करौली सरकार… पहली पत्नी को बदकिस्मत बताकर की थी दूसरी शादी, कभी स्कूटर से चलता था और आज 3 रेंज रोवर का मालिक

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करौली सरकार… पहली पत्नी को बदकिस्मत बताकर की थी दूसरी शादी, कभी स्कूटर से चलता था और आज 3 रेंज रोवर का मालिक

करौली सरकार… पहली पत्नी को बदकिस्मत बताकर की थी दूसरी शादी, कभी स्कूटर से चलता था और आज 3 रेंज रोवर का मालिक


सुमित शर्मा, कानपुरः यूपी के कानपुर (kanpur news) में बाबा करौली सरकार (karauli sarkar) झाड़फूंक-तंत्रमंत्र से बाधाएं और बीमारियां दूर करने का दावा करता है। कानपुर के करौली सरकार की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। करौली सरकार बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया जब अपने शुरूआती दिनों में आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, तो उसने अपनी पहली पत्नी को बदकिस्मत बताकर छोड़ दिया था। इसके बाद उसने दूसरी शादी कर ली थी। इसके साथ ही पुरानी खटारा स्कूटर से चलने वाला बाबा पहले टेंपो का मालिक बना, फिर इसके बाद मात्र तीन साल में बाबा अकूत संपत्ति का मालिक बन बैठा। आज वह तीन रेंज रोवर कारों का मालिक है। बुधवार को बाबा के लवकुश आश्रम में पहली बार पुलिस ने भी दस्तक देदी है।

उन्नाव के पवई गांव में रहने वाले संतोष सिंह भदौरिया ने गरीबी को महसूस किया है। संतोष सिंह भदौरिया ने रेल बाजार में रहने वाली रेनू सिंह से शादी की थी। संतोष शादी के बाद किसी तरह से जीवन यापन करने लगा। जब वह आर्थिक संकट से परेशान हो गया, तो उसने अपनी पहली पत्नी को बदकिस्मत बताकर छोड़ दिया था।

इसके बाद उसने ममता तिवारी नाम की महिला से शादी कर ली थी। संतोष की दूसरी पत्नी ममता का कल्यानपुर में प्लॉट था। इसे बेचकर उसने प्रॉपर्टी का काम शुरू किया था। लेकिन ममता के भाईयों ने विरोध किया, फिर उसी प्लॉट के पैसे से उसके लिए टेंपो खरीदकर दे दिया। बाबा की दूसरी पत्नी ममता से संतोष के दो बेटे हैं। दोनों बेटों की शादी हो चुकी है।

किसान नेता बन कमाना चाहता था पैसा

संतोष सिंह भदौरिया का टेंपो चलाने में भी मन नहीं लगा। दरअसल वह कम समय में ज्यादा पैसा कमाना चाहता था। इसके लिए वह भारतीय किसान यूनियन में किसान नेता बन गया। संतोष का उद्देश्य था कि भाकियू का राष्ट्रीय नेता बनकर अपना वर्चस्व कायम कर सके। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। धरना प्रदर्शन के दौरान कई बार लाठियां खाने के बाद उसका नेता नगरी से भी मोहभंग हो गया। इसके बाद उसने भाकियू से भी दूरी बना ली।

विवादित जमीनों की करता था खरीद-फरोख्त

संतोष सिंह भदौरिया ने एक बार फिर प्रॉपर्टी का काम शुरू किया। उसने विवादित जमीनों को खरीदना और बेचना शुरू कर दिया। इसके साथ ही उसने जमीनों पर कब्जा करना भी शुरू कर दिया। संतोष ने बिधनू के करौली गांव में एक भदौरिया परिवार की जमीन को बेहद कम कीमत में खरीद ली। इस तरह से उसने सैकड़ों बीघा जमीन बना ली।

ऐसे बना आयुर्वेदाचार्य

संतोष सिंह भदौरिया ने खुद को आर्थिक रूप से मजबूत करने के बाद आयुर्वेदिक एंव प्राकृतिक चिकित्सा अस्पताल बनाया था। इसके प्रचार-प्रसार करने के लिए सिविल लाइन में एक क्लीनिक खोला था। उसके अस्पताल में फिजियोथेरपी कराने के लोग जाया करते थे। लेकिन संतोष भदौरिया को इसमें भी लाभ नहीं हुआ। इसके बाद 2017-2018 में उसने पूर्वज मुक्ति केंद्र खोल दिया, और करौली सरकार बन गया।

‘ओम शिव बैलेंस’ बोलकर दूर करता है चमत्कार

करौली सरकार बाबा ओम शिव बैलेंस बोलकर लोगों की बाधाएं और बीमारियों को दूर करते हैं। बाबा के वीडियो सोशल मीडिया पर देखे जा सकते हैं। कानपुर करौली बाबा को यूट्बर बाबा भी कहा जाता है। बाबा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने लगा। बीते तीन वर्षों में करौली सरकार के पास देशभर लोग अपना इलाज कराने के लिए पहुंचने लगे। संतोष सिंह करौली बाबा के नाम से फेमस हो गया। बाबा ने मात्र तीन साल में 14 एकड़ में अपना साम्राज्य बना रखा है। आडंबर की दुकान चला रहा बाबा अकूत संपत्ति का मालिक हैं।

फिलहाल इसलिए चर्चा में है

बिधनू थाना क्षेत्र स्थित करौली गांव में बाबा का लवकुश आश्रम है। करौली सरकार के आश्रम में दूर-दराज से लोग आर्शीवाद लेने के लिए आते हैं। नोएडा, गौतमबुद्ध नगर में रहने वाले डॉ सिद्धार्थ चौधरी पिता वीएस चौधरी, मां रेनू चौधरी और पत्नी प्रियंका चौधरी के साथ बीते 22 फरवरी 2023 को करौली सरकार के दरबार में आर्शीवाद लेने के लिए पहुंचे थे। सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि आश्रम पहुंचकर सेवादारों के द्वारा बताई गई प्रक्रिया के अनुसार 2600 रुपए की पर्ची कटवाई थी। इसके बाद हम सभी शाम 4 बजे बाबा के दरबार में पेश हुए।

चमत्कार विफल होने पर भड़के बाबा

करौली सरकार ने चमत्कार के उद्देश्य से माइक पर फूंक मारते हुए कहा ओम शिव बैलेंस बोला लेकिन इसका मुझपर कोई असर नहीं हुआ। मैंने यह बात बाबा को बताई, तो बाबा ने दोबारा फूंक मारते हुए ओम शिव बैलेंस बोला। लेकिन बाबा का यह प्रयास भी मुझपर चमत्कार करने में विफल रहा। जब मैंने यह बात बाबा को बताई, तो वो भड़क गए। पगलैट कहते हुए अपने सेवादारों की तरफ इशारा किया। बाबा के सेवादारों ने मुझे बलपूर्वक वहां से घसीटकर हटा दिया। इसके बाद कमरे में बंद करके लातघूंसे और सरिया से पीटा। डॉक्टर सिद्वार्थ चौधरी की नाक की हड्डी तोड़ दी, और सिर फोड़ दिया गया।

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