनियर-सीएस घटोले
व्हिसल ब्लोअर लोकेश सोलंकी ने बांध में धांधली की शिकायत की तो उनसे कहा कि आप ज्यादा जानते हैं तो आप ही बांध बनवा लीजिए। घटोले को निर्माण में गड़बड़ियों का पूरा वीडियो भी दिया गया था।
2- सुप्रिटेंडेंट इंजीनियर पुरुषोत्तम जोशी
व्हिसल ब्लोअर लोकेश सोलंकी इनसे भी मिले थे लेकिन धांधली के सबूतों पर इन्होंने भी कोई ध्यान नहीं दिया.
3- एसडीओ- वकार अहमद सिद्दीकी
23 सितंबर 2020 को अर्थ वर्क और कंक्रीट की क्वालिटी खराब होने की शिकायत इन्हें ही दी गई थी। शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया।
4- एग्जीक्यूटिव इंजीनियर- बीएल निनामा
इन्हें भी शिकायत मिली थी कि कारम बांध के काम में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया।
– सब इंजीनियर अशोक कुमार,विजय कुमार जत्थाप दशाबंता सिसोदिया और आरके श्रीवास्तव
इन चारों की ड्यूटी थी कि वे बांध के काम को रोजाना मॉनिटरिंग करें लेकिन इन्होंने फील्ड पर रहकर भी जिम्मेदारियों की अनदेखी की।
ये है पूरा मामला
10 अगस्त को कारम डैम की मिट्टी की दीवार में पहला लीकेज सामने आया था। इसके बाद सरकार हरकत में आई और धार तथा खरगोन जिले के करीब 30 गांवों को खाली कराया गया। सरकार ने 3 दिन की मशक्कत के बाद डैम में कट लगाकर वहां से पानी निकालने का फैसला किया। पानी निकलना शुरू हुआ तो डैम की दीवार का 20 मीटर हिस्सा भी बह गया। लोगों को शिफ्ट कर दिया गया था इसलिए जान का नुकसान नहीं हुआ। हालांकि लोगों के खेतों में पानी भर गया और उनके जानवर भी बह गए।
क्या कहा गया जांच रिपोर्ट में
जांच रिपोर्ट में बताया गया कि न तो निर्माण करनेवाली कंपनियों ने अपने हिस्से का काम ठीक ढंग से किया न ही बांध के काम की निगरानी कर रहे इंजीनियरों ने इसकी ठीक मॉनिटरिंग की।
काम आया दबाव
कारम डैम की जांच पर पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने सवाल उठाए। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह व नेता प्रतिपक्ष डॉण् गोविंद सिंह समेत कई कांग्रेस नेताओं ने डैम के बहाने शिवराज सरकार को घेरा। कमलनाथ ने शिवराज सरकार से पूछा कि पांच दिन में जांच का दावा था लेकिन 11 दिन बीत चुके हैं। जांच रिपोर्ट कहां है, इस पर कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होगी जाती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। कमलनाथ कारम डैम का निरीक्षण भी कर चुके हैं। शुक्रवार को उन्होंने एक के बाद एक 4 ट्वीट किए। इसके बाद आखिरकार राज्य सरकार ने अधिकारियो के निलंबन की कार्रवाई की. डैम का निर्माण दिल्ली की कंपनी एएनएस कंस्ट्रक्शन और सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है. दोनों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। साथ ही दोनों कंपनियों को नोटिस भी भेजा गया है।
एक नजर में कारम डेम
धार जिले के कोठिदा गांव में कारम नदी पर बन रहा डेम
डैम का जल संग्रहण क्षेत्र 184 वर्ग किमी
बांध की लंबाई 564 मीटर
बांध की चौड़ाई 6 मीटर
जल भरण क्षमता 44 मीट्रिक घन मीटर
लागत 304 करोड़ रुपए
इससे पहले बांध निर्माण से जुड़ी दो कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड भी किया जा चुका है- मुख्यमंत्री के निर्देश पर आठों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. गौरतलब है कि इससे पहले बांध निर्माण से जुड़ी दो कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड भी किया जा चुका है. इन दोनों कंपनियों का पंजीयन भी निलंबित कर दिया गया था.
निलंबित होने वाले अधिकारी
जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री पी जोशी, उपयंत्री विजय कुमार जत्थाप, उपयंत्री दशाबंता सिसोदिया, उपयंत्री आरके श्रीवास्तव और उपयंत्री अशोक कुमार, मुख्य अभियंता सीएस घटोले, कार्यपालन यंत्री बीएल निनामा और एसडीओ वकार अहमद सिद्धीकी को निलंबित’किया गया है.
