कांग्रेस में बयानबाजी पर आलाकमान के आदेश बेअसर, मंत्री गुढ़ा ने फिर अलापा मुख्यमंत्री बदलने का राग | Rhetoric started again in Rajasthan Congress regarding CM face | Patrika News

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कांग्रेस में बयानबाजी पर आलाकमान के आदेश बेअसर, मंत्री गुढ़ा ने फिर अलापा मुख्यमंत्री बदलने का राग | Rhetoric started again in Rajasthan Congress regarding CM face | Patrika News

कांग्रेस में बयानबाजी पर आलाकमान के आदेश बेअसर, मंत्री गुढ़ा ने फिर अलापा मुख्यमंत्री बदलने का राग | Rhetoric started again in Rajasthan Congress regarding CM face | Patrika News

हाल ही में सचिन पायलट कैंप के विधायक रामनिवास गावड़िया की ओर से धर्मेंद्र राठौड़ पर की गई बयानबाजी के बाद अब सचिन पायलट के कैंप के माने जाने वाले मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने ने भी एक बार फिर गहलोत गुट के मंत्री महेश जोशी, शांति धारीवाल और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को पार्टी से बर्खास्त करने की मांग कर डाली है, साथ ही जल्द से जल्द मुख्यमंत्री का चेहरा भी बदलने की मांग पार्टी आलाकमान से की है।

आलाकमान की प्रतिष्ठा पर उठ रहे सवाल
पायलट गुट के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि सियासी घटनाक्रम के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि मुख्यमंत्री का फैसला एक-दो दिन में हो जाएगा और समानांतर विधायक दल की बैठक बुलाने वाले मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और आरटीडीसी के चेयरमैन राठौड़ पर भी कड़ी कार्रवाई होगी लेकिन इस घटना को 1 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक कारण बताओ नोटिस जारी करने के अलावा गहलोत गुट के इन मंत्रियों पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है, न तो इन्हें पार्टी से बर्खास्त किया गया है और न ही ने पार्टी से निकाला गया है। फैसला लेने में देरी करने से अब पार्टी आलाकमान की प्रतिष्ठा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

इस बार दिल्ली में होनी चाहिए विधायक दल की बैठक
मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि इस बार विधायक दल की बैठक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को दिल्ली में बुलानी चाहिए, चूंकि जयपुर में बीते माह किस तरह का घटनाक्रम हुआ था मलिकार्जुन खरगे खुद पर्यवेक्षक के तौर पर उसके गवाह रहे हैं। उन्होंने पूरा घटनाक्रम देखा है कि कैसे गहलोत गुट के विधायकों ने पार्टी की आधिकारिक विधायक दल की बैठक के समानांतर शांति धारीवाल के आवास पर विधायक दल की बैठक चलाई थी।

सीएम के चेहरे पर जल्द से जल्द हो फैसला
वहीं मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि पार्टी आलाकमान को अब सीएम के चेहरे पर जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए, जिसका लाभ पार्टी को गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों में मिलेगा। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति अच्छी है। ऐसे में अब पार्टी आलाकमान को मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने में देर नहीं करनी चाहिए।

जवाब दे रहा है पायलट कैंप का सब्र
वहीं मुख्यमंत्री बदलने को लेकर चले सियासी घटनाक्रम को अब 1 महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है लेकिन अभी तक भी समानांतर बैठक बुलाए जाने के दोषी गहलोत गुट के मंत्रियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होने और मुख्यमंत्री का फैसला नहीं होने को लेकर पायलट कैंप के विधायकों का सब्र अब जवाब देने लगा है। यही वजह है कि प्रदेश में एक बार फिर से बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है। पायलट कैंप के नेताओं की ओर से की गई बयानबाजी को लेकर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का भी कहना है कि सभी को बयानबाजी से बचना चाहिए और जो भी बयानबाजी कर रहा है उस पर पार्टी आलाकमान की नजर है।

25 सितंबर को घटा सियासी घटनाक्रम
दरअसल प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम की रायशुमारी को लेकर पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन और पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खरगे ने 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री आवास पर बुलाई थी लेकिन गहलोत गुट के विधायकों ने पार्टी की आधिकारिक विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करें यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर समानांतर बैठक बुलाई थी, जिसमें 92 विधायकों ने शामिल होकर अपने इस्तीफे विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को सौंप दिए थे।

इस मामले में प्रदेश प्रभारी अजय माकन और मल्लिकार्जुन खरगे ने अनुशासनहीनता की रिपोर्ट तैयार करके कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपी थी जिसके बाद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक महेश जोशी और आरटीडीसी के चेयरमैन राठौड़ को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। हालांकि तीनों नेताओं की ओर से नोटिस का जवाब पार्टी आलाकमान को दे दिया गया है लेकिन आलाकमान की ओर से अभी तक भी तीनों नेताओं पर कोई एक्शन नहीं लेने पायलट गुट में नाराजगी बढ़ रही है।

वीडियो देखेंः- राजस्थान : सियासी घटनाक्रम का विलेन कौन ?



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