कानपुर पुलिस कमिश्नर कहते हैं वकील-पुलिस भाई-भाई और दर्ज करा दी FIR, बार एसोसिएशन अध्यक्ष का छलका दर्द

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कानपुर पुलिस कमिश्नर कहते हैं वकील-पुलिस भाई-भाई और दर्ज करा दी FIR, बार एसोसिएशन अध्यक्ष का छलका दर्द

कानपुर पुलिस कमिश्नर कहते हैं वकील-पुलिस भाई-भाई और दर्ज करा दी FIR, बार एसोसिएशन अध्यक्ष का छलका दर्द

कानपुर: यूपी के कानपुर में पुलिस और वकीलों के बीच हमेशा तनावपूर्ण स्थिति बनी रहती है। कानपुर में बीते कुछ महीनों में वकील और पुलिस के मारपीट के कई वीडियो भी सामने आए हैं। बीते मंगलवार को एक अधिवक्ता ने ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक सिपाही की जमकर पिटाई कर दी थी। सिपाही को सड़क पर गिराकर पीटा गया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिसकी वजह से अधिवक्ताओं में भारी नाराजगी है। बार एसोसिएशन अध्यक्ष का कहना है कि पुलिसकर्मी और वकील को डांटकर गले मिला दिया जाना चाहिए था।

कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित महिला थाने के पास ट्रैफिक सिपाही जितेंद्र कुशवाहा यातायात व्यवस्था संभाल रहे थे। सिपाही का आरोप है कि मंगलवार दोपहर अधिवक्ता सतेंद्र वाजपेई गलत तरीके से अपनी गाड़ी खड़ी कर दी थी, जिसकी वजह से ट्रैफिक बाधित होने लगा। जब अधिवक्ता को टोका गया तो गाली-गलौच शुरू कर दी। विरोध करने पर सतेंद्र वाजपेई ने अपने अधिवक्ता साथियों जीतू और आशुतोष कटियार के साथ मिलकर जमकर मारपीट की थी। वहां लगे सीसीटीवी कैमरों में पूरी घटना कैद हो गई थी।

15 दिन में फाइल होगी चार्जशीट
ट्रैफिक सिपाही का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, अधिकारियों ने पूरे मामले को संज्ञान में लिया। अधिवक्ताओं के खिलाफ कोतवाली में मारपीट, बलवा, सरकारी काम में बाधा, जान से मारने की धमकी की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। ज्वाईंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज के आधार पर केस दर्ज किया गया है। इसकी विवेचना जारी है, और 15 दिनों में चार्जशीट फाइल कर दी जाएगी। हम न्यायलय से अपील करेंगे कि ऐसे केसों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए। कचहरी के आसपास सीसीटीवी और ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगवाएं जाएंगे।

सिपाही ने खींची थी फोटो
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेशचंद्र त्रिपाठी ने कहा कि मैंने मौके पर जाकर जांच की है, जिसमें पाया कि अधिवक्ता सतेंद्र अपनी गाड़ी लगा रहे थे। पुलिसकर्मी ने पीछे से गाड़ी की फोटो खींच ली। उन्होंने कहा कि यह वकीलों की गाड़ी है, पीछे से फोटो क्यों खींच रहे हो। इस पर ट्रैफिक सिपाही ने बदजुबानी की, वकील ने विरोध किया तो बहस होने लगी। इसके बाद दोनों पक्षों में मारपीट हो गई।

सिपाही-वकील हो डांटकर गले मिला देते
नरेशचंद्र त्रिपाठी ने कहा, पुलिस कमिश्नर से कहना है कि एक तरफ आप कहते हैं कि पुलिस-वकील भाई-भाई हैं। इसके बाद आप ने एफआईआर दर्ज करा दी। मैं बार एसोसिएशन अध्यक्ष हूं। आप मुझको बुलाते मैं अपने वकील को डांट देता और आप अपने सिपाही को डांट देते, जबकि वकील ने कहीं से भी सरकारी कार्य में बाधा नहीं डाला है। मारपीट दोनों तरफ से हुई है। पुलिस को केस दर्ज नहीं करना चाहिए। सिपाही और वकील को डांट कर गले मिला देते बात खत्म हो जाती। हमने अपने वकील को नोटिस दी है। यदि सिपाही की तरफ से एफआईआर दर्ज हुई है, तो वकीलों की तफर से एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।
रिपोर्ट – सुमित शर्मा

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