कारम डैम फूटने के 15 दिन बाद सरकार ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की। शुक्रवार सुबह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निर्माण एजेंसी और सरकार की जांच पर सवाल उठाया था। शाम को राज्य सरकार ने कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया। शाम को जल संसाधन विभाग के अवर सचिव की ओर से मामले में 8 इंजीनियरों को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा है कि जांच में बांध के निर्माण में लापरवाही सामने आने पर 8 अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। जांच के बाकी तथ्य आने पर जो भी दोषी होंगे वो छोड़े नहीं जाएंगे।
सस्पेंड किए गए इंजीनियरों में किसकी क्या भूमिका
1- चीफ इंजीनियर-सीएस घटोले
व्हिसल ब्लोअर लोकेश सोलंकी ने बांध में धांधली की शिकायत की तो उनसे कहा कि आप ज्यादा जानते हैं तो आप ही बांध बनवा लीजिए। घटोले को निर्माण में गड़बड़ियों का पूरा वीडियो भी दिया गया था।
2- सुप्रिटेंडेंट इंजीनियर पुरुषोत्तम जोशी
व्हिसल ब्लोअर लोकेश सोलंकी इनसे भी मिले थे लेकिन धांधली के सबूतों पर इन्होंने भी कोई ध्यान नहीं दिया.
3- एसडीओ- वकार अहमद सिद्दीकी
23 सितंबर 2020 को अर्थ वर्क और कंक्रीट की क्वालिटी खराब होने की शिकायत इन्हें ही दी गई थी। शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया।
4- एग्जीक्यूटिव इंजीनियर- बीएल निनामा
इन्हें भी शिकायत मिली थी कि कारम बांध के काम में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया।
– सब इंजीनियर अशोक कुमार,विजय कुमार जत्थाप दशाबंता सिसोदिया और आरके श्रीवास्तव
इन चारों की ड्यूटी थी कि वे बांध के काम को रोजाना मॉनिटरिंग करें लेकिन इन्होंने फील्ड पर रहकर भी जिम्मेदारियों की अनदेखी की।
ये है पूरा मामला
10 अगस्त को कारम डैम की मिट्टी की दीवार में पहला लीकेज सामने आया था। इसके बाद सरकार हरकत में आई और धार तथा खरगोन जिले के करीब 30 गांवों को खाली कराया गया। सरकार ने 3 दिन की मशक्कत के बाद डैम में कट लगाकर वहां से पानी निकालने का फैसला किया। पानी निकलना शुरू हुआ तो डैम की दीवार का 20 मीटर हिस्सा भी बह गया। लोगों को शिफ्ट कर दिया गया था इसलिए जान का नुकसान नहीं हुआ। हालांकि लोगों के खेतों में पानी भर गया और उनके जानवर भी बह गए।
क्या कहा गया जांच रिपोर्ट में
जांच रिपोर्ट में बताया गया कि न तो निर्माण करनेवाली कंपनियों ने अपने हिस्से का काम ठीक ढंग से किया न ही बांध के काम की निगरानी कर रहे इंजीनियरों ने इसकी ठीक मॉनिटरिंग की।
काम आया दबाव
कारम डैम की जांच पर पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने सवाल उठाए। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह व नेता प्रतिपक्ष डॉण् गोविंद सिंह समेत कई कांग्रेस नेताओं ने डैम के बहाने शिवराज सरकार को घेरा। कमलनाथ ने शिवराज सरकार से पूछा कि पांच दिन में जांच का दावा था लेकिन 11 दिन बीत चुके हैं। जांच रिपोर्ट कहां है, इस पर कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होगी जाती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। कमलनाथ कारम डैम का निरीक्षण भी कर चुके हैं। शुक्रवार को उन्होंने एक के बाद एक 4 ट्वीट किए। इसके बाद आखिरकार राज्य सरकार ने अधिकारियो के निलंबन की कार्रवाई की. डैम का निर्माण दिल्ली की कंपनी एएनएस कंस्ट्रक्शन और सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है. दोनों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। साथ ही दोनों कंपनियों को नोटिस भी भेजा गया है।
एक नजर में कारम डेम
धार जिले के कोठिदा गांव में कारम नदी पर बन रहा डेम
डैम का जल संग्रहण क्षेत्र 184 वर्ग किमी
बांध की लंबाई 564 मीटर
बांध की चौड़ाई 6 मीटर
जल भरण क्षमता 44 मीट्रिक घन मीटर
लागत 304 करोड़ रुपए