कांग्रेस के लिए संकट राजस्थान में और ‘संकटमोचक’ गुजरात में, कहीं ‘उधर’ के चक्कर में ‘इधर’ खेल न हो जाए

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कांग्रेस के लिए संकट राजस्थान में और ‘संकटमोचक’ गुजरात में, कहीं ‘उधर’ के चक्कर में ‘इधर’ खेल न हो जाए

कांग्रेस के लिए संकट राजस्थान में और ‘संकटमोचक’ गुजरात में, कहीं ‘उधर’ के चक्कर में ‘इधर’ खेल न हो जाए

जयपुर: गुजरात में कांग्रेस की लाज बचाने की जिम्मेदारी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जिम्मे है। पिछले विधानसभा चुनावों में भी अशोक गहलोत ने कई विधानसभा क्षेत्रों में पैदल घूम घूम कर कांग्रेस का प्रचार किया था। गहलोत के लगातार एक्टिव रहने से 2017 के चुनावों में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया था। इस बार भी कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत को सीनियर ऑब्जर्वर बनाया है और पूर्व मंत्री रघु शर्मा को गुजरात कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किया है। रघु शर्मा लम्बे समय से गुजरात में ही डटे हैं और वे अशोक गहलोत के निर्देशानुसार काम कर रहे हैं।

चार दिन से दौरे से लौटे, अब फिर गुजरात दौरे पर निकले गहलोत
अशोक गहलोत पिछले कुछ महीनों से लगातार गुजरात दौरा कर रहे हैं। लगातार विधानसभा क्षेत्रों में दौरा करने के साथ मीडिया से रूबरू होकर पार्टी का विजन जनता के सामने रख रहे हैं। हाल ही में 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चार दिवसीय दौरा करने के बाद गहलोत शनिवार 5 नवम्बर से 7 नवम्बर तक फिर से दौरा करेंगे। वे हेलीकॉप्टर से अलग अलग विधानसभाओं का ताबड़तोड़ दौरे करेंगे। विभिन्न क्षेत्रों में 10 जनसभाओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस के समर्थन में मतदान करने की अपील करेंगे। राजकोट में वे प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। इसके बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म स्थान और पैतृक गांव का दौरा करेंगे।

राजस्थान का विकास मॉडल बताएंगे गुजरात में
राजस्थान में सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई ऐसी योजनाएं लांच की, जिनकी चर्चा पूरे देश में रही। पहले मुफ्त दवा, फिर मुफ्त जांच और अब चिरंजीवी योजना के तहत प्रदेश के सभी परिवारों को 10 लाख रुपए तक का इलाज निशुल्क दिया जा रहा है। सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों खोलने की पहल राजस्थान ने ही की है और हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। पुरानी पेंशन योजना बहाल करके राज्य सरकार ने एक बड़े वर्ग को कांग्रेस से जोड़ने का प्रयास किया है।

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गहलोत कहते हैं कि गुजरात मॉडल सिर्फ हवाहवाई है जबकि राजस्थान मॉडल से प्रदेश के नागरिकों को कई तरह की सुविधाएं मिली है। गहलोत दावा करते हैं कि अगर गुजरात में कांग्रेस सत्ता में आती है तो इस तरह की तमाम योजनाएं गुजरात में भी लागू की जाएगी।

राजस्थान में उठापटक का दौर जारी
इधर राजस्थान की बात करें तो सचिन पायलट बनाम अशोक गहलोत के बीच जुबानी जंग बरकरार है। इशारों – इशारों में दोनों नेता एक दूसरे पर कटाक्ष कर रहे हैं। सचिन पायलट के बयानों के बाद तेज हुई राजनीति के बाद सीएम अशोक गहलोत ने भी इस मुद्दे पर कटाक्ष कर दिया। उन्होंने बिना सचिन पायलट का नाम लिए यह भी कह दिया कि एंबीशन हर व्यक्ति का होता है, हम क्यों बुरा मानें। महत्वकांक्षा रहनी चाहिए लेकिन अप्रोच का फर्क होता है। प्रदेश में गहलोत गुट के मंत्री महेश जोशी और प्रतापसिंह खाचरियावास के बीच चल रही तकरार ने भी राजनीतिक पारा चढ़ा रखा है।
रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़

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