कांग्रेस का सियासी संकट ब्यूरोक्रेसी में भी चर्चा का विषय, कामकाज पर भी असर | Congress political crisis is also matter of discussion in bureaucracy | Patrika News

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कांग्रेस का सियासी संकट ब्यूरोक्रेसी में भी चर्चा का विषय, कामकाज पर भी असर | Congress political crisis is also matter of discussion in bureaucracy | Patrika News

कांग्रेस का सियासी संकट ब्यूरोक्रेसी में भी चर्चा का विषय, कामकाज पर भी असर | Congress political crisis is also matter of discussion in bureaucracy | Patrika News

आईएएस, आईपीएस और आरएएस अफसरों के बीच इन दिनों राजस्थान कांग्रेस के मौजूदा घटनाक्रम को लेकर चर्चाएं हैं। कार्यालयों से लेकर सचिवालय परिसर में भी कर्मचारियों के बीच इसी मुद्दे पर चर्चा हो रही है। चर्चा इस बात की है कि आखिर कांग्रेस का सियासी घटनाक्रम कितने दिन चलेगा। दिलचस्प बात तो यह है कि राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी घटनाक्रम का सार इन दिनों सरकार के कामकाज पर पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा
दरअसल सचिवालय में इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा मुख्यमंत्री को लेकर है। चर्चा इस बात की है कि आखिर अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने रहेंगे या फिर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं। अगर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो फिर प्रदेश में नया मुख्यमंत्री कौन होगा? नौकर शाह भी राजस्थान कांग्रेस में गठित सियासी घटनाक्रम के अपने अपने तरीके से सियासी मायने निकाल रहे हैं।

कामकाज पर पड़ रहा असर
नौकरशाहों के माने तो राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी घटनाक्रम का सार इन दिनों सरकार के कामकाज पर पड़ रहा है, पिछले 3 दिन से मंत्रिमंडल का कोई सदस्य सचिवालय स्थित अपने कार्यालय नहीं पहुंचा, और जरूरी फाइलों का निपटारा भी नहीं कर पाए।

नौकर शाह इस इंतजार में है कि जल्द से जल्द कांग्रेस के सियासी घमासान का निपटारा हो और कामकाज फिर पटरी पर लौटे। नौकरशाहों में चर्चा इस बात की भी एक ही अगर राजस्थान में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलता है तो फिर नए सिरे से मंत्रिमंडल पुनर्गठन होगा और प्रशासनिक अमले में भी बड़े स्तर पर फेरबदल होगा जिससे कुछ समय के लिए सरकारी कामकाज प्रभावित हो जाएगा, जबकि कई महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन अभी तक नहीं हो पाया है जो सीधे जनता से जुड़ी हुई हैं।

गौरतलब है कि राजस्थान कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद को लेकर इन दिनों सियासी जंग चल रही है। रविवार को अशोक गहलोत कैंप की ओर से विधायक दल की समानांतर बैठक चलाई गई थी और 92 विधायकों ने मुख्यमंत्री के समर्थन में इस्तीफा दे दिए थे, जिसके बाद कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने इसे गहलोत गुट की अनुशासनहीनता करार देते हुए सोनिया गांधी से कार्रवाई की सिफारिश की थी।

इसके बाद कांग्रेस की अनुशासन समिति ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले शांति धारीवाल, महेश जोशी और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया था। वहीं इस मामले को लेकर गहलोत-पायलट कैंप के बीच में बयानबाजी चल रही है।

वीडियो देखेंः- Rajasthan political crisis : सियासी घमासान की Latest Update



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