कानपुर के चर्चित Jyoti Murder Case में उम्रकैद काट रही मनीषा को मिली बेल, जानिए क्‍या थी पूरी कहानी

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कानपुर के चर्चित Jyoti Murder Case में उम्रकैद काट रही मनीषा को मिली बेल, जानिए क्‍या थी पूरी कहानी

कानपुर के चर्चित Jyoti Murder Case में उम्रकैद काट रही मनीषा को मिली बेल, जानिए क्‍या थी पूरी कहानी


कानपुर: यूपी में कानपुर के चर्चित ज्योति हत्याकांड में उम्र कैद की सजा काट रही मनीषा खमीजा को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। मनीषा खमीजा तीन महीने बाद जेल से बाहर आ जाएगी। मनीषा की तरफ से उम्रकैद की सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की गई थी। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई तक के लिए मनीषा को जमानत दे दी है। कोर्ट ने दो जमानतें और निजि मुचलका दाखिल करने पर जेल से रिहाई के आदेश दिए हैं।

पांडुनगर निवासी बिस्कुट कारोबारी ओमप्रकाश श्यामदासानी के बेटे पीयूष श्यामदासानी की शादी ज्योति से हुई थी। 27 जुलाई 2014 को चाकू से गोदकर ज्योति की हत्या कर दी गई थी। पीयूष ने पुलिस को गुमराह करते हुए अपहरण और हत्या की कहानी बताई थी। पनकी में आधी रात को ज्योति का शव कार में लहुलुहान हालत में मिला था। पुलिस की जांच में सामने आया था कि पीयूष ने प्रेमिका मनीषा खमीजा के लिए पत्नी की हत्या कराई थी। इस मामले में पुलिस ने पीयूष, मनीषा खमीजा, मनीषा के ड्राइवर अवधेश, अवधेश की साथी रेनू, सोनू और आशीष कश्यप को आरोपी बनाया था।

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद ज्योति को मिला था न्याय

आठ साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद एडीजे प्रथम के अदालत ने 20 अक्टूबर 2022 को पति पीयूष, प्रेमिका मनीषा खमीजा, ड्राइवर अवधेश, आशीष, सोनू, रेनू को दोषी ठहराते हुए, उम्र कैद की सजा सुनाई थी। वहीं साक्ष्यों के आभाव में पीयूष की मां और दोनों भाईयों को बरी कर दिया गया है। कोर्ट के फैसले पर ज्योति के पिता शंकरनाग देव की आंखों से आंसू निकल पड़े थे। उन्होंने कहा था कि आठ साल की कानूनी लड़ाई के बाद बेटी को न्याय मिला है।

मनीषा के वकील ने रखे कोर्ट में रखे तर्क

मनीषा खमीजा के वकील ने कोर्ट तर्क रखा कि मनीषा घटना स्थल पर मौजूद नहीं थी, उसके पास से किसी तरह की बारामदगी भी नहीं हुई है। मनीषा पर लगा मुकदमा परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित है। पीयूष और मनीषा के संबंधों के भी पुख्ता साक्ष्य नहीं है। बिना किसी साक्ष्य के मनीषा पर षड़यंत्र रचने के आरोप मढ़े गए हैं। मुकदमें की सुनवाई के दौरान भी वह जमानत थी। सजा के खिलाफ की गई अपील का फैसला आने तक उसे जमानत दी जानी चाहिए। अभियोजन की तरफ से तर्क रखा गया कि पीयूष ने प्रेमिका मनीषा खमीजा से साथ मिलकर पत्नी ज्योति की हत्या का षड़यंत्र रचा था। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव की बेंच ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद मनीषा खमीजा की जमानत दे दी।
रिपोर्ट-सुमित शर्मा

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